देवरिया लोकसभा सीट उत्तर प्रदेश की 80 सीटों में से एक है. इस सीट पर सबसे ज्यादा 4 बार विश्वनाथ राय सांसद चुने गए थे. जबकि मोहन सिंह 3 बार सांसद बने थे. अगर पार्टी की बात करें तो कांग्रेस को 6 बार और बीजेपी को 5 बार जीत मिली है. समाजवादी पार्टी को 2 बार और बहुजन समाज पार्टी को एक बार जीत मिली है. चलिए आपको देवरिया लोकसभा सीट का समीकरण और इतिहास बताते हैं.
2024 में बीजेपी को मिली जीत-
लोकसभा चुनाव 2024 में देवरिया लोकसभा सीट से बीजेपी के शशांक मणि ने कांग्रेस के उम्मीदवार अखिलेश प्रताप सिंह को 34 हजार 842 वोटों से हराया है. शशांक मणि को 5.04 लाख वोट मिले, जबकि अखिलेश प्रताप सिंह को 4.69 लाख वोट हासिल हुए.
साल 2019 आम चुनाव के नतीजे-
साल 2019 आम चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार रमापति राम त्रिपाठी ने बीएसपी उम्मीदवार बिनोद कुमार जायसवाल को 2.49 लाख वोटों से हराया था. रामपति राम त्रिपाठी को 5.80 लाख वोट मिले थे. जबकि बीएसपी उम्मीदवार को 3.30 लाख वोट हासिल हुए थे. कांग्रेस ने इस सीट से नियाज अहमद खान को उतारा था. जिनको 51 हजार वोट मिले थे.
देवरिया सीट का इतिहास-
देवरिया लोकसभा सीट पर पहली बार साल 1952 आम चुनाव में वोट डाले गए थे. उस चुनाव में कांग्रेस के बिश्वनाथ राय और सरजू प्रसाद मिश्रा सांसद चुने गए थे. जबकि साल 1957 आम चुनाव में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के रामजी वर्मा सांसद चुने गए थे. साल 1962 आम चुनाव में कांग्रेस ने वापसी की और बिश्वनाथ राय फिर से सांसद चुने गए. इसके बाद बिश्वनाथ राय ने साल 1967 आम चुनाव और साल 1971 आम चुनाव में भी जीत हासिल की थी.
साल 1977 आम चुनाव में जनता पार्टी के उग्रसेन सिंह सांसद बने थे. लेकिन साल 1980 आम चुनाव में कांग्रेस के रामायण राय ने जीत हासिल की. साल 1984 आम चुनाव में कांग्रेस ने राज मंगल पांडे को मैदान में उतारा और उन्होंने जीत दर्ज की. साल 1989 आम चुनाव में भी राम मंगल पांडे सांसद चुने गए थे. लेकिन इस बार उन्होंने जनता दल के टिकट पर चुनाव लड़ा था.
साल 1991 आम चुनाव में जनता दल ने मोहन सिंह को मैदान में उतारा. मोहन सिंह सांसद चुने गए थे. पहली बार इस सीट पर बीजेपी को साल 1996 आम चुनाव में जीत मिली थी. इस चुनाव में प्रकाश मणि त्रिपाठी सांसद चुने गए थे. साल 1998 आम चुनाव में मोहन सिंह नेसमाजवादी पार्टी के टिकट पर जीत हासिल की थी. लेकिन साल 1999 आम चुनाव में बीजेपी के प्रकाश मणि त्रिपाठी सांसद चुने गए. साल 2004 आम चुनाव में समाजवादी पार्टी के मोहन सिंह ने जीत हासिल की.
साल 2009 आम चुनाव में देवरिया में पहली बार बहुजन समाज पार्टी को जीत मिली थी. गोरख प्रसाद जायसवाल सांसद चुने गए थे. साल 2014 आम चुनाव में बीजेपी के कलराज मिश्र सांसद चुने गए. साल 2019 आम चुनाव में बीजेपी के टिकट पर रमापति राम त्रिपाठी सांसद चुने गए.
5 विधानसभा सीटों का गणित-
देवरिया लोकसभा सीट के तहत 5 विधानसभा सीटें आती हैं. इसमें कुशीनगर जिले की तमकुही राज और फाजिल नगर शामिल है. जबकि देवरिया जिले की पथरदेवा, रामपुर कारखाना और देवरिया सीट शामिल है. विधानसभा चुनाव में सभी पांचों सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की है. तमकुही राज से असीम कुमार, फाजिल नगर से सुरेंद्र कुशवाह, देवरिया से शलभ मणि त्रिपाठी, पथरदेवा से सूर्य प्रताप शाही और रामपुर कारखाना से सुरेंद्र चौधरी विधायक हैं.
इस सीट का जातीय समीकरण-
देवरिया लोकसभा सीट पर 17.54 लाख वोटर हैं. जिसमें से 9.57 लाख पुरुष और 7.96 लाख रुरुष वोटर हैं. जबकि इस सीट पर थर्ड जेंडर के 96 वोटर हैं. इस सीट पर 13.9 फीसदी मुस्लिम वोटर हैं. जबकि अनुसूचित जाति के 14.2 फीसदी वोटर हैं. अनुसूचित जनजाति के वोटर्स की संख्या 3.1 फीसदी हैं. सामान्य मतदाताओं की संख्या 19 फीसदी की करीब है. इस सीट पर सबसे ज्यादा ओबीसी वोटर हैं. जिनकी संख्या 52 फीसदी है. इस सीट पर ब्राह्मण, राजपूत और कुर्मी वोटर निर्णायक भूमिका निभाते हैं.
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