Bihar Politics: लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) के पांचवें चरण में 20 मई को वोट डाले जाएंगे. इसी फेज में बिहार की मधुबनी लोकसभा सीट पर भी मतदान होना है. यहां एनडीए (NDA) और इंडिया गठबंधन (India Alliance) के बीच सीधी टक्कर है. हम आपको आज मधुबनी लोकसभा सीट का इतिहास और ताजा समीकरण बताने जा रहे हैं.
सबसे अधिक पांच बार हुकुमदेव रह चुके हैं सांसद
लोकसभा चुनाव 2024 में एक बार फिर बीजेपी (BJP) ने मधुबनी लोकसभा सीट से अशोक कुमार यादव (Ashok Kumar Yadav) को चुनावी मैदान में उतारा है तो वहीं, इंडिया गठबंधन में शामिल लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने अपने दिग्गज नेता अली अशरफ फातमी (Ali Ashraf Fatmi) पर भरोसा जताया है. अली असरफ फातमी दरभंगा से चार बार सांसद रह चुके हैं. फातमी की मिथिलांचल के बड़े अल्पसंख्यक चेहरे में गिनती होती है. उधर, अशोक यादव बीजेपी के बड़े नेता माने जाने वाले हुकुमदेव नारायण यादव के बेटे हैं.
हुकुमदेव मधुबनी से सबसे अधिक चार बार सांसद रह चुके हैं. अशोक यादव वर्तमान में मधुबनी के सांसद हैं. उन्होंने लोकसभा चुनाव 2019 में बिहार में सबसे अधिक मतों से जीत हासिल की थी. अशोक यादव का कहना है कि नरेंद्र मोदी सरकार ने मिथिलांचल के लिए जितना काम किया है. उतना किसी भी शासनकाल में नहीं हुआ. उन्हें उम्मीद है कि एक बार यहां की जनता उन्हें अपना सांसद चुनेगी.मधुबनी लोकसभा सीट से बीजेपी हैट्रिक लगा चुकी है. वह अब लगातार चौथी बार जीत हासिल करना चाह रही है.
मधुबनी लोकसभा सीट का इतिहास
मधुबनी लोकसभा सीट पहले दरभंगा पूर्व लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती थी. पहले लोकसभा चुनाव यानी 1952 में यहां से कांग्रेस के उम्मीदवार अनिरुद्ध सिन्हा सांसद बने थे. 1971 में कांग्रेस ने इस सीट से जगन्नाथ मिश्रा को उतारा और वे जीतकर संसद पहुंचे. बाद में जगन्नाथ मिश्रा बिहार के मुख्यमंत्री भी बने. 1976 में संसदीय सीटों का परिसीमन हुआ और मधुबनी लोकसभा सीट बनी.
1976 से पहले दरभंगा पूर्व लोकसभा सीट पर कांग्रेस और वामपंथी पार्टी का कब्जा हुआ करता था. जब यह सीट मधुबनी के नाम से सामने आई तो कांग्रेस और वामपंथी के वोटर सिमट कर रह गए. बाकी अन्य दलों के वोटर्स का दमखम इस सीट पर दिखने लगा. पिछले कोई चुनावों से इस सीट से बीजेपी को जीत मिल रही है. वर्तमान समय में मधुबनी लोकसभा सीट भारतीय जनता पार्टी की गढ़ बन गई है.
कब और किसने दर्ज की जीत
दरभंगा पूर्व सीट
1952: अनिरुद्ध सिन्हा, कांग्रेस
1957: अनिरुद्ध सिन्हा, कांग्रेस
1962: योगेंद्र झा, प्रजा सोशलिस्ट पार्टी
1967: शिव चंद्र झा, संयुक्त समाजवादी दल
1971: जगन्नाथ मिश्रा, कांग्रेस
मधुबनी लोकसभा सीट
1977: हुकुमदेव नारायण यादव, भारतीय लोकदल
1980: शफीकुल्लाह अंसारी, कांग्रेस
1984: अब्दुल हन्ना अंसारी, कांग्रेस
1989: भोगेंद्र झा, सीपीआई
1991: भोगेंद्र झा, सीपीआई
1996: चतुरानन मिश्रा, सीपीआई
1998: शकील अहमद, कांग्रेस
1999: हुकुमदेव नारायण यादव, बीजेपी
2004: शकील अहमद, कांग्रेस
2009: हुकुमदेव नारायण यादव, बीजेपी
2014: हुकुमदेव नारायण यादव, बीजेपी
2019: अशोक कुमार यादव, बीजेपी
हुकुमदेव ने अब्दुल बारी सिद्धकी को हराया था
लोकसभा चुनाव 2014 में मधुबनी लोकसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार हुकुमदेव नारायण यादव ने जीत दर्ज की थी. हुकुमदेव नारायण को 3,58,040 वोट मिले थे. उन्होंने आरजेडी उम्मीदवार अब्दुल बारी सिद्धकी को हराया था. अब्दुल बारी सिद्धकी को 3,37,505 वोट मिले थे. जदयू उम्मीदवार प्रोफेसर गुलाम गौस को 56,392 मतों से संतोष करना पड़ा था.
2019 में अशोक यादव ने मारी थी बाजी
लोकसभा चुनाव 2019 में मधुबनी सीट से हुकुमदेव नारायण के बेटे अशोक कुमार यादव ने जीत दर्ज की थी. बीजेपी उम्मीदवार अशोक कुमार यादव को 5,95,843 वोट मिले थे. अशोक यादव ने विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के उम्मीदवार बद्री कुमार पूर्बे को हराया था. पूर्बे को 1,40,903 मत प्राप्त हुए थे. निर्दलीय उम्मदीवार शकील अहमद तीसरे नंबर पर रहे थे. बीजेपी ने इस सीट पर साढ़े 4 लाख से ज्यादा मतों से जीत हासिल की थी. इस सीट पर करीब 6 हजार लोगों ने NOTA का बटन दबाया था.
छह में चार विधानसभा सीटों पर बीजेपी का कब्जा
मधुबनी लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत कुल छह विधानसभा सीटें आती हैं. इसमें मधुबनी जिले की चार और दरभंगा जिले की दो सीटें शामिल हैं. अभी छह में चार विधानसभा सीटों पर बीजेपी का कब्जा है. एक सीट पर जदयू और एक सीट पर आरजेडी ने जीत दर्ज की है. मधुबनी विधानसभा सीट से आरजेडी के समीर कुमार महासेठ विधायक हैं.
हरलाखी विधानसभा सीट से जदयू के सुधांशु शेखर विधायक हैं. बेनीपट्टी विधानसभा सीट से बीजेपी के विनोद नारायण झा विधायक हैं. बिस्फी विधानसभा सीट से बीजेपी के हरिभूषण ठाकुर विधायक हैं. केवटी विधानसभा सीटे से बीजेपी के मुरारी मोहन झा विधायक हैं. जाले विधानसभा सीट से बीजेपी के जीबेश कुमार विधायक हैं.
क्या है जातीय समीकरण
मधुबनी लोकसभा क्षेत्र के जातीय समीकरण की बात करे तो यहां ब्राम्हण मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक है. यहां 12 से 13 फीसदी ब्राह्मण मतदाता हैं. इसके बाद इस सीट पर यादव मतदाता है. अति पिछड़ा समाज के मतदाताओं की संख्या करीब 6 लाख है. यहां 34% मतदाता अति पिछड़ा वर्ग के हैं, जिसमें 14 प्रतिशत यादव, 6 प्रतिशत कोयरी, 11 प्रतिशत दलित वोटर शामिल हैं.
यहां मुस्लिम मतदाताओं की संख्या भी अच्छी-खासी है. मधुबनी लोकसभा क्षेत्र के बारे में कहा जाता है कि यहां आरजेडी का मुस्लिम-यादव (MY) समीकरण नहीं चलता है. हुकुमदेव यादव के परिवार का पकड़ इस क्षेत्र के यादव मतदाताओं पर भी है. यही कारण है कि अच्छी संख्या में यादव मतदाता बीजेपी को वोट करते हैं.