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Vaishali: कभी Raghuvansh Prasad Singh का रहा बोलबाला, अभी LJP का कब्जा, इस बार Veena Devi और Munna Shukla में मुकाबला, राजपूत बाहुल्य वैशाली Lok Sabha Seat का जनिए इतिहास

Bihar Lok Sabha Election 2024: वैशाली लोकसभा का गठन 1977 में हुआ. उसके बाद हुए 13 लोकसभा चुनावों में इस सीट से 11 बार राजपूत बिरादरी के उम्मीदवारों की जीत हुई है. दो बार भूमिहार प्रत्याशी विजयी हुए हैं. यहां से सबसे अधिक पांच बार राजद नेता रघुवंश प्रसाद सिंह जीत दर्ज कर चुके हैं. इस बार वीणा देवी और बाहुबली मुन्ना शुक्ला के बीच टक्कर है.

Vaishali Lok Sabha Seat Vaishali Lok Sabha Seat
हाइलाइट्स
  • वैशाली में 25 मई 2024 को होनी है वोटिंग

  • दिग्विजय नारायण सिंह वैशाली के चुने गए थे पहले सांसद 

Bihar Politics: लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) में जहां एनडीए (NDA) हैट्रिक लगाने की तैयारी में है, वहीं इंडिया गठबंधन (India Alliance) से जुड़ी पार्टियां उलटफेर करने की फिराक में हैं. आज हम आपको बिहार की सबसे हॉट सीट वैशाली लोकसभा सीट के चुनावी इतिहास और ताजा समीकरण बताने जा रहे हैं. यहां छठे चरण में 25 मई 2024 को वोटिंग होनी है.

वीणा देवी पर फिर जताया भरोसा
बिहार की कुल 40 लोकसभा सीटों में वैशाली लोकसभा सीट हर चुनाव में काफी चर्चा में रहती है. यह सीट इस बार भी बंटवारे के तहत एनडीए से जुड़ी लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के खाते में गई है. यहां से चिराग पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने मौजूदा सांसद वीणा देवी (Veena Devi) पर ही अपना भरोसा जताया है.

उधर, इंडिया गठबंधन के तहत यह सीट लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव की पार्टी आरजेडी के खाते में है. यहां से आरजेडी ने पूर्व विधायक विजय कुमार शुक्ला उर्फ मुन्ना शुक्ला (Munna Shukla) को प्रत्याशी बनाया है. वीणा देवी और बाहुबली मुन्ना शुक्ला के बीच वैशाली में सीधी टक्कर होती दिख रही है.

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पीएम मोदी के नेतृत्व में आगे बढ़ना चाहती है जनता
लोजपा प्रत्याशी वीणा देवी का कहना है कि वैशाली की जनता 90 वाला दशक नहीं चाहती है. महिलाओं को वैशाली ने सबसे ज्यादा प्यार दिया है. इस बार भी जनता उन्हें आगे बढ़ाएगी. यहां की जनता प्रधानमंत्री नरेंद मोदी के नेतृत्व में आगे बढ़ना चाहती है. लोजपा को छोड़ राष्ट्रीय जनता दल से जुड़े पूर्व सांसद राम किशोर सिंह उर्फ रामा सिंह एक बार फिर लोजपा से जुड़ चुके हैं. इससे आरजेडी की चुनौती और बढ़ गई है. रामा सिंह ने वैशाली के पांच बार सांसद रहे रघुवंश बाबू को हराया था. वीणा सिंह वैशाली की सीटिंग सांसद हैं, उस पर रामा सिंह का साथ मिल जाना सोना पर सुहागा जैसा हो गया है. 

जीत का ठोक रहे ताल
मुन्ना शुक्ला की बात करें तो वे पहले भी वैशाली लोकसभा सीट से दो बार चुनाव लड़ चुके हैं. हालांकि दोनों ही बार उनकी हार हुई थी. लोकसभा चुनाव 2009 में मुन्ना शुक्ला ने जदयू की टिकट पर चुनाव लड़ा था. लोकसभा चुनाव 2014 में मुन्ना शुक्ला ने अपनी पत्नी अनु शुक्ला को निर्दलीय खड़ा किया था. अनु शुक्ला को भी हार का सामना करना पड़ा था.

वर्ष 2000 में पहली बार मुन्ना शुक्ला लालगंज से निर्दलीय विधानसभा चुनाव जीते थे.इसके बाद लगातार दो बार विधानसभा चुनाव में मुन्ना शुक्ला ने जीत दर्ज की थी. वह एक बार लोजपा और दूसरी बार जदयू के टिकट पर जीत हासिल कर चुके हैं. मुन्ना शुक्ला को राजद सुप्रीमो के माय (मुस्लिम-यादव) समीकरण पर भरोसा है. बाहुबली मुन्ना शुक्ला इस बार लोकसभा चुनाव में अपनी जीत का ताल ठोक रहे हैं. 

वैशाली लोकसभा सीट का इतिहास
मुजफ्फरपुर से अलग कर 1972 में वैशाली को एक अलग जिला बनाया गया. वैशाली लोकसभा सीट का अस्तित्व 1971 में गठित परिसीमन समिति की रिपोर्ट के बाद 1977 आया. यहां सबसे पहले चुनाव 1977 में हुआ.दिग्विजय नारायण सिंह वैशाली के पहले सांसद चुने गए थे. उन्होंने जनता पार्टी के टिकट पर जीत हासिल की थी. इसके बाद लोकसभा चुनाव 1980 में जनता पार्टी की उम्मीदवार किशोरी सिन्हा ने जीत दर्ज की थी.

1984 में किशोरी सिन्हा ने कांग्रेस का दामन थाम लिया. वह लोकसभा चुनाव 1984 में कांग्रेस के टिकट पर वैशाली की सांसद चुनी गईं. लोकसभा चुनाव 1989 में जनता दल के टिकट से उषा सिंह सांसद बनीं, लेकिन 1991 के चुनाव में जनता दल ने शिवनारायण सिंह को टिकट दिया और उन्होंने जीत हासिल की.1994 में वैशाली लोकसभा चुनाव में हुए उपचुनाव में समता पार्टी की टिकट पर आनंद मोहन सिंह की पत्नी लवली आनंद ने जीत दर्ज की. 

रघुवंश प्रसाद सिंह पांच बार चुने गए सांसद
लोकसभा चुनाव 1996 में जनता दल उम्मीदवार डॉक्टर रघुवंश प्रसाद सिंह (Raghuvansh Prasad Singh) ने पहली बार वैशाली लोकसभा सीट से जीत दर्ज की थी. इसके बाद आरजेडी उम्मीदवार रघुवंश प्रसाद सिंह ने लोकसभा चुनाव 1998, 1999, 2004 और लोकसभा चुनाव 2009 तक वैशाली लोकसभा का नेतृत्व किया.

वैशाली की जनता ने रघुवंश प्रसाद सिंह को लगातार पांच बार अपना सांसद चुना. लोकसभा चुनाव 2014 में मोदी लहर के दौरान एनडीए की सहयोगी पार्टी लोजपा के उम्मीदवार राम किशोर सिंह ने रघुवंश प्रसाद सिंह को हरा दिया. इसके बाद लोकसभा चुनाव 2019 में लोजपा की वीणा देवी वैशाली की सांसद चुनी गईं.

वैशाली से कब और किसने दर्ज की जीत
1977: दिग्विजय नारायण सिंह, जनता पार्टी 
1980: किशोरी सिन्हा, जनता पार्टी
1984: किशोरी सिन्हा, कांग्रेस
1989: उषा सिन्हा, जनता दल
1991: शिवनारायण सिंह, जनता दल
1994: लवली आनंद, समता पार्टी
1996: रघुवंश प्रसाद सिंह, जनता दल
1998: रघुवंश प्रसाद सिंह, आरजेडी
1999: रघुवंश प्रसाद सिंह, आरजेडी
2004: रघुवंश प्रसाद सिंह, आरजेडी
2009: रघुवंश प्रसाद सिंह, आरजेडी
2014: राम किशोर सिंह, लोजपा
2019: वीणा देवी, लोजपा

लोकसभा चुनाव 2014 और 2019 में कैसा रहा जनादेश
लोकसभा चुनाव 2014 में वैशाली सीट से लोजपा उम्मीदवार राम किशोर सिंह ने जीत दर्ज की थी. उन्होंने आरजेडी उम्मीदवार  रघुवंश प्रसाद सिंह को हराया था. राम किशोर सिंह को 3,05,450 वोट मिले थे. रघुवंश प्रसाद सिंह को 2,06,183 वोट मिले थे. जेडीयू उम्मीदवार विजय कुमार साहनी को इस चुनाव में 1,44,807 वोट मिले थे.बाहुबली मुन्ना शुक्ला की पत्नी और निर्दलीय उम्मीदवार अनु शुक्ला को 1 लाख 04 हजार 229 वोट मिले थे. 2014 के लोकसभा चुनाव में वैशाली लोकसभा सीट में 6 हजार से ज्यादा मतदाताओं ने NOTA का बटन दबाया था. 

रामविलास पासवान की पार्टी एलजेपी इस चुनाव में एनडीए के साथ मिलकर लड़ी थी और उसे मोदी लहर का पूरा फायदा मिला था. लोकसभा चुनाव 2019 में लोजपा प्रत्याशी वीणा देवी को 5,68,215 वोट मिले थे. उन्होंने आरजेडी उम्मीदवार रघुवंश प्रसांद सिंह को हराया था. रघुवंश प्रसांद सिंह को इस चुनाव में   3,33,631 मतों से संतोष करना पड़ा था. वीणा देवी ने रघुवंश प्रसाद सिंह को 2,34,584 वोटों से हराया था.आईएनडी की आभा राय 27,497 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रही थीं. लोकसभा चुनाव 2019 में 52.87 प्रतिशत लोजपा को मत प्राप्त हुआ था. राष्ट्रीय जनता दल को 31.04 प्रतिशत व अन्य दलों को 16.09 प्रतिशत मत प्राप्त हुआ था.

वैशाली लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत कुल इतनी हैं विधानसभा सीटें
वैशाली लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत कुल 6 विधानसभा सीटे आती हैं. इसमें वैशाली, पारू, कांती, बरौज , साहेबगंज और मीणापुर शामिल है. अभी वैशाली विधानसभा सीट पर जेडीयू का कब्जा है. मीणापुर विधानसभा सीट पर आरजेडी ने जीत दर्ज की है. कांती विधानसभा सीट भी आरजेडी के खाते में है. बरौज विधानसभा सीट पर बीजेपी का कब्जा है. पारू विधानसभा सीट पर  बीजेपी ने जीत दर्ज की है. साहेबगंज विधानसभा सीट से राजू कुमार सिंह विधायक हैं. 

क्या है जातीय समीकरण 
वैशाली लोकसभा क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 18 लाख 49 हजार 054 है. इसमें पुरुष मतदाता 9 लाख 74 हजार 504 और महिला वोटर 8 लाख 74 हजार 475 हैं. थर्ड जेंडर के भी 75 मतदाता हैं.यहां के 55 फीसदी मतदाता युवा हैं, जिनमें 18 से 19 वर्ष के मतदाता 1.3 प्रतिशत, 20 से 29 वर्ष के मतदाता 21.4 प्रतिशत, 30 से 39 वर्ष के मतदाता 33.01 प्रतिशत, 80 वर्ष से ऊपर के मतदाता 2.1 प्रतिशत हैं. दिव्यांग मतदाता 0.08 प्रतिशत हैं. वैशाली लोकसभा क्षेत्र में जातीय समीकरण से किसी उम्मीदवार की जीत और हार तय होती है.

वैशाली में राजपूत और यादव वोटरों का दबदबा है. राजपूत अब बीजेपी के साथ हैं तो अधिकांश यादव लालू यादव की पार्टी आरजेडी के पक्ष में हैं. इसके अलावा भूमिहार और मुस्लिम मतदाता भी यहां निर्णायक भूमिका निभाते हैं. माना जाता है कि करीब 3.5 लाख से 4 लाख के बीच राजपूत मतदाता हैं. 2.5 लाख यादव मतदाता हैं. भूमिहार मतदाताओं की संख्या यहां करीब 2 लाख है. 1.5 लाख मुसलमान और 1.25 लाख कुशवाहा मतदाता हैं.