बिहार के रोहतास जिले में सासाराम आता है. मुगल शासक शेरशाह सूरी का मकबरा यहीं पर है. देवी चंडी का एक भव्य मंदिर भी यहां हैं. सासाराम को गेट वे ऑफ 'बिहार' भी कहा जाता है. रोहतास जिले में तीन अनुमंडल सासाराम, डेहरी-ऑन-सोन और बिक्रमगंज हैं. सासाराम रोहतास जिले का मुख्यालय है. पूर्वी बिहार की महत्वपूर्ण लोकसभा सीट (Lok Sabha Seat) सासाराम (Sasaram) अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित है.
इस लोकसभा सीट पर कभी कांग्रेस का दबदबा रह चुका है. बाबू जगजीवन राम यहां से 1952 से 1984 तक लगातार आठ बार सांसद रहे. इसके बाद 1989 में जनता दल के टिकट से चुनाव लड़े छेदी पासवान (Chhedi Paswan) को जीत मिली थी. जगजीवन राम (Jagjivan Ram) की बेटी मीरा कुमार (Meera Kumar) बाबूजी की विरासत को संभाल नहीं पाईं. मोदी लहर में कांग्रेस का किला ढह गया. छेदी पासवान ने मीरा कुमार को मात दी. वर्तमान में छेदी पासवान ही यहां के सांसद हैं. एनडीए गठबंधन में यह सीट इस बार भी भारतीय जनता पार्टी के खाते में आई है.
सासाराम के पहले सांसद थे बाबू जगजीवन राम
सासाराम के पहले सांसद बाबू जगजीवन राम थे. वह 1952 से 1971 तक कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा पहुंचे. जगजीवन राम ने आपातकाल के बाद 1977 में जनता पार्टी के टिकट पर जीत हासिल की. इसके बाद 1980 में भी इसी पार्टी के टिकट पर विजय हासिल की. लोकसभा चुनाव 1984 में जगजीवन बाबू ने अपनी पार्टी इंडियन कांग्रेस जगजीवन बना ली और जीत दर्ज की. इसके बाद जगजीवन राम फिर कांग्रेस में शामिल हो गए. जुलाई 1986 में उनका निधन हो गया.
1996 में बीजेपी का खिला कमल
कांग्रेस ने 1989 के लोकसभा चुनाव में जब मीरा कुमार को टिकट दिया था तो सभी को उनकी जीत पक्की लग रही थी, लेकिन जनता दल के उम्मीदवार छेदी पासवान ने उन्हें हरा दिया. उन्होंने एक लाख से ज्यादा वोटों से मीरा को हराया था. छेदी पासवान ने 1991 में जनता दल के टिकट से जीत दर्ज की थी. इसके बाद 1996 में सासाराम लोकसभा सीट से पहली बार बीजेपी का कमल खिला. मुनीलाल जीत दर्ज करने में सफल हुए. मुनीलाल ने लगातार 3 बार यहां से सांसद बने. इसके बाद मीरा कुमार ने 2004 में वापसी की और फिर 2009 में भी लगातार दूसरी बार सांसद चुनी गईं.
छेदी पासवान ने कांग्रेस की दिग्गज नेता मीरा कुमार को हराया
छेदी पासवान कई पार्टियों में रह चुके हैं. 2014 लोकसभा चुनाव से ठीक पहले वह जदयू को छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे. मोदी लहर में छेदी पासवान ने कांग्रेस की दिग्गज नेता मीरा कुमार को हराया था. लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी के टिकट से छेदी पासवान ने एक बार फिर मीरा कुमार को हराया. 2014 और 2019 में जीत हासिल कर चुके बीजेपी सांसद छेदी पासवान इस बार हैट्रिक लगाने की तैयारी में हैं. वहीं मीरा कुमार भी राजनीतिक विरासत बचाने की तैयारी कर रही हैं. जदयू के फिर से एनडीए में शामिल हो जाने से भारतीय जनता पार्टी को राहत मिली है.
सासाराम लोकसभा सीट से अबतक चुने गए सांसद
1952: जगजीवन राम, कांग्रेस
1957: जगजीवन राम, कांग्रेस
1962: जगजीवन राम, कांग्रेस
1967: जगजीवन राम, कांग्रेस
1971: जगजीवन राम, कांग्रेस
1977: जगजीवन राम, जनता पार्टी
1980: जगजीवन राम, जनता पार्टी
1984: जगजीवन राम, कांग्रेस (जगजीवन)
1989: छेदी पासवान, जनता दल
1991: छेदी पासवान, जनता दल
1996: मुनि लाल, बीजेपी
1999: मुनि लाल, बीजेपी
2004: मीरा कुमार, कांग्रेस
2009: मीरा कुमार, कांग्रेस
2014: छेदी पासवान, बीजेपी
2019: छेदी पासवान, बीजेपी
इतनी हैं विधानसभा सीटें
सासाराम लोकसभा क्षेत्र में विधानसभा की 6 सीटें हैं. तीन कैमूर जिले और तीन रोहतास में हैं. 6 विधानसभा सीटों में मोहनिया, भभुआ, चैनपुर, चेनारी, सासाराम और करगहर शामिल हैं. इनमें चेनारी और मोहनिया एससी सुरक्षित सीट हैं. विधानसभा चुनाव 2020 में 6 में से 3 सीटें सासाराम, मोहनिया और भभुआ पर राजद ने कब्जा जमाया था. दो सीटें चेनारी और करगहार में कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी. एक सीट चैनपुर से बसपा प्रत्याशी ने जीत दर्ज की थी.
क्या है जातीय समीकरण
सासाराम संसदीय क्षेत्र में मतदाताओं की कुल संख्या 1,402,789 है. इसमें महिला वोटर 6,52,146 और पुरुष वोटर 7,50,643 है. इस लोकसभा में 70 फीसदी से ज्यादा हिंदू, 25.58 फीसदी मुस्लिम आबादी है. इसके अलावा सिख, जैन, इसाई और बौद्ध समुदाय की आबादी शामिल है. इस सीट पर सवर्ण मतदाता 20 प्रतिशत, दलित 20 प्रतिशत, कुशवाहा 14 प्रतिशत और मुस्लिम 12 प्रतिशत हैं.