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Kaiserganj Lok Sabha Seat: बृजभूषण शरण सिंह का दबदबा, 5 बार समाजवादी पार्टी विजयी, बीजेपी के खाते में 4 जीत... कैसरगंज लोकसभा सीट का इतिहास जानिए

Kaiserganj Parliamentary Constituency: कैसरगंज लोकसभा सीट पर 15 सालों से बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) का कब्जा है. अगर पार्टी की बात करें तो इस सीट पर सबसे ज्यादा बार समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) को जीत मिली है. अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की पार्टी ने इस सीट पर 5 बार जीत हासिल की है. जबकि बीजेपी (BJP) को 4 बार जीत मिली है.

Kaiserganj Lok Sabha Seat Kaiserganj Lok Sabha Seat

कैसरगंज लोकसभा सीट उत्तर प्रदेश में है और अनारक्षित है. यह सीट बृजभूषण शरण सिंह के चलते अक्सर सुर्खियों में रहती है. इस सीट पर समाजवादी पार्टी ने 5 बार जीत दर्ज की है. जबकि भारतीय जनता पार्टी (BJP) को 4 बार जीत मिली है. साल 1952 आम चुनाव से लेकर अब तक कांग्रेस को इस सीट पर सिर्फ 3 बार ही जीत मिली है. कैसरगंज लोकसभा सीट पर राजपूत और ब्राह्मण वोटर्स की बहुलता है. चलिए आपको कैसरगंज क्षेत्र में जातीय समीकरण और इतिहास के बारे में बताते हैं.

किस पार्टी ने किसको बनाया उम्मीदवार-
कैसरगंज लोकसभा सीट से अभी तक किसी भी पार्टी ने उम्मीदवार के नाम का ऐलान नहीं किया है. बृजभूषण शरण सिंह साल 2009 से लगातार इस सीट पर सांसद हैं. लेकिन इस बार बीजेपी ने अब तक उनको उम्मीदवार नहीं बनाया है. उधर, समाजवादी पार्टी ने भी अब तक उम्मीदवार के नाम का ऐलान नहीं किया है. बीएसपी से भी प्रत्याशी के नाम का इंतजार है.

कायम है बृजभूषण शरण सिंह का दबदबा-
कैसरगंज लोकसभा सीट पर बृजभूषण शरण सिंह का दबदबा रहा है. बृजभूषण शरण सिंह इस सीट पर पहली बार साल 2009 में सांसद चुने गए थे. उन्होंने समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव जीता था. लेकिन साल 2014 आम चुनाव में उन्होंने पार्टी बदल ली और बीजेपी के टिकट पर मैदान में उतरे. बृजभूषण शरण सिंह ने जीत हासिल की. साल 2019 आम चुनाव में भी उनको जीत मिली.

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2019 आम चुनाव में बीजेपी की जीत-
साल 2019 आम चुनाव में बीजेपी के बृजभूषण शरण सिंह ने बहुजन समाज पार्टी (BSP) के चंद्रदेव राम यादव को हराया था. बीजेपी उम्मीदवार को 5 लाख 81 हजार 358 वोट मिले थे, जबकि बीएसपी उम्मीदवार को 3 लाख 19 हजार 757 वोट मिले थे. इस तरह से बृजभूषण शरण सिंह ने 2 लाख 61 हजार 601 वोटों से जीत हासिल की थी. कांग्रेस उम्मीदवार विनय कुमार पांडे को 37 हजार 132 वोट मिले थे.

कैसरगंज सीट का इतिहास-
साल 1952 आम चुनाव में इस क्षेत्र का नाम गोंडा डिस्ट्रिक्ट वेस्ट का हिस्सा था. उस चुनाव में हिंदू महासभा की शकुंतला नायर ने जीत हासिल की थी. हालांकि साल 1957 आम चुनाव में कांग्रेस के भगवानदीन मिश्र ने जीत दर्ज की. साल 1962 आम चुनाव में स्वतंत्र पार्टी के बसंत कुंवरी को जीत मिली. बसंत कुंवरी राजपरिवार से जुड़ी थीं.

साल 1967 आम चुनाव में जनसंघ ने शकुंतला नायर को उम्मीदवार बनाया. शकुंतला नायर के पति केके नायर उस समय अयोध्या के कलेक्टर थे, जब साल 1949 में विवादित स्थल पर मूर्तियां मिली थीं. तत्कालीन पीएम नेहरू ने मूर्तियों को हटाने का आदेश दिया था, लेकिन नायर ने इससे इनकार कर दिया था. 

साल 1967 के चुनाव में शकुंतला नायर ने जीत हासिल की थी. जबकि साल 1971 आम चुनाव में भी वो विजयी हुई थीं. लेकिन साल 1977 में जनता पार्टी के रूद्र सेन चौधरी को जीत मिली. साल 1980 और साल 1984 आम चुनाव में कांग्रेस के राणा वीर सिंह ने जीत हासिल की.
कैसरगंज लोकसभा सीट से पहली बार बीजेपी को साल 1989 आम चुनाव में जीत मिली. बीजेपी के उम्मीदवार रूद्र सेन चौधरी विजयी हुए. साल 1991 चुनाव में बीजेपी के लक्ष्मीनारायण मणि त्रिपाठी सांसद चुने गए.

समाजवादी पार्टी को पहली बार इस सीट पर साल 1996 आम चुनाव में जीत मिली. बेनी प्रसाद वर्मा सांसद चुने गए. इसके बाद से साल 2004 तक बेनी प्रसाद लगातार सांसद चुने जाते रहे. उन्होंने साल 1996, साल 1998, साल 1999 और साल 2004 आम चुनाव में जीत हासिल की. साल 2009 से लगातार बृजभूषण शरण सिंह ने जीत हासिल की.

5 विधानसभा सीटों का गणित-
कैसरगंज लोकसभा क्षेत्र में 5 विधानसभा सीटें हैं. इसमें बहराइच जिले के दो विधानसभा क्षेत्र पयागपुर और कैसरगंज के साथ गोंडा जिले के कटरा बाजार, कर्नलगंज और तरबगंज विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं. साल 2022 विधानसभा चुनाव में 4 सीटों पर बीजेपी और एक सीट पर समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार की जीत हुई है. कैसरगंज से समाजवादी पार्टी के आनंद कुमार विधायक चुने गए हैं. जबकि पयागपुर से सुभाष त्रिपाठी, कटरा बाजार से बावन सिंह, कर्नलगंज से अजय कुमार सिंह और तरबगंज से प्रेम नारायण पांडेय विधायक चुने गए हैं. 

कैसरगंज सीट का जातीय समीकरण-
कैसरगंज लोकसभा सीट पर 18.80 लाख वोटर हैं. जिसमें 9.96 लाख पुरुष और 8.84 लाख महिला वोटर हैं. कैसरगंज के कुछ इलाकों में राजपूत समुदाय की संख्या ज्यादा है. जबकि गोंडा के तीन विधानसभा सीटों पर ब्राह्मणों की संख्या ज्यादा है. इस लोकसभा क्षेत्र में मुस्लिम वोटर्स की संख्या भी अच्छी-खासी है. 2011 जनगणना के मुताबिक कैसरगंज तहसील में 3 लाख से ज्यादा मुस्लिम आबादी है.

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