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Saran Lok Sabha Seat: Lalu के गढ़ में Rudy ने लहराया भगवा... अब हैट्रिक की तैयारी... पिता की विरासत को बचाने आईं रोहिणी... सारण लोकसभा सीट का जानिए सियासी समीकरण

Lok Sabha Election 2024 Saran Seat: छपरा लोकसभा सीट से 1996 में पहली बार कमल खिला था. यहां से बीजेपी उम्मीदवार राजीव प्रताप रूडी ने जीत दर्ज की थी. इस बार सारण से आरजेडी ने लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य को चुनावी मैदान में उतारकर मुकाबला रोचक बना दिया है. अब देखना है कि रूडी फिर कमल खिला पाएंगे या रोहिणी लालटेन जलाने में सफल होंगी?

Saran Lok Sabha Seat Saran Lok Sabha Seat
हाइलाइट्स
  • सारण सीट को पहले जाना जाता था छपरा लोकसभा क्षेत्र के नाम से

  • राजीव प्रताप रूडी दे चुके हैं लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी को भी मात

Bihar Politics: लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) के रण का बिगुल बज चुका है. 18वीं लोकसभा के लिए चुनाव 19 अप्रैल 2024 से शुरू होगा. इस बार कुल सात चरणों में मतदान होगा. एनडीए (NDA) हो या इंडिया (INDIA) गठबंधन के दल सभी अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं. बिहार में भी चुनावी सरगर्मी तेज हो गई है. यहां की सारण लोकसभा सीट कि चर्चा इन दिनों खूब हो रही है.

आखिर हो भी क्यों न इस सीट से जहां इस बार भी बीजेपी (BJP) उम्मीदवार राजीव प्रताप रूडी (Rajiv Pratap Rudy) हैट्रिक लगाने की तैयारी में हैं, वहीं लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने रोहिणी आचार्य (Rohini Acharya) को अपना उम्मीदवार बनाकर मुकाबला रोचक कर दिया है. रोहिणी आचार्य वही हैं, जो अपने पिता लालू यादव को किडनी देकर सुर्खियों में आईं थीं. आइए जानते हैं सारण लोकसभा सीट से कब और किसको मिली जीत और क्या है जातीय समीकरण?

क्या है सारण लोकसभा सीट का इतिहास
बिहार में कुल 40 लोकसभा सीटें हैं. इसमें से एक सारण लोकसभा सीट है. पहले सारण सीट को छपरा लोकसभा क्षेत्र के नाम से जाना जाता था. इस सीट पर पहली बार लोकसभा चुनाव 1957 में हुआ था. साल 2008 में हुए परिसीमन के बाद छपरा लोकसभा सीट का नाम बदलकर सारण कर दिया गया.सारण लोकसभा क्षेत्र के गठन के बाद पहली बार साल 2009 में चुनाव हुआ. इसमें आरजेडी उम्मीदवार लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) ने बीजेपी प्रत्याशी राजीव प्रताप रूडी को मात दी थी. 

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हालांकि लोकसभा चुनाव 2014 में रूडी को जीत मिली थी. रूडी वर्तमान में यहां के सांसद हैं. लालू यादव को यहां के लोगों ने कुल चार बार अपना सांसद चुना है. लालू यादव की चारा घोटाले में सजा होने के बाद साल 2013 में संसद सदस्यता चली गई थी. लालू की चुनाव लड़ने पर इसके बाद से पाबंदी लग गई. इस तरह से हम कह सकते हैं लालू यादव ने अपना पहला और आखिरी लोकसभा चुनाव इसी सीट से लड़ा और उसे जीता भी.

सबसे पहले 1957 में छपरा लोकसभा सीट पर हुआ था चुनाव
छपरा लोकसभा सीट पर पहली बार लोकसभा चुनाव 1957 में हुआ था. उस समय यहां से प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के उम्मीदवार राजेंद्र सिंह ने जीत दर्ज की थी. इसके बाद कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार रामशेखर प्रसाद सिंह ने लोकसभा चुनाव 1962, 1967 और 1971 में सफलता पाई थी. इमरजेंसी के बाद 1977 हुए लोकसभा चुनाव में जनता पार्टी के उम्मीदवार लालू प्रसाद यादव विजयी हुए थे. 

लोकसभा चुनाव 1980 में जनता दल के टिकट पर सत्यदेव सिंह और  लोकसभा चुनाव 1984 में रामबहादुर सिंह ने जीत दर्ज की थी. इसके बाद लोकसभा चुनाव  1989 में एक बार फिर जनता दल से लालू प्रसाद यादव ने जीत दर्ज की थी. लालू यादव के साल 1990 में बिहार के सीएम बनने के बाद 1991 में छपरा लोकसभा सीट से लाल बाबू राय ने जनता दल के टिकट पर विजय हासिल की थी. 

1996 में पहली बार खिला था कमल
छपरा लोकसभा सीट से 1996 में पहली बार कमल खिला था. यहां से बीजेपी उम्मीदवार राजीव प्रताप रूडी ने जीत दर्ज की थी. लोकसभा चुनाव 1998 में आरजेडी के हीरा लाल राय ने बीजेपी उम्मीदवार राजीव प्रताप रूडी को हरा दिया. लोकसभा चुनाव 1999 में राजीव प्रताप रूडी को छपरा की जनता ने एक बार फिर अपना सांसद चुना. लोकसभा चुनाव 2009 में एकबार फिर से लालू यादव रूडी को हरा कर संसद पहुंचे. 

जब रूडी ने राबड़ी यादव को दी थी मात
लोकसभा चुनाव 2014 में भारतीय जनता पार्टी ने सारण से राजीव प्रताप रूडी को एक बार फिर चुनावी मैदान में उतारा. इस चुनाव में रूडी ने लालू प्रसाद यादव की पत्नी राबड़ी यादव को 40 हजार से ज्यादा मतों से हराया था. राजीव प्रताप रूडी को कुल 3,55,120 वोट तो वहीं राबड़ी देवी को 3,14,172 मत मिले थे. जेडीयू के उम्मीदवार सलीम परवेज को 1,07 हजार 008 वोट से संतोष करना पड़ा था.

2019 में लालू यादव के समधी को हराया था
लोकसभा चुनाव 2019 में सारण सीट से एक बार फिर कमल खिला. बीजेपी उम्मीदवार राजीव प्रताप रूडी ने इस बार लालू प्रसाद यादव के समधी और आरजेडी उम्मीदवार चंद्रिका राय को हराया था. रूडी ने 4 लाख 99 हजार 986 वोट हासिल किए थे. चंद्रिका राय को 3 लाख 61 हजार 575 वोट मिले थे. तीसरे स्थान पर 15 हजार 283 वोट के बीएसपी प्रत्याशी शिवजी राम रहे थे. 28 हजार से ज्यादा मतदाताओं ने NOTA का बटन दबाया था.

कुल इतनी हैं विधानसभा सीटें
सारण लोकसभा क्षेत्र में कुल छह विधान सभा क्षेत्र हैं. इसमें छपरा, मढ़ौरा, गरखा, अमनौर, परसा और सोनपुर शामिल है. इनमें से चार विधान सभा सीटों पर राजद का कब्जा है और दो पर बीजेपी के विधायक हैं.सारण लोकसभा क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 16,67,253 है. इसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 896700 जबकि महिला वोटरों की संख्या 770526 है. 

क्या है जातीय समीकरण 
लोकसभा सीट सारण पर पांचवें चरण में 20 मई 2024 को चुनाव होना है. इस संसदीय क्षेत्र में राजपूत और यादव जाति की बहुलता है. इसको ध्यान में रखते हुए राजनीतिक दल यहां से यादव या फिर राजपूत उम्मीदवार पर ही अपना दांव लगाते हैं. हालांकि बनिया, मुस्लिम और दलितों की भूमिका भी उम्मीदवारों के जीत और हार में प्रमुख से निभाती है. सारण लोकसभा क्षेत्र में सबसे अधिक यादवों की आबादी 25 फीसदी है.

यहां राजपूत 23 फीसदी हैं. वैश्य वोटर 20 प्रतिशत, मुस्लिम 13 प्रतिशत और दलित 12 प्रतिशत हैं. एम-वाई यानी मुस्लिम और यादव समीकरण बनाकर लालू प्रसाद यहां से चार बार सांसद रह चुके हैं. वहीं, बीजेपी उम्मीदवार राजीव प्रताप रूडी राजपूत और वैश्यों की गोलबंदी से विजय पाने में सफर रहे हैं. राजनीति के जानकार मान रहे हैं कि इस बार रोहिणी आचार्य के सारण लोकसभा सीट से मैदान में उतरने से रूडी के लिए राह आसान नहीं रहने वाली है.