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Lok Sabha Election 2024: BJP और Left से TMC को चुनौती, क्या ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक लगा पाएंगे Diamond Harbour Seat से जीत की हैट्रिक, जानें सियासी समीकरण और इतिहास

West Bengal Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 अंतिम चरण में 1 जून 2024 को डायमंड हार्बर सीट पर भी वोटिंग है. यहां से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी जीत की हैट्रिक लगाने की तैयारी में हैं. उधर, बीजेपी उम्मीदवार अभिजीत दास बॉबी अपनी जीत पक्की मान रहे हैं. माकपा प्रत्याशी भी जोरदार ताल ठोक रहे हैं. 4 जून को पता चल जाएगा कि जीत का सेहरा किसके सिर बंधेगा. 

Diamond Harbour Lok Sabha Seat Diamond Harbour Lok Sabha Seat
हाइलाइट्स
  • डायमंड हार्बर लोकसभा सीट पर अंतिम चरण में वोटिंग

  • पूर्व सीएम ज्योति बसु चार बार रह चुके हैं यहां के सांसद

West Bengal Politics: पश्चिम बंगाल (West Bengal) की कुल 42 लोकसभा सीटों में से डायमंड हार्बर सीट सबसे हॉट मानी जाती है. इस लोकसभा क्षेत्र को कभी माकपा का किला कहा जाता था. यहां से पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री ज्योति बसु (Jyoti Basu) 1967 से 1980 तक चार बार सांसद निर्वाचित हुए थे.

माकपा के सांसद समिक लाहिड़ी डायमंड हार्बर सीट से आठ बार निर्वाचित हुए थे. पिछले तीन लोकसभा चुनाव से डायमंड हार्बर सीट से ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस (TMC) की जीत हो रही है. आज हम आपको डायमंड हार्बर लोकसभा सीट का चुनावी इतिहास और ताजा समीकरण बताने जा रहे हैं.

अभिषेक बनर्जी फिर ठोक रहे ताल
लोकसभा चुनाव 2024 Lok Sabha Election 2024) अंतिम चरण में पहुंच गया है. 1 जून 2024 को आखिरी फेज का मतदान होना है. इसी चरण में डायमंड हार्बर सीट पर भी वोटिंग होगी. यहां इस बार त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है. यहां से टीएमसी के मौजूदा सांसद और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के भतीजे अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) जीत की हैट्रिक लगाने के लिए चुनावी मैदान में हैं. उधर, बीजेपी (BJP) ने डायमंड हार्बर सीट से अभिजीत दास बॉबी को अपना उम्मीदवार बनाया है. मार्क्सवाद कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने प्रतिकुर रहमान को चुनावी मैदान में उतारा है. 

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कुल इतने उम्मीदवार हैं चुनावी मैदान में 
इस बार के चुनाव में पांच निर्दलीय समेत कुल 12 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं, लेकिन मुख्य मुकाबला अभिषेक बनर्जी, बॉबी और रहमान में ही हैं. इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) के प्रत्याशी मजनू लस्कर भी कुछ हद तक चुनाव पर असर डाल सकते हैं. तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी का कहना है कि उन्हें इस बार अपने पिछले दो कार्यकाल से ज्यादा मत मिलेंगे, वहीं बीजेपी उम्मीदवार अभिजीत दास (Abhijit Das) का कहना है कि पूरे देश की जनता पीएम मोदी के साथ है. इस बार डायमंड हार्बर सीट पर बीजेपी का कमल खिलेगा. अभिजीत दास इससे पहले भी लोकसभा चुनाव 2009 में इस सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं. हालांकि जीत नसीब नहीं हुई थी.

डायमंड हार्बर लोकसभा सीट का क्या है इतिहास
पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले स्थित डायमंड हार्बर संसदीय क्षेत्र हुगली नदी के पूर्वी तट पर स्थित है. डायमंड हार्बर को पहले हाजीपुर के नाम से जाना जाता था. डायमंड हार्बर को अंग्रेजों ने बसाया था. इस जनरल सीट पर सीपीएम का दशकों तक कब्जा रह चुका है. इस लोकसभा क्षेत्र में पहली बार चुनाव 1952 में हुआ था. उस चुनाव में सीपीएम उम्मीदवार कमल बसु ने जीत दर्ज की थी. दो सदस्यीय लोकसभा सीट होने की वजह से कांग्रेस के टिकट पर विजयी हुए पूर्णेंदु शेखर नस्कर सांसद चुने गए थे. 

लोकसभा चुनाव 1957 में फिर से कांग्रेस प्रत्याशी पूर्णेंदु शेखर नस्कर चुनाव जीते लेकिन सीपीएम के कंसारी हल्दर सांसद बने थे. लोकसभा चुनाव 1962 में  डायमंड हार्बर सीट से कांग्रेस उम्मीदवार सुधांशु भूषण दास विजयी हुए थे. इसके बाद लोकसभा चुनाव 1967 से लेकर 2004 तक लगातार इस सीट पर मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी का कब्जा रहा. लोकसभा चुनाव 1967 से लेकर 1982 तक ज्योतिर्मय बसु डायमंड हार्बर सीट से चार बार सांसद रहे. 1982 के उपचुनाव और लोकसभा चुनाव 1984 से 1991 तक माकपा के अमल दत्ता यहां से चार बार सांसद चुने गए. लोकसभा चुनाव 1996 से लेकर 2004 तक इस सीट से माकपा के समिक लाहिड़ी ने सांसद के तौर पर प्रतिनिधित्व किया. 

2009 में टीएमसी का खुला था खाता 
लोकसभा चुनाव 2009 में डायमंड हार्बर सीट पर टीमएसी पहली बार जीत दर्ज करने में सफल रही टीएमसी के उम्मीदवार सोमेंद्र नाथ मित्रा को 564,612 वोट के साथ 53.56 फीसदी मत मिले थे. सीपीआई (एम) के समिक लाहिड़ी 412,923 मतों के साथ दूसरे नंबर पर रहे थे. बीजेपी उम्मीदवार अभिजीत दास 37,542 वोट के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे.

लोकसभा चुनाव 2014 और 2019 में कैसा रहा जनादेश
लोकसभा चुनाव 2014 में डायमंड हार्बर सीट से टीएमसी उम्मीदवार अभिषेक बनर्जी पहली बार सांसद के रूप में निर्वाचित हुए थे.अभिषेक बनर्जी को 5 लाख, 8 हजार, 481 वोट मिले थे. दूसरे स्थान पर रहे सीपीएम के डॉ. अबुल हसनत को 4 लाख, 37 हजार, 187 वोट मिले थे. बीजेपी के अभिजीत दास 2 लाख, 858 मतों के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे.

लोकसभा चुनाव 2019 में एक बार फिर टीएमसी के अभिषेक बनर्जी ने जीत हासिल की थी. अभिषेक ने बीजेपी के नीलांजन रॉय को पराजित किया था. अभिषेक को 791,127 वोट मिले थे. दूसरे स्थान पर रहे नीलांजन रॉय को 4,70,533 मतों से संतोष करना पड़ा था. माकपा के फवाद हलीम 93,941 वोट के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे. कांग्रेस प्रत्याशी सौम्या आइच रॉय को 19,828 वोट प्राप्त हुए थे. 

सभी विधानसभा सीटों पर टीएमसी का कब्जा
डायमंड हार्बर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत कुल सात विधानसभा सीटें आती हैं. इन सभी सीटों पर वर्तमान में ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी का कब्जा है. डायमंड हार्बर विधानसभा सीट से टीएमसी के पन्नालाल हलदर विधायक हैं. फालता सीट से टीएमसी के शंकर कुमार नस्कर विधायक हैं. सतगछिया विधानसभा सीट से टीएमसी के मोहन चंद्र नस्कर विधायक हैं. बिष्णुपुर सीट से टीएमसी के दिलीप मंडल, महेशतला से टीएमसी के दुलाल चंद्र दास,बजबज से टीएमसी के अशोक कुमार देब और मेटियाब्रुज से टीएमसी के टीसी अब्दुल खालिक मोल्ला विधायक हैं.बिष्णुपुर विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है.

चुनाव में मुस्लिम निभाते हैं निर्णायक भूमिका
डायमंड हार्बर लोकसभा क्षेत्र में इस बार 18 लाख से ज्यादा मतदाता मतदान के पात्र हैं. मटियाब्रुज, बजबज, महेशतला, फलता, सतगछिया मुस्लिम बहुल क्षेत्र हैं. इस क्षेत्र में मुस्लिमों की आबादी 38 फीसदी से ऊपर है. ये चुनाव में जीत-हार में निर्णायक भूमिका निभाते हैं. डायमंड हार्बर मूलतः एक ग्रामीण इलाका है और यहां केवल 14.61% आबादी शहरी क्षेत्रों में रहती है और 85.39% आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है.डायमंड हार्बर क्षेत्र में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति का अनुपात क्रमशः 20.63 और 0.18 फीसदी है.