लोकसभा चुनाव 2024 (Loksabha Elections) नजदीक है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) मध्यप्रदेश के आदिवासी अंचल झाबुआ से अपने चुनाव प्रचार अभियान का आगाज करने वाले हैं. इसके लिए 11 फरवरी की तारीख तय कर दी गई है. मध्य प्रदेश बीजेपी (Madhya Pradesh BJP) भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनसभा की तैयारियों में जुट गई है. कार्यक्रम स्थल झाबुआ (Jhabua) के समीप गोपालपुरा हवाई पट्टी और पास के मैदान का प्रशासनिक अमले के साथ निरीक्षण किया जा रहा है. इस दौरान प्रदेश सरकार के दो मंत्री नागर सिंह चौहान और निर्मला भूरिया भी मौजूद थीं. निरीक्षण के बाद कार्यकर्ताओं की बैठक कर जनसभा को सफल बनाने को लेकर लक्ष्य तय किए.
झाबुआ ही क्यों चुना गया ?
प्रधानमंत्री पश्चिम मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले से अपने 2024 के लोकसभा चुनाव का आगाज करने वाले हैं. हालांकि, वे चुनाव अभियान का आगाज इसी इलाके से क्यों कर रहे हैं, इसको लेकर चर्चाएं काफी गर्म हैं. दरअसल झाबुआ पश्चिम मध्यप्रदेश की आदिवासी राजनीति का केंद्र है. पश्चिम मध्यप्रदेश के धार (Dhar), रतलाम (Ratlam) और इससे गुजरात के दाहोद (Dahod) , महिसागर (Mahisagar) और पंचमहाल (Panchmahal) जिले सटे हुए हैं. साथ ही राजस्थान के बांसवाड़ा (Banswara), डूंगरपुर (Dungarpur) और प्रतापगढ़ (Pratapgarh) जिले लगे हैं. यह सभी भील आदिवासी बहुल इलाके हैं.
भीलों की राजधानी है झाबुआ
झाबुआ की पहचान भीलों की राजनीति और उनकी संस्कृति है. इतना ही नहीं ये जगह भीलों की राजधानी भी मानी जाती है. लोकसभा के लिहाज से देखें तो पश्चिम मध्य प्रदेश में आदिवासी समुदाय की तीन आरक्षित सीटें, गुजरात और राजस्थान की दो-दो लोकसभा सीटें झाबुआ के आसपास आती हैं.
विशाल आदिवासी सम्मेलन होगा
हाल ही में, राजस्थान और मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव में झाबुआ और राजस्थान के आदिवासी इलाकों में बीजेपी का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा था. हालांकि, इन चुनावों में बीजेपी ने सत्ता हासिल जरूर कर ली. इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी झाबुआ में 11 फरवरी को विशाल आदिवासी सम्मेलन के जरिए आदिवासियों को साधने की कोशिश करेंगे. जानकारों के अनुसार, पीएम मोदी इस सभा में आदिवासियों के लिए कुछ बड़े ऐलान कर सकते हैं.
(चंद्रभान सिंह भदौरिया की रिपोर्ट)