scorecardresearch

Ladakh Lok Sabha Seat: 6 बार कांग्रेस की जीत, 2 बार बीजेपी का सांसद, इस बार निर्दलीय को जीत... लद्दाख लोकसभा सीट का इतिहास जानिए

Ladakh Lok Sabha Election: लद्दाख सीट पर शुरुआत में कांग्रेस लगातार 5 बार जीत दर्ज करने में कामयाब रही थी. लेकिन एक बार जब जीत कांग्रेस के हाथ से फिसली, उसके बाद आज तक सिर्फ एक बार कांग्रेस को जीत मिली है. साल 2024 आम चुनाव में निर्दलीय सांसद चुना गया है.

Ladakh Lok Sabha Seat Ladakh Lok Sabha Seat

लद्दाख एक केंद्र शासित प्रदेश है. लद्दाख लोकसभा सीट साल 1967 में अस्तित्व में आई थी. इस सीट पर शुरुआत 5 चुनावों में लगातार कांग्रेस के उम्मीदवारों को जीत मिली थी. लेकिन इसके बाद कांग्रेस अब तक इस सीट सिर्फ एक बार साल 1996 आम चुनाव में ही जीत हासिल कर पाई है. इस बार एक निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत दर्ज की है. चलिए आपको लद्दाख लोकसभा सीट का इतिहास बताते हैं.

लद्दाख में निर्दलीय को मिली जीत-
आम चुनाव 2024 में लद्दाख लोकसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार को जीत मिली है. निर्दलीय उम्मीदवार मोहमद हनीफा ने कांग्रेस के उम्मीदवार त्सेरिंग नामग्याल को 27 हजार 862 वोटों से हराया है. मोहम्मद हनीफा को 65 हजार 259 वोट मिले, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार को 37 हजार 397 वोट हासिल हुए. साल 2019 आम चुनाव में इस सीट पर जीत दर्ज की थी. लेकिन इस बार चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार को 31 हजार 303 वोट मिले.

साल 2019 आम चुनाव के नतीजे-
साल 2019 आम चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार जामयांग सेरिंग नामग्याल ने निर्दलीय उम्मीदवार सज्जाद हुसैन को 10 हजार 930 वोटों से हराया था. बीजेपी उम्मीदवार को 42 हजार 914 वोट मिले थे, जबकि निर्दलीय उम्मीदवार सज्जाद हुसैन को 31 हजार 984 वोट मिल थे. इस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार रिगजिन स्पालबार चौथे नंबर पर रहे और उनको 21 हजार 241 वोट मिले थे.

सम्बंधित ख़बरें

इस सीट का इतिहास-
लद्दाख लोकसभा सीट पर पहली बार साल 1967 आम चुनाव में वोटिंग हुई थी. उस चुनाव में कांग्रेस के कुशोक बकुला सांसद चुने गए थे. कांग्रेस ने लगातार 5 बार इस सीट पर जीत दर्ज की थी. कुशोक बकुला ने साल 1971 आम चुनाव में जीत दर्ज की. लेकिन साल 1977 आम चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर पार्वती देवी सांसद चुनी गईं. साल 1980 आम चुनाव में फुंटसोग नामग्याल ने जीत हासिल की. फुंटसोग नामग्याल ने साल 1984 आम चुनाव में भी सांसद चुने गए.

साल 1989 आम चुनाव में पहली बार ये सीट कांग्रेस के हाथ से फिसली. निर्दलीय उम्मीदवार मोहम्मद हसन कमांडर ने जीत हासिल की. लेकिन साल 1996 आम चुनाव में कांग्रेस के फुंटसोग नामग्याल सांसद चुने गए. साल 1998 चुनाव में जम्मू-कश्मीर राष्ट्रीय सम्मेलन के उम्मीदवार सैयद हुसैन और साल 1999 में हसन खान विजय हुए.

साल 2004 आम चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार थुपस्तान छेवांग और साल 2009 आम चुनाव में निर्दलीय हसन खान सांसद चुने गए. इस सीट पर पहली बार साल 2014 आम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) को जीत मिली थी. बीजेपी के थुपस्तान छेवांग सांसद चुने गए. जबकि साल 2019 आम चुनाव में बीजेपी के जामयांग सेरिंग नामग्याल ने जीत दर्ज की.

ये भी पढ़ें: