2024 में लोकसभा चुनाव होने वाला है. चुनाव से पहले इंडिया गठबंधन (भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन) पार्टियों के बीच सीट बंटवारे को लेकर कोई बात बनती नहीं दिख रही है. तृणमूल कांग्रेस और शिव सेना जैसी पार्टियों ने पहले ही साफ कर दिया था कि वो गठबंधन में तो रहेंगी लेकिन सीटों को लेकर कोई समझौता नहीं करेंगी.
दोनों क्षेत्रीय पार्टियों के बाद अब नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने भी साफ कर दिया है कि वो बिहार की 16 लोकसभा सीटों पर अपनी दावेदारी पेश करेगी. जेडीयू ने बिहार में सीट शेयरिंग को लेकर कांग्रेस से किसी भी तरह की बातचीत से इनकार कर दिया है. उसका कहना है कि डील सिर्फ लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल से होगी.
सीट शेयरिंग को अंतिम रूप देना बाकी
बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री संजय कुमार झा ने कहा, हमारे लोकसभा में 16 एमपी हैं और हम सभी सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. अभी सीट शेयरिंग को अंतिम रूप देना बाकी है. 16 से कम सीटों पर चुनाव लड़ने का सवाल ही नहीं उठता है. जब हमारी राजद के साथ बैठक होगी तो हम अपनी बात रखेंगे. उन्होंने कहा, सीट बंटवारे को अंतिम रूप दिए जाने से पहले कांग्रेस और दूसरे वामपंथी दलों को आरजेडी से चर्चा करनी चाहिए. इसके बाद हम उनसे बात करेंगे.
जानकारों का कहना है कि जद (यू) का ये रुख कांग्रेस पर नीतीश कुमार को इंडिया ब्लॉक का संयोजक बनाने की एक चाल हो सकती है. उनकी पार्टी के नेता खुलेआम मांग कर चुके हैं कि बिहार के सीएम विपक्षी गठबंधन का पीएम चेहरा होने चाहिए.
बिहार में लोकसभा की 40 सीटें हैं. 2019 के चुनाव में भाजपा ने 17 और जदयू ने 16 सीटें जीती थीं. कांग्रेस ने 1 सीट जीती थी, जबकि राम विलास पासवान की लोक जन शक्ति पार्टी ने 6 सीटें जीतीं थी. हालांकि 2019 में जेडीयू भाजपा की सहयोगी थी. इस बार उसे कई ऐसी सीटों से निपटना होगा जहां उसने 2019 में आरजेडी और कांग्रेस के खिलाफ चुनाव लड़ जीत दर्ज की थी.
सीट बंटवारे में हो रही देरी से नीतीश नाराज
जदयू पहले से ही सीट बंटवारे में हो रही देरी को लेकर कांग्रेस और अन्य पार्टियों से नाराज है. कुछ दिन पहले ही बिहार कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने भी ये साफ कर दिया था कि इस बार कांग्रेस 16 से कम सीटों पर लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेगी. पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने शनिवार को कहा कि नीतीश कुमार की इच्छा थी कि इंडिया गठबंधन में जल्द ही सीट बंटवारा हो जाए ताकि लोकसभा चुनाव अभियान तज गति से शुरू किया जा सके.
इंडिया की बैठकों का हिस्सा रह चुके जदयू के राष्ट्रीय महासचिव संजय कुमार झा ने कहा, हमें अफसोस है कि कीमती समय बर्बाद हो गया लेकिन अभी तक सीट का बंटवारा नहीं हुआ है. उन्होंने उम्मीद जताई कि गठबंधन में सीटों का बंटवारा इस महीने के आखिर तक हो सकता है.
टीएमसी और शिवसेना पहले ही सीट शेयरिंग पर अपना रुख जाहिर कर चुकी
इससे पहले बंगाल की मुख्यमंत्री और इंडिया अलायंस की सदस्य ममता बनर्जी ने कहा था कि 2024 में टीएमसी बंगाल में किसी पार्टी से चुनावी समझौता नहीं करेगी. बेशक इंडिया गठबंधन पूरे देश में भाजपा के खिलाफ मिलकर चुनाव लड़ेगा, लेकिन बंगाल में टीएमसी अकेले बीजेपी के खिलाफ लड़ेगी. दूसरी ओर, शिवसेना (उद्धव गुट) पहले ही साफ कर चुका है कि उनकी पार्टी महाराष्ट्र की 23 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी.
'एक थी कांग्रेस' कहकर कसा था तंज
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पहले से ही साफ करते आ रहे हैं कि वो यूपी में खुद बड़े भाई की भूमिका में रहेंगे. यूपी में समाजवादी पार्टी ने संकेत दिया था कि वो 65 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. कांग्रेस और आरएलडी के लिए सिर्फ 15 सीटें छोड़ेगी. उधर, AAP ने भले यह संकेत दिया है कि वो पंजाब में कांग्रेस के साथ सीट शेयरिंग करने के लिए तैयार है. लेकिन यह इतना आसान नहीं है. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हाल ही में 'एक थी कांग्रेस' कहकर तंज कसा था. उससे पहले खुद AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पंजाब की सभी 13 सीटों पर दावेदारी कर दी थी.