गोरखपुर लोकसभा सीट उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल इलाके में पड़ता है. इस लोकसभा सीट पर गोरक्षपीठ का दबदबा माना जाता है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस सीट से 5 बार सांसद रहे हैं. इस सीट पर साल 1951-52 में पहली बार चुनाव हुए थे. गोरखपुर सीट पर अब तक 19 बार वोट डाले गए हैं. जिसमें से 6 बार कांग्रेस को जीत मिली है, जबकि 8 बार बीजेपी को जीत हासिल हुई है. मौजूदा समय में इस सीट पर निषाद, यादव और दलित वोटर्स की बहुलता है. चलिए आपको इस हॉट सीट के बारे में सबकुछ बताते हैं.
किस पार्टी से कौन है उम्मीदवार-
लोकसभा चुनाव 2024 के लिए गोरखपुर सीट से भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान कर दिया है. बीजेपी ने रवि किशन को प्रत्याशी बनाया है. एनडीए (NDA) में बीजेपी के अलावा एसबीएसप (SBSP), निषाद पार्टी (NISHAD Party) और अपना दल (Apna Dal) शामिल हैं. इस बार आम चुनाव को लेकर कांग्रेस (Congress) और समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) का गठबंधन है. हालांकि इंडिया गठबंधन (INDIA Alliance) ने अभी तक उम्मीदवार के नाम का ऐलान नहीं किया है. इसके साथ ही पूर्व सीएम मायावती (Mayawati) की पार्टी बहुजन समाज पार्टी (Bahujan Samaj Party) ने भी उम्मीदवार के नाम का ऐलान हीं किया है.
उपचुनाव में SP और 2019 में बीजेपी को जीत-
साल 2019 आम चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार और एक्टर रवींद्र श्याम नारायण शुक्ला उर्फ रवि किशन ने 301664 वोटों से जीत दर्ज की थी. उन्होंने समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार रामभुआल निषाद को हराया था. रवि किशन को 717122 वोट मिले थे, जबकि राम निषाद को 415458 वोट मिले थे. इस सीट पर कांग्रेस के मधुसूदन त्रिपाठी 22972 वोट के साथ तीसरे नंबर पर थे.
साल 2017 में यूपी विधानसभा में बीजेपी की बंपर जीत के बाद योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बनाया गया था. उस समय योगी गोरखपुर के सांसद थे. उन्होंने इस्तीफा दे दिया. इसके बाद साल 2018 में गोरखपुर लोकसभा सीट पर उपचुनाव हुआ. जिसमें समाजवादी पार्टी के प्रवीण कुमार निषाद ने जीत दर्ज की थी. उनको 456589 वोट मिले थे, जबकि बीजेपी के उम्मीदवार उपेंद्र दत्त शुक्ला ने 434788 वोट हासिल किए थे.
5 बार सांसद रहे योगी आदित्यनाथ-
गोरक्षपीठ के पीठ के महंत योगी आदित्यनाथ गोरखपुर लोकसभा सीट से 5 बार सांसद चुने गए हैं. योगी आदित्यनाथ 26 साल की उम्र में सबसे पहले साल 1998 में बीजेपी के उम्मीदवार के तौर पर जीत हासिल की थी. उन्होंने 24.62 फीसदी यानी 268428 वोट हासिल किए थे, जबकि समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार जमुना प्रसाद निषाद को 242222 वोट यानी 38.46 फीसदी वोट मिले थे. इस तरह से योगी ने 26 हजार वोटों से जीत दर्ज की थी. लेकिन एक साल बाद ही साल 1999 में दोबारा चुनाव हुए. बीजेपी ने योगी आदित्यनाथ को एक बार फिर उम्मीदवार बनाया. इस चुनाव में योगी आदित्यनाथ और समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के बीच जीत का अंतर और भी कम हो गया था. योगी आदित्यनाथ को 267382 वोट यानी 41.10 फीसदी वोट मिले थे, जबकि जमुना प्रसाद निषाद को 260042 वोट यानी 39.97 फीसदी वोट मिले थे. इसके बाद योगी आदित्यनाथ ने साल 2004, 2009, 2014 में जीत दर्ज की.
गोरखपुर लोकसभा सीट का इतिहास-
साल 1951-52 में पहली बार लोकसभा चुनाव हुए. इसमें गोरखपुर दक्षिण से सिंहासन सिंह कांग्रेस के सांसद चुने गए. बाद में ये सीट गोरखपुर लोकसभा सीट बनी. साल 1957 में गोरखपुर सीट से दो सांसद चुने गए. सिंहासन सिंह दूसरी बार सांसद बने और दूसरी सीट से कांग्रेस के महादेव प्रसाद चुनाव जीते.
साल 1962 का आम चुनाव में गोरखनाथ मठ की एंट्री हुई. गोरक्षपीठ के महंत दिग्विजय नाथ हिंदू महासभा के टिकट में मैदान में उतरे. लेकिन 3260 वोटों से हार का सामना करना पड़ा. सिंहासन सिंह लगातार तीसरी बार सांसद चुने गए. साल 1967 में पहली बार निर्दलीय उम्मीदवार दिग्विजय नाथ की जीत हुई. उन्होंने 42 हजार से ज्यादा वोटों से चुनाव में जीत हासिल की. साल 1969 में दिग्विजय नाथ का निधन हो गया. जिसके बाद साल 1970 में उपचुनाव हुआ. जिसमें महंत ब्रह्मलीन अवैद्यनाथ ने निर्दलीय जीत दर्ज की. साल 1971 में कांग्रेस उम्मीदवार नरसिंह नारायण पांडेय ने जीत दर्ज की. साल 1977 में भारतीय लोकदल के हरिकेश बहादुर ने जीत दर्ज की. इस चुनाव में अवैद्यनाथ चुनाव में नहीं उतरे थे. साल 1980 लोकसभा चुनाव में महंत अवैद्यनाथ फिर से चुनाव में उतरे और जीत दर्ज की. हिंदू महासभा के टिकट पर अवैद्यनाथ दूसरी बार सांसद चुने गए. साल 1991 और 1996 में अवैद्यनाथ ने फिर जीत दर्ज की. साल 1998 में महंत अवैद्यनाथ के उत्तराधिकारी महंत योगी आदित्यनाथ ने जीत दर्ज की.
सीट का जातीय समीकरण-
गोरखपुर लोकसभा सीट पर सबसे ज्यादा निषाद जाति के वोटर्स हैं. इस अनुमान के मुताबिक इस सीट पर 4 लाख निषाद वोटर्स हैं. इनकी संख्या सबसे ज्यादा पिपराइच और गोरखपुर ग्रामीण क्षेत्र में है. इसके बाद यादव और दलित 2-2 लाख हैं. इस सीट पर डेढ़ लाख मु्स्लिम वोटर्स भी हैं. इस इलाके में सवर्णों बिरादरी के मतदाता भी अच्छी-खासी संख्या में हैं. इस सीट पर डेढ़ लाख ब्राह्मण और सवा लाख राजपूत हैं. भूमिहार और वैश्य वोटर भी एक लाख की संख्या में हैं.
गोरखपुर सीट के तहत 5 विधानसभा सीटें-
गोरखपुर लोकसभा सीट के तहत 5 विधानसभा सीटें आती हैं. इसमें कैम्पियरगंज, पिपराइच, गोरखपुर शहर, गोरखपुर ग्रामीण और सहजनवा की विधानसभा सीटें आती हैं. साल 2020 के विधानसभा चुनाव में सभी पांचों सीटों पर बीजेपी को जीत मिली है. कैम्पियरगंज से फतेह बहादुर सिंह और पिपराइच से महेंद्र पाल सिंह विधायक हैं. जबकि गोरखपुर शहरी से योगी आदित्यनाथ और ग्रामीण से बिपिन सिंह विधायक हैं. इसके अलावा सहजनवा से प्रदीप शुक्ला विधायक चुने गए हैं.
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