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Loksabha Elections and Voting: जागरूक मतदाता की अनूठी मिसाल! पहले दिया वोट… फिर किया भाई का अंतिम संस्कार

एक श्रेष्ठ नागरिक एवं जागरुक मतदाता का परिचय देते हुए बनारसी लाल अपने भाई के निधन की खबर पाकर पहले फफक पड़े. लेकिन, मतदाता के तौर पर उन्होंने अपनी जिम्मेदारी निभाई और वोट करने के बाद भाई का अंतिम संस्कार किया.

Voting (Photo: PTI) Voting (Photo: PTI)
हाइलाइट्स
  • अचानक मिली भाई के देहांत की सूचना 

  • जागरूक मतदाता हैं बनारसी लाल 

वोट देना हर भारतीय का कर्तव्य है. अब इसी वोटिंग की महत्ता को साबित करने वाली एक ऐसी घटना सामने आई है. जिसने मतदाताओं को प्रेरणा दी. कानपुर के 59 साल के बनारसी लाल मिश्र ने एक ऐसी ही मिसाल पेश की है. उन्होंने भाई के अंतिम संस्कार से पहले अपना मतदान किया है. जिसके बाद से ही उनकी चर्चा हो रही है.  

बनारसी लाल मिश्र बीजेपी के वरिष्ठ नेता हैं. वे सुबह 6 बजे घर से मतदान के लिए साइकिल पर निकले. मतदान सुबह 7 बजे शुरू होना था. लेकिन, वह समय से पहले ही मतदान केंद्र पर पहुंच गए थे. बनारसी लाल मिश्र अकबरपुर लोकसभा संसदीय सीट के अंतर्गत वोटर (मतदाता) हैं.

अचानक मिली भाई के देहांत की सूचना 

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दरअसल, रामकृष्ण नगर स्थित आरके मिशन स्कूल के गेट पर पहुंचे ही थे कि उनके चचेरे भाई श्रीनिवास पहुंचे और उन्होंने बनारसी लाल को उनके सगे बड़े भाई करुणा शंकर मिश्र के अचानक देहांत की सूचना दी. सामान्य तौर पर कोई भी व्यक्ति ऐसी खबर पाकर उल्टे पांव लौट जाता, लेकिन बनारसी लाल ने कुछ ऐसा किया कि सभी चकित रह गए.

जागरूक मतदाता हैं बनारसी लाल 

एक श्रेष्ठ नागरिक एवं जागरुक मतदाता का परिचय देते हुए बनारसी लाल अपने भाई के निधन की खबर पाकर पहले फफक पड़े. लेकिन, मतदाता के तौर पर अपनी जिम्मेदारी का अहसास करते हुए मतदान केंद्र के भीतर चले गए. उन्होंने मतदान किया. इसके बाद वह बड़े भाई के अंतिम संस्कार के लिए रवाना हुए. जिसने भी इस वाकया को सुना उसने इस घटनाक्रम को जागरूक मतदाता के रूप में एक अनूठी मिसाल कहा. 

मताधिकार के लिए जागरूक हों लोग 

वास्तव में अगर देश का हर व्यक्ति इस प्रकार लोकतांत्रिक व्यवस्था में अपने मताधिकार के लिए जागरूक हो जाए तो एक सशक्त राष्ट्र की संकल्पना में कोई संदेह नहीं रह जाता. बनारसी लाल मिश्र ने बताया कि विधानसभा चुनाव 2022 में उन्होंने आरके मिशन स्थित मतदान केंद्र पर पहुंच कर बूथ में सबसे पहले मतदान किया था. इस पर उन्हें निर्वाचन से जुड़े अधिकारियों द्वारा 'प्रथम मतदाता' का प्रमाण पत्र भी प्रदान किया गया था.

(सिमर चावला की रिपोर्ट)