scorecardresearch

Jahanabad Lok Sabha Seat: 9 बार यादव... 5 बार भूमिहार सांसद... सिर्फ एक बार अति पिछड़ा को मिली जीत... ऐसी है जहानाबाद लोकसभा सीट

Lok Sabha Election 2024 Jahanabad Seat:  जहानाबाद लोकसभा सीट से जहां एक बार फिर जदयू ने वर्तमान सांसद चंद्रेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी को टिकट दिया है तो वहीं लालू प्रसाद यादव की पार्टी राजद ने यहां से डॉ. सुरेंद्र प्रसाद को चुनावी मैदान में उतारा है. पिछले कुछ लोकसभा चुनावों से राजद और जदयू के बीच ही जंग हो रही है.

Jahanabad Lok Sabha Seat Jahanabad Lok Sabha Seat
हाइलाइट्स
  • जहानाबाद में सातवें चरण में 1 जून 2024 को होगा मतदान 

  • जदयू ने एक बार फिर चंद्रेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी पर जताया है भरोसा 

Bihar Politics: लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) का बिगुल बज चुका है. एनडीए (NDA) हो या इंडिया (INDIA) गठबंधन से जुड़ी पार्टियां सभी अपनी-अपनी जीत का दावा कर  रही हैं. आज हम आपको बिहार की जहानाबाद लोकसभा सीट का जातीय समीकरण और इतिहास बताने जा रहे हैं. यहां सातवें चरण में 1 जून 2024 को मतदान होना है. 

राजद और जदयू में देखने को मिलती है जंग
बिहार में लोकसभा की कुल 40 सीटें हैं. इनमें जहानाबाद लोकसभा सीट का अपना विशेष महत्व है. यह सीट इस बार एनडीए गठबंधन की तरफ से नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की पार्टी जदयू के खाते में गई है. जदयू (JDU) ने यहां से वर्तमान सांसद चंद्रेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी (Chandreshwar Prasad Chandravanshi) को एक बार फिर चुनावी मैदान में उतारा है.

उधर, इंडिया अलायंस की तरफ से यह सीट लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) की पार्टी राजद (RJD) के खाते में गई है. राजद ने यहां से डॉ. सुरेंद्र प्रसाद (Dr. Surendra Prasad) को अपना उम्मीदवार बनाया है. पिछले कुछ लोकसभा चुनावों से राजद और जदयू में ही जंग देखने को मिलती है. 1998 के बाद से हुए लोकसभा चुनावों में चार बार जदयू और दो बार राजद ने जीत हासिल की है. 

नीतीश कुमार के भरोसे पर चंद्रेश्वर उतरे थे खरे 
जहानाबाद लोकसभा क्षेत्र में यादव और भूमिहार जाति के मतदाता सबसे अधिक हैं. यही कारण है कि यहां से अभी तक 9 बार यादव और 5 बार भूमिहार सांसद बन चुके हैं. सिर्फ एक बार अति पिछड़ा जीत मिली है. लोकसभा चुनाव 2019 में नीतीश कुमार ने नया प्रयोग किया अतिपिछड़ा समुदाय के चंद्रेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी पर भरोसा जताया. नीतीश के भरोसे पर चंद्रेश्वर खरे उतरे. उन्होंने राजद उम्मीदवार को हराकर जीत हासिल की थी. वर्तमान में जहानाबाद के सांसद चंद्रेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी हैं. 

सम्बंधित ख़बरें

1998 के बाद हर बार सांसद बदलते रहने की दिखी परंपरा
जहानाबाद नक्सल प्रभावित जिला है. यह इलाका कई नक्सली हमलों का गवाह रहा है और नक्सलियों के रेड कॉरिडोर का हिस्सा माना जाता है. जहानाबाद लोकसभा क्षेत्र लंबे समय तक कांग्रेस और सीपीआई का गढ़ रहा है. इस सीट से छह बार सीपीआई जीत दर्ज कर चुकी है. सीपीआई नेता रामाश्रय प्रसाद सिंह जहानाबाद से चार बार सांसद चुने गए. हालांकि 1998 के चुनाव में इस सीट ने सियासी करवट ली और आरजेडी ने समता पार्टी के अरुण कुमार को हराकर इस सीट से अपना खाता खोला. तब से इस सीट से कभी आरजेडी तो कभी जेडीयू को जीत हासिल होती रही. 

कब और किसने दर्ज की जीत
जहानाबाद के लोगों ने साल 1952 में सोशलिस्ट पार्टी के बिगेश्वर मिश्रा को अपना सांसद बनाया था. इसके बाद लोकसभा चुनाव 1957 और 1962 में कांग्रेस उम्मीदवार सत्यभामा देवी जीत दर्ज करने में सफल रहीं. लोकसभा चुनाव 1967 से 1971 तक भाकपा के चंद्रशेखर सांसद रहे. लोकसभा चुनाव 1977 में भारतीय लोक दल के हरिलाल प्रसाद सिन्हा जहानाबाद से लोकसभा पहुंचे.

लोकसभा चुनाव 1980 में कांग्रेस के महेंद्र प्रसाद, 1984, 1989 और 1991 में भाकपा के रामाश्रय प्रसाद विजयी रहे. लोकसभा चुनाव 1996 में राजद के सुरेंद्र प्रसाद यादव ने जीत हासिल की. 1999 में जेडीयू के डॉ. अरुण कुमार चुनाव में जीते. लोकसभा चुनाव 2004 में राजद के गणेश प्रसाद यादव और लोकसभा चुनाव 2009 में जदयू के डॉ. जगदीश शर्मा ने जीत दर्ज की. 

लोकसभा चुनाव 2014 में आरएलएसपी को मिली थी जीत 
16वीं लोकसभा के लिए साल 2014 चुनाव हुआ. इस चुनाव में जहानाबाद लोकसभा सीट से राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) के डॉ. अरुण कुमार को जीत हासिल हुई थी. अरुण कुमार ने आरजेडी उम्मीदवार को 42340 वोटों से हराया था. आरएलएसपी उम्मीदवार डॉ.अरुण कुमार को 322647 वोट मिले जबकि आरजेडी के सुरेंद्र यादव को 280307 वोट मिला था. नोटा पर 10352 मतदाताओं ने बटन दबाया था.

2019 में राजद ने दी थी कड़ी टक्कर 
लोकसभा चुनाव 2019 में जहानाबाद लोकसभा सीट से जदयू प्रत्याशी चंद्रेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी ने जीत दर्ज की थी. चंद्रेश्वर को 3,35,584 वोट मिले थे.वहीं राजद उम्मीदवार सुरेंद्र प्रसाद यादव 3,33,833 वोट के साथ दूसरे नंबर पर रहे थे. राष्ट्रीय समता पार्टी के अरुण कुमार 34,558 वोटों के साथ तीसरे नंबर पर रहे थे.सीपीआईएम की कुंती देवी 26,325 वोटों के साथ चौथे नंबर रही थीं. बसपा के नित्यानंद सिंह को 19,211 वोट मिले थे और वे पांचवें नंबर रहे थे. इस चुनाव में कुल 13 प्रत्याशी चुनावी मैदान में थे.

सभी छह विधानसभा सीटों पर महागठबंधन का है कब्जा 
जहानाबाद लोकसभा क्षेत्र का गठन जहानाबाद, अरवल और गया जिलों के छह विधानसभा क्षेत्रों को समेट कर किया गया है. इस तरह से इस लोकसभा क्षेत्र में कुल  छह विधानसभा सीटें हैं. फिलहाल सभी सीटों पर महागठबंधन का कब्जा है. चार विधानसभा सीट में आरजेडी के विधायक हैं और दो पर भाकपा माले के विधायक हैं.

जहानाबाद विधानसभा सीट से आरजेडी के सुदय यादव, मखदुमपुर विधानसभा सीट से राजद के सतीश दास, घोसी से भाकपा माले के विधायक रामबली सिंह यादव, अरवल जिले के अरवल विधानसभा क्षेत्र से भाकपा माले के विधायक महानंद सिंह, कुर्था विधानसभा से राजद के बागी कुमार वर्मा और गया जिले के अतरी विधानसभा क्षेत्र से राजद के अजय यादव मौजूद समय में विधायक हैं. 

क्या है जातीय समीकरण
जहानाबाद लोकसभा क्षेत्र में लगभग 16 लाख मतदाता हैं. यहां पर यादव और भूमिहार मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक है. यही कारण है कि हमेशा यादव और भूमिहार कैंडिडेट ही जीत हासिल करने में सफल होते हैं. यहां पर सभी बड़ी पार्टियां कुछ चुनावों को छोड़कर इन्हीं जातियों के नेताओं को अपना प्रत्याशी बनाती रही हैं.एससी-एसटी, कुशवाहा और मुस्लिम वोटर भी चुनाव में निर्णायक भूमिका में रहते हैं.