उजियारपुर संसदीय सीट बिहार में काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. इस सीट से एनडीए सरकार में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानन्द राय प्रत्याशी हैं. नित्यानंद राय फिलहाल उजियारपुर से सांसद हैं. वहीं, इंडिया गठबंधन से आरजेडी ने आलोक कुमार मेहता को उम्मीदवार बनाया है. दोनों के बीच इस बार दिलचस्प मुकाबला होने के आसार दिख रहे हैं.चौथे चरण में होने वाले चुनाव को लेकर दोनों गठबंधन के प्रत्याशी जनसंपर्क अभियान में लगे हुए हैं. उजियारपुर लोकसभा सीट पर यादव जाति का दबदबा है, जो चुनाव में अपनी अहम भूमिका निभाते है. यह निर्वाचन क्षेत्र 2008 में बना है. इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण विद्यापति धाम और खुदनेश्वर स्थान है. साल 2014 और 2019 में लगातार बीजेपी से नित्यानंद राय ने जीत दर्ज की है. इस बार के चुनाव में यादव जाति से आने वाले आरजेडी के बागी नेता अमरेश राय ने भी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल करने की घोषणा की है.
क्या है जातीय समीकरण-
उजियारपुर लोकसभा क्षेत्र में वोटर्स की संख्या 16 लाख के करीब है. सबसे ज्यादा यादव समुदाय के वोटर हैं. इनकी संख्या करीब 15.29 फीसदी है. जबकि मुस्लिम वोटर्स की संख्या 9.26 फीसदी है. अगर बात सवर्ण की करें तो ब्राह्मण 6.78 फीसदी और राजपूत 4.41 फीसद हैं. इसके अलावा भूमिहार 3.06 फीसदी हैं. इस लोकसभा क्षेत्र में कोइरी 8.09 फीसदी और कुर्मी 4.46 फीसदी हैं. मल्लाह मतदाताओं की संख्या 4.46 फीसदी और पासवान मतदाताओं की संख्या 9.05 फीसदी है. बनिया 2.28 फीसदी और रविदास समुदाय के वोटर 5.78 फीसदी है. इसके अलावा मुसहर जाति के मतदाताओं की संख्या 2.01 फीसदी है.
6 विधानसभा सीटों का गणित-
उजियारपुर लोकसभा क्षेत्र में 6 विधानसभाएं आती हैं. इसमें पातेपुर, उजियापुर, मोरवा, सरायरंजन, मोहिउद्दीनगर और विभूतिपुर विधानसभा शामिल है. इसमें से दो सीटों मोरवा और सरायरंजन सीट पर आरजेडी का कब्जा है और विभूतिपुर सीट पर सीपीएम का कब्जा है. बीजेपी को मोहिउद्दीननगर और पातेपुर सीट पर जीत मिली है. जबकि एक सीट सरायरंजन में जेडीयू उम्मीदवार ने जीत दर्ज की है.
वैशाली जिले की पातेपुर विधानसभा सीट से लखेंद्र रौशन विधायक हैं. समस्तीपुर के उजियारपुर से आलोक मेहता, मोरवा से रणविजय साहू, सरायरंजन से विजय चौधरी, मोहिउद्दीनगर से राजेश कुमार सिंह और विभूतिपुर से अजय कुमार विधायक हैं.
(समस्तीपुर से जहांगीर आलम की रिपोर्ट)
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