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Shimla Lok Sabha Seat: कांग्रेस का रहा दबदबा, चौथी बार बीजेपी को मिली जीत... जानें शिमला लोकसभा सीट का इतिहास और समीकरण

Himachal Pradesh Lok Sabha Election 2024: हिमाचल प्रदेश की शिमला लोकसभा सीट अनुसूचित जाति (Scheduled Castes) के लिए आरक्षित है. इस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवारों को 10 बार जीत मिली है. जबकि बीजेपी को इस बार चौथी बार जीत मिली है. इस सीट से कृष्ण दत्ता सुल्तानपुरी ने इस सीट से लगातार 6 बार सांसद चुने गए.

Shimla Lok Sabha Seat Shimla Lok Sabha Seat

हिमाचल प्रदेश में शिमला लोकसभा सीट बेहद खास है. यह सीट अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित है. इस सीट पर सा 2009 से बीजेपी का कब्जा है. हालांकि इस सीट पर सबसे ज्यादा बार कांग्रेस उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है. कृष्ण दत्त सुल्तानपुरी ने लगातार 6 बार शिमला से सांसद चुने गए. इस सीट पर पिछले 38 सालों से सोलन जिले के दबदबा रहा है.

फिर बीजेपी को मिली जीत-
आम चुनाव 2024 में शिमला लोकसभा सीट से बीजेपी के सुरेश कुमार कश्यप ने जीत हासिल की है. बीजेपी उम्मीदवार ने कांग्रेस के उम्मीदवार विनोद सुल्तानपुरी को 91 हजार 451 वोटों से हराया है. सुरेश कश्यप क 5.19 लाख और विनोद सुल्तानपुरी को 2.18 लाख वोट मिले हैं. इस सीट पर साल 2009 से बीजेपी का कब्जा है. .

2019 आम चुनाव के नतीजे-
पिछले आम चुनाव में शिमला लोकसभा सीट पर बीजेपी ने बड़ी जीत हासिल की थी. बीजेपी उम्मीदवार सुरेश कश्यप ने कांग्रेस उम्मीदवार धनी राम शांडिल को 3 लाख 27 हजार 515 वोटों से हराया था.सुरेश कश्यप को 6 लाख 6 हजार 183 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार को 2 लाख 78 हजार 668 वोट मिले थे. NOTA को 8 हजार 357 वोट मिले थे.

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शिमला सीट का इतिहास-
शिमला लोकसभा सीट पर पहली बार वोटिंग साल 1962 आम चुनाव में हुई थी. कांग्रेस के उम्मीदवार वीरभद्र सिंह ने जीत हासिल की थी. साल 1967 आम चुनाव में भी वीरभद्र सिंह सांसद चुने गए थे. साल 1971 आम चुनाव में कांग्रेस के प्रताप सिंह ने जीत हासिल की थी. लेकिन आपातकाल के बाद साल 1977 में चुनाव हुए तो जनता पार्टी के उम्मीदवार बालक राम कश्यप सांसद चुने गए.

साल 1980 आम चुनाव में कांग्रेस ने कृष्ण दत्त सुल्तानपुरी को मैदान में उतारा. उन्होंने जीत हासिल की. इस सीट से सुल्तानपुरी लगातार 6 बार सांसद चुने गए. उन्होंने साल 1980, साल 1984, साल 1989, साल 1991, साल 1996 और साल 1998 आम चुनाव में जीत हासिल की.

साल 1999 आम चुनाव में हिमाचल विकास कांग्रेस के धनी राम शांडिल सांसद चुने गए. लेकिन बाद में वे कांग्रेस में शामिल हो गए. साल 2004 लोकसभा चुनाव में धनी राम शांडिल कांग्रेस के टिकट पर जीत हासिल की.

शिमला लोकसभा सीट पर बीजेपी को पहली बार साल 2009 आम चुनाव में जीत मिली. बीजेपी उम्मीदवार वीरेंद्र कश्यप सांसद चुने गए. बीजेपी ने साल 2014 आम चुनाव में भी उनको मौका दिया और उन्होंने फिर से जीत हासिल की. साल 2019 आम चुनाव में बीजेपी के सुरेश कश्यप सांसद चुने गए.

17 विधानसभा सीटों का गणित-
शिमला लोकसभा सीट के तहत 17 विधानसभाएं आती हैं. इसमें सोलन जिले की अर्की, नालागढ़, दून, सोलन और कसौली विधानसभा सीटें शामिल हैं. जबकि सिरमौर जिले की पच्छाद, नाहन, श्रीरेणुकाजी, पांवटा साहिब और शिलाई विधानससभा सीटें शामिल हैं. इसमें शिमला जिले की चौपाल, ठियोग, कासुमति, शिमला, शिमला ग्रामीण, जुब्बल-कोटखाई और रोहड़ू सीटें शामिल हैं. हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में बीजेपी को 4 और कांग्रेस को 13 सीटों पर जीत मिली है.

शिमला सीट का जातीय समीकरण-
शिमला लोकसभा सीट में सोलन, शिमला और सिरमौर की इलाके शामिल हैं. शिमला में 26.51 फीसदी अनुसूचित जाति (ST) के वोटर हैं. जबकि अनुसूचित जनजाति (ST) के वोटर 1.08 फीसदी वोटर हैं. सोलन में 28.34 फीसदी अनुसूचित जाति और सिरमौर में 30.34 फीसदी अनुसूचित जाति के वोटर हैं.

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