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Rajmahal Lok Sabha Seat: BJP के ताला मरांडी की चमकेगी किस्मत या JMM के विजय लगाएंगे जीत की हैट्रिक, क्या निर्दलीय लोबिन करेंगे खेला, राजमहल लोकसभा सीट का जनिए इतिहास 

Jharkhand Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 में राजमहल सीट से कुल 14 प्रत्याशी अपने भाग्य की आजमाइश करने मैदान में उतरे हैं. लेकिन मुख्य मुकाबला बीजेपी उम्मीदवार ताला मरांडी और झामुमो के विजय कुमार हंसदक के बीच है. जेएमएम के बागी लोबिन हेम्ब्रम ने निर्दलयी चुनावी मैदान में कूदकर लड़ाई को दिलचस्प बना दिया है. अब देखना है कि 4 जून को जीत का सेहरा किसके सिर बंधता है.

Rajmahal Lok Sabha Seat Rajmahal Lok Sabha Seat
हाइलाइट्स
  • 1 जून को राजमहल लोकसभा सीट पर डाले जाएंगे वोट 

  • बीजेपी और झामुमो में है सीधी टक्कर

Jharkhand Politics: लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) के आखिरी फेज यानी सातवें चरण का चुनाव 1 जून 2024 को होना है. इसी फेज में झारखंड की राजमहल लोकसभा सीट पर भी मतदान होना है. यहां एनडीए (NDA) और इंडिया गठबंधन (India Alliance) के बीच टक्कर देखने को मिल रही है. आज हम आपको राजमहल लोकसभा सीट (Rajmahal Lok Sabha Seat) के चुनावी इतिहास और ताजा समीकरण के बारे में बताने जा रहे हैं. 

JMM ने फिर खेला है विजय कुमार पर दांव 
झारखंड की कुल 14 लोकसभा सीटों में राजमहल लोकसभा सीट हर चुनाव में काफी चर्चा में रहती है. यह सीट बंटवारे के तहत एनडीए से जुड़ी बीजेपी के खाते में गई है. यहां से भारतीय जनता पार्टी ने ताला मरांडी (Tala Marandi) को अपना उम्मीदवार बनाया है. ताला मरांडी राजमहल लोकसभा क्षेत्र से जुड़े बोरियो विधानसभा क्षेत्र से दो बार विधायक चुने जा चुके हैं. भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ताला मरांडी पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं.

उधर, इंडिया गठबंधन के तहत यह सीट झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के पास है. यहां से शिबू सोरेन (Shibu Soren) और हेमंत सोरेन की पार्टी झामुमो ने मौजूदा सांसद विजय कुमार हंसदक (Vijay Kumar Hansdak) पर ही भरोसा जताया है. राजमहल लोकसभा सीट पर पिछले दो चुनावों से विजय का कब्जा है. वह इस बार हैट्रिक लगाने की तैयारी में हैं. उधर, जेएमएम के बागी लोबिन हेम्ब्रम ने निर्दलयी चुनावी मैदान में कूदकर लड़ाई को दिलचस्प बना दिया है. लोबिन हेम्ब्रम बोरियो विधानसभा सीट से जेएमएम के टिकट पर कई बार विधायक चुने जा चुके हैं. उन्होंने जेएमएम की आसान राह को कठिन बना दिया है.

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कुल इतने उम्मीदवार आजमा रहे किस्मत
लोकसभा चुनाव 2024 में राजमहल सीट से कुल 14 प्रत्याशी अपने भाग्य की आजमाइश करने मैदान में उतरे हैं. इसमें बीजेपी के ताला मरांडी, झामुमो के विजय कुमार हंसदक, बसपा के मरियम मरांडी, निर्दलीय उम्मीदवार लोबिन हेम्ब्रम, सीपीआई(एम) के गोपीन सोरेन, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के पॉल सोरेन, लोकहित अधिकार पार्टी के विनोद कुमार मंडल, निर्दलीय प्रत्याशी नसेबेस्टियन हेम्ब्रोम, राष्ट्रीय जनसम्भावना पार्टी
के अजीत मरांडी, पीपुल्स पार्टी ऑफ इंडिया (डेमोक्रेटिक) के खलीफा किस्कू, समता पार्टी के लिली हांसदा, नवयुग प्रगतिशील मोर्चा के मुंशी किस्कू, निर्दलीय उम्मीदवार महेश पहाड़िया और दीपा टुडू    शामिल हैं.

अपनी-अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के विजय दिलाने में जुटे दिग्गज
राजमहल लोकसभा सीट को बचाने में मुख्यमंत्री चंपई सोरेन और पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन जुटी हुई हैं. इस क्षेत्र के दो विधायक और इंडिया गठबंधन के कद्दावर नेता पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और पूर्व मंत्री आलमगीर आलम के जेल में बंद हैं. इसका असर विजय कुमार हंसदक के चुनावी प्रचार पर पड़ रहा है. उधर, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी सहित पार्टी का शीर्ष नेतृत्व पूरी रणनीति के साथ प्रचार अभियान में जुटा है. बीजेपी ने ताला मरांडी को जीत दिलाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है.

उधर, निर्दलीय लोबिन हेम्ब्रम जल, जंगल, जमीन की रक्षा, पत्थर व खनिज संपदाओं के घपले-घोटाले पर अंकुश नहीं लगाने और खतियान आधारित स्थानीय नीति लागू नहीं किए जाने को लेकर अपनी ही सरकार की खामियों को उजागर कर जनता से आशीर्वाद मांग रहे हैं. राजमहल सीट पर मोदी के लहर का असर भी नहीं हुआ था. लोकसभा चुनाव 2014 और 2019 में इस सीट से झारखंड मुक्ति मोर्चा ने जीत दर्ज की थी. अब देखना है कि 4 जून 2024 को जीत का सेहरा किसके सिर सजता है. 

राजमहल लोकसभा सीट का क्या है इतिहास
राजमहल सीट दूसरे लोकसभा चुनाव में अस्तित्व में आई थी. यह सीट अनुसूचित जनजाति उम्मीदवारों के लिए आरक्षित है. इस सीट पर पहली बार लोकसभा चुनाव 1957 में हुआ था. कांग्रेस उम्मीदवार पाइका मुर्मू ने जीत हासिल की थी. उन्हें कुल 47.01 फीसदी मत मिले थे. झारखंड पार्टी के रॉबर्ट सैम्युल बेसरा को 45.8 फीसदी वोट मिले थे. लोकसभा चुनाव 1962 में इस सीट से कांग्रेस को हार मिली थी. इस चुनाव में झारखंड पार्टी के ईश्वर मरांडी सांसद चुने गए थे.उन्हें कुल 50 फीसदी मत मिले थे. इसके बाद लोकसभा चुनाव 1967 में राजमहल से ईश्वर मरांडी कांग्रेस के टिकट पर लड़े और दोबारा जीत दर्ज की. 

1971 में कांग्रेस के ईश्वर मरांडी ने यहां से जीत की हैट्रिक लगाई. लोकसभा चुनाव 1977 में राजमहल सीट से कांग्रेस ने योगेश चन्द्र मुर्मू को अपना उम्मीदवार बनाया था. योगेश को भारतीय लोकदल के उम्मीदवार अंथोनी मुर्मू ने हराया था. अंथोनी मुर्मू को कुल 66.3 फीसदी वोट मिले थे. जबकि योगेश को 25.8 फीसदी मत ही प्राप्त हुए थे. लोकसभा चुनाव 1980 में राजमहल सीट से कांग्रेस उम्मीदवार सेठ हेंब्रम को जीत मिली. उन्होंने जनता पार्टी के पालू हांसदा को हराया था. इसके बाद लोकसभा चुनाव 1984 में भी कांग्रेस के टिकट पर सेठ हेंब्रम ने बाजी मारी. उन्होंने इस बार झारखंड मुक्ति मोर्चा के साइमन मरांडी को हराया था.

जब झारखंड मुक्ति मोर्चा ने मारी बाजी
लोकसभा चुनाव 1989 में राजमहल सीट पर परिवर्तन हुआ और यहां पर झारखंड मुक्ति मोर्चा के साइमन मरांडी ने जीत दर्ज की. साइमन मरांडी ने कांग्रेस उम्मीदवार सेठ हेंब्रम को हराया था. लोकसभा चुनाव 1991 में भी झामुमो ने जीत दर्ज की. झारखंड मुक्ति मोर्चा के साइमन मरांडी ने कांग्रेस उम्मीदवार थॉमस हांसदा को हराया था. इस चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार संतलाल मरांडी को 26.9 फीसदी मत प्राप्त हुए थे और वह तीसरे स्थान पर रहे थे. लोकसभा चुनाव 1996 में एक बार फिर कांग्रेस ने इस सीट पर कब्जा जमाया और थॉमस हांसदा ने जीत दर्ज की. 

1998 में पहली बार खिला कमल
लोकसभा चुनाव 1998 में पहली बार राजमहल सीट से बीजेपी का कमल खिला. भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार सोम मरांडी ने इस सीट पर जीत दर्ज की. उन्हें कुल 33.4 फीसदी वोट मिले थे जबकि कांग्रेस उम्मीदवार को 33.4 और झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रत्याशी को 25.2 फीसदी मत प्राप्त हुए थे. लोकसभा चुनाव 1998 में भाजपा के प्रत्याशी सोम मरांडी ने 9 वोट से जीतकर सबसे कम वोटों से जीतने का रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज किया था. लोकसभा चुनाव 1999 में एक बार फिर राजमहल की सीट पर कांग्रेस ने कब्जा जमाया.थॉमस हांसदा ने बीजेपी उम्मीदवार सोम मरांडी को हरा दिया. 

झारखंड बनने के बाद झामुमो ने जमाया कब्जा
बिहार से झारखंड के अलग होने के बाद पहली बार लोकसभा चुनाव 2004 में हुआ था. राजमहल लोकसभा सीट पर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने कब्जा जमाया था. यहां से हेमलाल मुर्मू ने जीत दर्ज की थी. हेमलाल मुर्मू को 32.8 फीसदी जबकि कांग्रेस उम्मीदवार थॉमस को 32.3 फीसदी मत प्राप्त हुए थे. बीजेपी उम्मीदवार सोम मरांडी को 27.8 फीसदी मत प्राप्त हुए थे. लोकसभा चुनाव 2009 में राजमहल सीट से बीजेपी उम्मीदवार देवीधन बेसरा सांसद चुने गए थे. लोकसभा चुनाव 2014 और 2019 में झामुमो उम्मीदवार  विजय कुमार हंसदक ने बाजी मारी थी. 

राजमहल से कब और कौन रहे सांसद 
1957: पाइका मुर्मू, कांग्रेस
1962: ईश्वर मरांडी, झारखंड पार्टी
1967: ईश्वर मरांडी, झारखंड पार्टी
1971: ईश्वर मरांडी, कांग्रेस
1977: एंथोनी मुर्मू, जनता पार्टी
1980: सेठ हेम्ब्रम, कांग्रेस
1984: सेठ हेम्ब्रम, कांग्रेस
1989: साइमन मरांडी, झारखंड मुक्ति मोर्चा
1991: साइमन मरांडी, झारखंड मुक्ति मोर्चा
1996: थॉमस हांसदा, कांग्रेस
1998: सोम मरांडी, बीजेपी
1999: थॉमस हांसदा, कांग्रेस
2004: हेमलाल मुर्मू, झारखंड मुक्ति मोर्चा
2009: देवीधन बेसरा, बीजेपी
2014: विजय कुमार हंसदक, झारखंड मुक्ति मोर्चा
2019: विजय कुमार हंसदक, झारखंड मुक्ति मोर्चा

लोकसभा चुनाव 2014 और 2019 में कैसा रहा जनादेश
लोकसभा चुनाव 2014 में राजमहल सीट से बीजेपी के उम्मीदवार विजय कुमार हंसदक ने झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रत्याशी हेमलाल मुर्मू को हराया था. विजय को 3.79 लाख और हेमलाल मुर्मू को 3.38 लाख वोट मिले थे. झारखंड मुक्ति मोर्चा को इस सीट पर 29.9 फीसदी मत प्राप्त हुए थे. लोकसभा चुनाव 2019 में एक बार फिर झारखंड मुक्ति मोर्चा को जीत मिली थी. झामुमो उम्मीदवार विजय कुमार ने  भाजपा के हेमलाल मुर्मू को हराया था. विजय को 507,830 और हेमलाल मुर्मू को 4,08,635 वोट मिले थे. विजय को 48.5 फीसदी जबकि हेमलाल को 39 फीसदी मत प्राप्त हुए थे.

6 में 5 विधानसभा सीटों पर महागठबंधन का कब्जा
राजमहल लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत कुल कुल 6 विधानसभा सीटें राजमहल, बोरियो, लिट्टीपाड़ा, बरहेट, पाकुड़ और महेशपुर शामिल हैं. मौजूदा समय में 5 विधानसभा सीटों पर महागठबंधन का कब्जा है जबकि एक सीट पर एनडीए की जीत हुई है. बरहेट विधानसभा सीट से कथित जमीन घोटाला मामले में जेल में बंद पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन विधायक हैं, बोरियो से लोबिन हेम्ब्रम विधायक, लिट्टीपाड़ा से दिनेश विलियम मरांडी और महेशपुर से प्रोफेसर स्टीफन मरांडी विधायक हैं. इस तरह से कुल 4 सीटों पर झामुमो का कब्जा है. पाकुड़ विधानसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर निर्वाचित टेंडर घोटाला मामले में हाल में गिरफ्तार पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम विधायक हैं. एक मात्र राजमहल विधानसभा सीट पर दो बार से निर्वाचित बीजेपी के अनंत ओझा विधायक हैं.

क्या है जातीय समीकरण 
राजमहल लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत कुल मतदाताओं की संख्या 17,02,257 है. इसमें पुरुष मतदाता 8,50,037 और महिला वोटरों की संख्या 8,52,210 है. इस सीट के सामाजिक समीकरण की बात करें तो यहां सबसे अधिक हिंदू मतदाताओं की आबादी 53 प्रतिशत है. इसके बाद मुस्लिम आबादी 32 प्रतिशत है. ईसाई आबादी 7 प्रतिशत है और अन्य की आबादी 8 प्रतिशत है. अनुसूचित जनजाति की आबादी 35 प्रतिशत है. अनुसूचित जाति की आबादी 12.31 प्रतिशत है. जहां तक सामान्य और अन्य की बात करें तो इनकी आबादी 52.62 प्रतिशत है.यहां की 86 प्रतिशत आबादी ग्रामीण पृष्ठभूमि से आती है और वहीं 14 प्रतिशत आबादी शहरों में निवास करती है.