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Kurukshetra Lok Sabha Seat: 8 बार Congress की जीत, BJP को 3 बार मिली कामयाबी... जानें कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट का समीकरण और इतिहास

Haryana Lok Sabha Election 2024: कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट पर बाहरी उम्मीदवारों का दबदबा रहा है. प्रोफेसर कैलाशो सैनी को छोड़कर बाकी सभी सांसद बाहरी रहे हैं. कैलाशो सैनी ने साल 1998 और साल 1999 आम चुनाव में जीत हासिल की थी. इस बार बीजेपी के नवीन जिंदल सांसद चुने गए हैं.

Kurukshetra Lok Sabha Seat Kurukshetra Lok Sabha Seat

कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट (Kurukshetra Lok Sabha Seat) हरियाणा की 10 लोकसभा सीटों में से एक है. इस सीट पर कांग्रेस को सबसे ज्यादा 8 बार जीत नसीब हुई है. जबकि बीजेपी उम्मीदवार 3 बार विजयी हुए हैं. इस सीट पर जाट और सिख समुदाय के वोटरों की बहुलता है. इस सीट की खासियत है कि जाट बहुल सीट होने के बावजूद यहां से ज्यादातर बार गैर-जाट सांसद बने हैं. चलिए आपको कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट का समीकरण और इतिहास बताते हैं.

साल 2024 आम चुनाव में बीजेपी की जीत-
साल 2024 आम चुनाव में कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से बीजेपी के नवीन जिंदल ने जीत दर्ज की है. नवीन जिंदल ने आम आदमी पार्टी के डॉ. सुशील गुप्ता को 29 हजार 21 वोटों से हराया है. नवीन जिंदल इस सीट से तीसरी बार सांसद चुने गए हैं.

साल 2019 आम चुनाव के नतीजे-
इस चुनाव में इस सीट से बीजेपी के उम्मीदवार नायब सिंह सैनी ने कांग्रेस उम्मीदवार निर्मल सिंह को 3 लाख 84 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था. बीजेपी उम्मीदवार को 6 लाख 86 हजार 588 वोट मिले थे. जबकि कांग्रेस उम्मीदवार निर्मल सिंह को 3 लाख 3 हजार से ज्यादा वोट मिले थे. इस सीट पर बीएसपी उम्मीदवार को 75 हजार के आसपास वोट मिले थे. जेजेपी के जयभगवान शर्मा को 68 हजार और आईएनएलडी के अर्जुन चौटाला को 60 हजार के आसपास वोट हासिल हुए थे.

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कुरुक्षेत्र सीट का इतिहास-
इस सीट पर पहली बार साल 1975 आम चुनाव में वोट डाले गए थे. कांग्रेस के उम्मीदवार मूल चंद जैन सांसद चुने गए थे. साल 1962 आम चुनाव में कांग्रेस के देवदत्त पुरी और साल 1967 आम चुनाव में गुलजारी लाल नंदा सांसद चुने गए. साल 1971 चुनाव में भी गुलजारी लाल नंदा ही जीते थे.

साल 1977 आम चुनाव में इस सीट पर पहली बार गैर-कांग्रेसी सांसद बना था. जनता पार्टी के रघुबीर सिंह विर्क ने जीत हासिल की थी. साल 1980 आम चुनाव में जनता पार्टी (सेक्युलर) के मनोहर लाल सैनी सांसद चुने गए थे. साल 1984 आम चुनाव में कांग्रेस के सरदार हरपाल सिंह और साल 1989 चुनाव में जनता दल के गुरदयाल सिंह सैनी ने जीत हासिल की.

साल 1991 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के तारा सिंह को जीत मिली थी. जबकि साल 1996 चुनाव में हरियाणा विकास पार्टी के ओम प्रकाश जिंदल सांसद चुने गए. लेकिन साल 1998 आम चुनाव में इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) की कैलाशो देवी ने जीत हासिल की. साल 1999 चुनाव में भी कैलाशो देवी ही सांसद बनी थीं.

साल 2004 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर नवीन जिंदल पहली बार सांसद चुने गए थे. उन्होंने साल 2009 आम चुनाव में भी जीत हासिल की थी. साल 2014 आम चुनाव में पहली बार बीजेपी को जीत मिली थी. बीजेपी के उम्मीदवार राज कुमार सैनी विजयी हुए थे. साल 2019 चुनाव में नायब सिंह सैनी सांसद चुने गए थे.

9 विधानसभा सीटों का गणित-
कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट के तहत 9 विधानसभा सीटें हैं. इसमें रादौर, लाडवा, शाहबाद, थानेसर, पेहोवा, गुहला, कलायत, कैथल और पूंडरी सीट शामिल है. विधानसभा चुनाव में 4 सीटों पर बीजेपी और 2 सीटों पर कांग्रेस को जीत मिली है. जबकि 2 सीट पर जेजेपी और एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार विधायक हैं. रादौर विधानसभा सीट यमुनानगर जिले में है. जबकि लाडवा, शाहबाद, थानेसर और पेहोवा सीट कुरुक्षेत्र जिले में है. कैथल जिले में गुहला, कलायत, कैथल और पूंडरी सीट है.

इस सीट का जातीय समीकरण-
कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट पर सबसे ज्यादा 14 फीसदी जाट समुदाय के वोटर हैं. जबकि ब्राह्मण वोटर्स की संख्या 8 फीसदी है. इसके अलावा वैश्य 5 फीसदी और सैनी 8 फीसदी हैं. इस सीट पर सिख सैनी वोटर्स की संख्या 2.3 फीसदी है. कंबोज 1.5 फीसदी और कंबोज सिख वोटर 1.5 फीसदी हैं. इस सीट पर कश्यप राजपूत 3 फीसदी और गुर्जर 3 फीसदी हैं.

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