भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने लोकसभा चुनाव 2024 ((Lok Sabha Elections 2024) को लेकर उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है. इसमें महाराष्ट्र के एक भी उम्मीदवार शामिल नहीं हैं. इस राज्य में सीट शेयरिंग को लेकर गठबंधन दलों के साथ पेच फंसा हुआ है.
कौन और कितनी सीटों की कर रहा मांग
अजित पवार गुट (Ajit Pawar Faction) 10 सीट और सीएम एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) गुट 22 सीटों की मांग कर रहे हैं. वहीं भाजपा 30 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है. महाराष्ट्र में कुल 48 लोकसभा सीटें हैं. इसमें से 10 सीटों पर बात नहीं बन पा रही है. बीजेपी ने सीट शेयरिंग के लिए 30-12-6 का फॉर्मूला सुझाया है. इसमें 30 सीटों पर बीजेपी अपने उम्मीदवार उतारना चाहती है. शिवसेना शिंदे गुट के लिए 12 और एनसीपी अजित पवार गुट के लिए 6 सीटें छोड़ी गई हैं.
गृह मंत्री अमित शाह ने की बैठक
गृह मंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र के दौरे पर हैं. उन्होंने मंगलवार देर रात देवेंद्र फडणवीस, अजित पवार और एकनाथ शिंदे के साथ मीटिंग की. बताया जा रहा है कि इस मीटिंग में सीट शेयरिंग को लेकर सारी बातें फाइनल की गई हैं. इस मीटिंग के बाद कहा जा रहा है कि 48 सीटों में 32 से ज्यादा पर बीजेपी चुनाव लड़ सकती है. 10 सीटें शिवसेना (शिंदे गुट) को दी जाएंगी. दो से लेकर तीन सीटें एनसीपी (अजित पवार गुट) के खाते में आ सकती हैं. शाह ने एकनाथ शिंदे और अजित पवार को सलाह दी है कि सीटें मांगते समय आक्रामक न बनें. तर्कसंगत बात रखें.
किन सीटों पर नहीं बन पा रही बात
कल्याण लोकसभा सीट से सीएम शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे मौजूदा सांसद हैं. इस सीट से बीजेपी चुनाव लड़ना चाहती है. दक्षिण मुंबई से शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के मौजूदा सांसद हैं.शिंदे की पार्टी यहां अपना उम्मीदवार खड़ा करना चाह रही है. बीजेपी को भी इस सीट में दिलचस्पी है. रत्नागिरी-सिंधदुर्ग सीट शिवसेना की पारंपरिक सीट है.
बीजेपी के नारायण राणे ने इस सीट का दावा किया है. शिंदे गुट भी इस सीट को चाह रही है. शिरूर लोकसभा सीट को लेकर भी बात नहीं बन पा रही है. अमरावती से वर्तमान में निर्दलीय सांसद हैं. बीजेपी और शिंदे की पार्टी इस सीट को लेकर उत्सुक है. इसके आलावा संभाजीनगर नगर. हिंगोली, नासिक, रामटेक, और मावल लोकसभा सीटों को लेकर भी एनडीए गठबंधन में सहमति नहीं बन पा रही है.
2019 के चुनाव का क्या रहा था परिणाम
लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी ने 25 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे. शिवसेना ने 23 सीटों पर चुनाव लड़ा था. इस चुनाव में बीजेपी ने 23 तो शिवसेना ने 18 सीटों पर जीत दर्ज की थी. हालांकि शिवसेना में दो फाड़ होने के बाद शिंदे के पास अब 13 सांसद ही हैं.