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Madhepura Lok Sabha Seat: पार्टी कोई हो यादव जाति से ही चुने जाते हैं सांसद, Lalu-Sharad से लेकर Pappu Yadav तक ठोक चुके हैं ताल,  जानिए मधेपुरा लोकसभा सीट का इतिहास

Lok Sabha Election 2024: Madhepura पहले सहरसा संसदीय क्षेत्र के अंदर आता था. साल 1967 में मधेपुरा संसदीय क्षेत्र अस्तित्व में आया. यहां से पहली बार संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर बीपी मंडल ने जीत दर्ज की थी. इस लोकसभा सीट से लालू प्रसाद यादव, शरद यादव से लेकर राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव तक चुनकर दिल्ली जा चुके हैं. यहां से पार्टी कोई हो यादव जाति से ही सांसद चुने गए हैं.

Madhepura Lok Sabha Seat Madhepura Lok Sabha Seat
हाइलाइट्स
  • शरद यादव की सियासी रणभूमि रह चुकी है मधेपुरा 

  • जदयू ने एक बार  फिर दिनेश चंद्र यादव पर जताया है भरोसा

Bihar Politics: लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) को फतह करने के लिए सभी दल जुट गए हैं. देश में हर तरफ चुनाव को लेकर चर्चा हो रही है. आज हम आपको  बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से एक मधेपुरा लोकसभा सीट (Madhepura Lok Sabha Seat) का सियासी समीकरण और इतिहास बताने जा रहे हैं. 

 रोम पोप का... मधेपुरा गोप का
मधेपुरा लोकसभा सीट सीट से राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav), जनता दल यूनाइटेड (JDU) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वर्गीय शरद यादव (Sharad Yadav), मंडल कमीशन के अध्यक्ष बिन्देश्वरी प्रसाद (बीपी) मंडल, राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव जैसे राजनीतिक धुरंधर अपनी किस्मत अजमा चुके हैं. मधेपुरा लोकसभा सीट के बारे में कहा जाता है कि रोम पोप का, मधेपुरा गोप का. इस लोकसभा क्षेत्र में सबसे अधिक गोप यानी यादव जाति की जनसंख्या है. यहां अभी तक सिर्फ यादव जाति से ही सांसद चुने गए हैं. 

आरजेडी के खाते में गई है मधेपुरा सीट
मधेपुरा पहले सहरसा संसदीय क्षेत्र के अंदर आता था. साल 1967 में मधेपुरा संसदीय क्षेत्र अस्तित्व में आया. यहां से पहली बार संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर बीपी मंडल ने जीत दर्ज की थी. लोकसभा चुनाव 2024 से पहले  बिहार के सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने लालू का साथ छोड़ एनडीए का दामन थाम लिया था.

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मधेपुरा लोकसभा सीट नीतीश की पार्टी जदयू के खाते में गई है. यहां से जदयू ने एक बार फिर वर्तमान सांसद दिनेश चंद्र यादव (Dinesh Chandra Yadav) पर भरोसा जताया है तो वहीं इंडिया गठबंधन में यह सीट लालू की पार्टी आरजेडी के खाते में गई है. लोकसभा चुनाव 2024 में मधेपुरा में तीसरे चरण में 7 मई को मतदान किया जाएगा. 

सबसे अधिक चार बार शरद यादव रह चुके हैं सांसद 
मधेपूरा लोकसभा सीट से सबसे अधित चार बार सांसद  शरद यादव रह चुके हैं. अब तक इस सीट से 16 बार लोक सभा चुनाव हो चुके हैं. यहां से चार बार आरजेडी (लोकसभा चुनाव 1998, 2004, उप चुनाव 2004 और 2014) को जीत मिल चुकी है.

यहां से तीन बार कांग्रेस (लोकसभा चुनाव 1971, 1980, 1984), तीन बार जनता दल ( लोकसभा चुनाव 1989, 1991, 1996), तीन बार जनता दल यूनाइटेड ( लोकसभा चुनाव 1999, 2009, 2019) और एक-एक बार संयूक्त सोशलिस्ट पार्टी (लोकसभा चुनाव 1967), भारतीय लोक दल (लोकसभा चुनाव 1977) को विजय मिल चुकी है. एक बार निर्दलीय उम्मीदवार ने 1968 में हुए उप चुनाव में जीत हासिल की थी.

... जब लालू ने शरद यादव को दी थी मात
मधेपुरा लोकसभा क्षेत्र तब चर्चा में और आया जब लोकसभा चुनाव 1998 में एक ही धारा की राजनीति करने वाले शरद यादव (जनता दल) और लालू प्रसाद (राजद) चुनाव मैदान में आमने-सामने हुए. लालू प्रसाद की जीत हुई. उन्होंने  शरद यादव को 51,983 वोटों से हराया था. इसके बाद  2004 के लोकसभा चुनाव में भी शरद यादव और लालू प्रसाद आमने-सामने हुए. इस बार भी लालू यादव ने बाजी मार ली. लोकसभा चुनाव 2019 में जदयू प्रत्याशी दिनेश चंद्र यादव ने राजद प्रत्याशी शरद यादव को हराया था.

मधेपुरा लोकसभा क्षेत्र से कब और किसने दर्ज की जीत
1967: बीपी मंडल, संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी
1968: बीपी मंडल, निर्दलीय
1971: चौधरी राजेंद्र प्रसाद यादव, कांग्रेस
1977: बीपी मंडल, भारतीय लोकदल
1980: चौधरी राजेंद्र प्रसाद यादव, कांग्रेस 
1984: चौधरी महाबीर प्रसाद यादव, कांग्रेस
1989: चौधरी रामेंद्र कुमार यादव रवि, जनता दल
1991: शरद यादव, जनता दल
1996: शरद यादव, जनता दल
1998: लालू प्रसाद, राष्ट्रीय जनता दल
1999: शरद यादव, जदयू
2004: लालू प्रसाद, राष्ट्रीय जनता दल
2004: राजेश रंजन (पप्पू यादव), राष्ट्रीय जनता दल 
2009: शरद यादव, जदयू
2014: राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव, राष्ट्रीय जनता दल
2019: दिनेश चंद्र यादव, जदयू

लोकसभा चुनाव 2019 में कैसा रहा जनादेश
लोकसभा चुनाव 2019 में जदयू और भाजपा ने एक साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. दोनों के साझा उम्मीदवार दिनेश चंद्र यादव चुनावी मैदान में थे. इसका फायदा दिनेश चंद्र यादव को मिला. उन्हें सबसे अधिक 6,24,334 वोट मिले थे. आरजेडी उम्मीदवार शरद यादव को 3,22,807 मत प्राप्त हुए थे. राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव को 97,631 वोट मिले थे. 38,450 लोगों ने NOTA का बटन दबाया था. 2019 में इस सीट पर 60.89 प्रतिशत मतदान हुआ था. 

16वीं लोकसभा चुनाव में किसे मिली थी विजय
16वीं लोकसभा के लिए 2014 में हुए चुनाव में मधेपुरा सीट से पप्पू यादव उर्फ राजेश रंजन ने आरजेडी के टिकट पर चुनाव लड़ा था और विजय पाई थी. पप्पू यादव को 3,68,937 मत प्राप्त हुए थे. जदयू उम्मीदवार शरद यादव को 3,12,728 मत और बीजेपी प्रत्याशी विजय कुमार सिंह को 2,52,534 वोट मिले थे. 20 हजार से ज्यादा लोगों ने NOTA का बटन दबाया था. इस सीट पर 59.96 प्रतिशत मतदान हुआ था. 

कुल इतनी हैं विधानसभा सीटें
मधेपुरा लोकसभा क्षेत्र के अंदर कुल छह विधानसभा सीटें हैं. इनमें से तीन विधानसभा क्षेत्र मधेपुरा जिले के अंतर्गत और 3 विधानसभा सीट सहरसा जिले में आती हैं. चार विधानसभा सीटों पर जनता दल (यूनाइटेड) और एक-एक सीट पर भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल काबिज है.सोनवर्षा विधानसभा सीट से जदयू के रत्नेश सदा, आलमनगर से जदयू के नरेंद्र नारायण यादव, बिहारीगंज से जदयू के निरंजन कुमार मेहता, महिषी से जदयू के गुंजेश्वर शाह, सहरसा से भाजपा के आलोक रंजन और मधेपूरा विधानसभा सीट से राजद के चंद्रशेखर विधायक हैं.

क्या है जातिगत समीकरण
मधेपुरा में सबसे अधिक यादव जाति के मतदाता हैं. इसके बाद मुस्लिम, ब्राह्मण और राजपूत वोटर हैं. यहां के जातीय गणित पर नजर डालें तो यहां MY यानी मुस्लिम-यादव समीकरण जीत और हार में काम करता है. यहां करीब 3.3 लाख यादव मतदाता और 1.8 लाख मुस्लिम वोटर हैं. ब्राह्मण वोटर की संख्या 1.7 लाख और राजपूत वोटर की संख्या 1.1 लाख है. दलित 1.10 लाख, कुर्मी-कोयरी वोटर की संख्या करीब 1.25 लाख है. मुसहर 1.08 लाख, कायस्थ 10 हजार जबकि धानुक मतदाताओं की संख्या करीब 60 हजार है.