लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) का ऐलान होने से पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने एनडीए (NDA) के 400 सीट के आंकड़े पार करने और बीजेपी (BJP) के 370 सीटें जीतने की भविष्यवाणी की थी लेकिन चुनाव के नतीजे इसके उलट आए हैं. उधर, इंडिया गठबंधन की सीटों में इस चुनाव में काफी इजाफा हुआ है. इस बार कई चर्चित नेताओं को हार का सामना करना पड़ा है. आइए जानते हैं इनमें कौन-कौन शामिल हैं?
1. स्मृति ईरानी: केंद्रीय मंत्री और अमेठी की मौजूदा सांसद स्मृति ईरानी एक बार फिर इस सीट से भाजपा के टिकट पर चुनावी मैदान में ताल ठोक रहीं थीं लेकिन उन्हें इस बार हार का सामना करना पड़ा है. कांग्रेस उम्मीदवार और गांधी परिवार के करीबी किशोरी लाल शर्मा (केएल शर्मा) ने जीत दर्ज की है. स्मृति ईरानी को जहां 372032 वोट मिले हैं, वहीं केएल शर्मा ने 539228 मत प्राप्त किए हैं. लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा प्रत्याशी स्मृति ईरानी ने तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को शिकस्त दी थी.
2. सीपी जोशी: राजस्थान की भीलवाड़ा लोकसभा सीट से मुख्य मुकाबला कांग्रेस पार्टी के सीपी जोशी और बीजेपी के उम्मीदवार दामोदर अग्रवाल के बीच रहा. इस चुनाव में सीपी जोशी को हार का समाना करना पड़ा. सीपी जोशी को जहां 453034 वोट मिले तो वहीं दामोदर अग्रवाल ने 807640 मत प्राप्त किए. लोकसभा चुनाव 2019 में भी इस सीट पर मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के उम्मीदवारों के ही बीच था. उस समय बीजेपी के सुभाष चंद्र बहेरिया ने जीत दर्ज की थी.
3. वैभव गहलोत: राजस्थान की जालौर लोकसभा सीट से पूर्व सीएम अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत चुनाव हार चुके हैं. इस सीट से भाजपा प्रत्याशी लुंबाराम चौधरी ने जीत दर्ज की है. वैभव गहलोत को जहां 595240 वोट मिले हैं, वहीं लुंबाराम चौधरी ने 796783 मत प्राप्त किए हैं. बीजेपी ने इस सीट पर तीन बार से सांसद रहे देव जी पटेल को टिकट न देकर लुंबाराम चौधरी को जीत दिलाने की जिम्मेदारी सौंपी थी.
4. प्रज्वल रेवन्ना: कर्नाटक की सबसे चर्चित सीट हासन ने जेडीएस उम्मीदवार और मौजूदा सांसद प्रज्वल रेवन्ना को हार का सामना करना पड़ा है. कांग्रेस उम्मीदवार श्रेयस पटेल ने इस सीट से जीत दर्ज की है. प्रज्वल रेवन्ना को कुल 630339 वोट मिले हैं. श्रेयस पटेल को 672988 मत प्राप्त हुए हैं. पूर्व पीएम एचडी देवगौड़ा के पोते प्रज्वल रेवन्ना और उनके विधायक बेटे एचडी रेवन्ना पर कई महिलाओं ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे. प्रज्वल रेवन्ना के 2000 से ज्यादा सेक्स टेप सोशल मीडिया पर वायरल हो गए थे. प्रज्वल रेवन्ना फिलहाल 6 जून तक SIT की कस्टडी में हैं. लोकसभा चुनाव 2019 में जेडीएस ने कर्नाटक में सिर्फ हासन सीट पर जीत हासिल की थी. प्रज्वल रेवन्ना ने यहां बीजेपी के ए मंजू को हराकर यह सीट जीती थी.
5. माधवी लता: तेलंगाना की हैदराबाद लोकसभा सीट से एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी के सामने बीजेपी ने माधवी लता को टिकट दिया था. हैदराबाद की सीट इस चुनाव में सबसे बड़ी हॉट सीट मानी जा रही थी. हिंदुत्व को लेकर काफी मुखर रहने वालीं माधवी लता को इस चुनाव में हार का समाना करना पड़ा. असदुद्दीन ओवैसी को 661981 वोट जबकि माधवी लता को 323894 मतों से संतोष करना पड़ा. लोकसभा चुनाव 2019 में इस सीट से ओवैसी ने जीत दर्ज की थी. उन्होंने बीजेपी उम्मीदवार डॉ. भगवंत राव को हराया था.
6. अर्जुन मुंडा: झारखंड की खूंटी लोकसभा सीट अर्जुन मुंडा को हार का सामना करना पड़ा है. उन्हें कांग्रेस उम्मीदवार काली चरण मुंडा ने मात दी है. अर्जुन मुंडा को जहां 361972 मत मिले हैं तो वहीं काली चरण को 511647 वोट प्राप्त हुए हैं. इस सीट से अर्जुन मुंडा दो बार सांसद रह चुके हैं. लोकसभा चुनाव 2009 और 2019 में उन्होंने यहां से जीत दर्ज की थी. वे झारखंड के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं.
7. अधीर रंजन चौधरी: लोकसभा चुनाव 2024 में पश्चिम बंगाल की बहरामपुर सीट से कांग्रेस के दिग्गज नेता अधीर रंजन चौधरी चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे थे. टीएमसी ने अधीर के सामने पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान को उतारा था. दूसरी ओर भाजपा ने डॉक्टर निर्मल कुमार साहा को मैदान में उतारा था. इस चुनाव में अधीर रंजन चौधरी को हार मिली है. उन्हें कुल 439494 मत और यूसुफ पठान को 524516 वोट प्राप्त हुए हैं. निर्मल कुमार साहा 371885 मतों के साथ तीसरे स्थान पर रहे. लोकसभा चुनाव 2019 में अधीर रंजन चौधरी ने जीत दर्ज की थी.
8. नकुल नाथ: मध्य प्रदेश में छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर सभी की निगाहें टिकी हुई थी. यहां से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ के बेटे नकुल नाथ चुनावी मैदान में थे. उनके सामने बीजेपी ने विवेक बंटी साहू को टिकट दिया था. इस सीट को नकुल नाथ बचा नहीं सके. विवेक बंटी साहू को जहां 644738 वोट मिले, वहीं नकुल नाथ को 531120 मतों से संतोष करना पड़ा. बता दें कि इस सीट से कांग्रेस के दिग्गज नेता कमलनाथ 9 बार, उनकी पत्नी अलका नाथ एक बार और उनके बेटे नकुल नाथ एक बार जीत दर्ज कर चुके हैं. लोकसभा चुनाव 2019 में नकुल नाथ ने जीत दर्ज की थी.
9. नवनीत राणा: महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों में अमरावती सीट के परिणाम का सबको बेसब्री से इंतजार था. इस सीट से भाजपा में शामिल हुई नवनीत राणा चुनाव मैदान में थी. तेलगू फिल्मों की पूर्व एक्ट्रेस नवनीत राणा इसी सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पहले दो बार चुनाव जीत चुकी थी. इस बार वह हैट्रिक नहीं लगा सकीं. कांग्रेस के बलवंत वानखड़े को जहां 526271 वोट मिले तो वहीं, नवनीत राणा को 506540 मतों से संतोष करना पड़ा.
10. उमर अब्दुल्ला: कश्मीर की बारामुला सीट से पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला चुनाव लड़ रहे थे. इसके चलते यह सीट खास हो गई थी. इस चुनाव में उमर अब्दुल्ला को हार मिली है. उन्हें कुल 268339 मत मिले हैं. नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला को निर्दलीय प्रत्याशी इंजीनियर अब्दुल राशिद शेख ने हरा दिया. अब्दुल राशिद शेख को 472481 वोट मिले. आपको बता दें कि राशिद शेख टेरर फंडिग के मामले में तिहाड़ जेल में बंद है. लोकसभा चुनाव 2019 में यह सीट नेशनल कॉन्फ्रेंस के अकबर लोन ने जीती थी.
11. भूपेश बघेल: छत्तसीगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को कांग्रेस ने राजनांदगांव सीट से अपना उम्मीदवार बनाया था. भाजपा ने यहां के मौजूदा सांसद संतोष पांडे को चुनावी मैदान में उतारा था. इस सीट से भूपेश बघेल को हार मिली है. उन्हें कुल 667646 वोट प्राप्त हुए हैं जबकि संतोष पांडे को 712057 मतों की प्राप्ति हुई है.
12. दिग्विजय सिंह: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह कांग्रेस के टिकट से राजगढ़ लोकसभा सीट से इस बार ताल ठोक रहे थे. भाजपा ने रोडमल नागर को अपना उम्मीदवार बनाया था. इस चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी को जीत मिली है. रोडमल नागर को जहां 758743 वोट तो वहीं दिग्विजय सिंह को 612654 वोटों से संतोष करना पड़ा है. लोकसभा चुनाव 2019 में भी राजगढ़ सीट से भाजपा के उम्मीदवार रोडमल नागर ने सफलता हासिल की थी.
13. कन्हैया कुमार: देश की राजधानी दिल्ली की नॉर्थ ईस्ट सीट से कांग्रेस ने कन्हैया कुमार को चुनावी मैदान में उतारा था. बीजेपी के टिकट पर इस सीट से मौजूदा सांसद मनोज तिवारी तीसरी बार चुनाव मैदान में थे. कन्हैया कुमार को इस चुनाव में हार का समाना करना पड़ा. मनोज तिवारी को जहां 824451 वोट मिले तो वहीं कन्हैया कुमार को 685673 मतों से संतोष करना पड़ा.
14. आरके सिंह: आरा लोकसभा सीट से एक बार फिर बीजेपी ने मौजूदा सांसद आरके सिंह को भरोसा जताया था लेकिन वह इस भरोसे पर खरे नहीं उतरे. इस सीट से सीपआई एमएल के प्रत्याशी सुदामा प्रसाद ने जीत दर्ज की है. आरके सिंह को जहां 469574 वोट मिले, तो वहीं सुदामा ने 529382 मत प्राप्त किए. लोकसभा चुनाव 2019 और 2014 में आरके सिंह ने इस सीट से जीत दर्ज की थी.
15. संजीव बालियान: यूपी की मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट हाई प्रोफाइल सीटों में से एक मानी जाती है. यहां से इस बार चुनाव में बीजेपी से केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान, सपा से हरेंद्र मलिक और बसपा से दारा सिंह प्रजापति चुनावी मैदान में थे. इस चुनाव में संजीव बालियान जीत की हैट्रिक नहीं लगा पाए. हरेंद्र मलिक उन्हें मात देने में सफल रहे. संजीव बालियान को जहां 446049 वोट मिले,तो वहीं हरेंद्र मलिक ने 470721 मत प्राप्त किए. संजीव बालियान ने इस सीट से साल 2014 और 2019 का लोकसभा चुनाव जीत दर्ज की थी.
16. अन्नामलाई: लोकसभा चुनाव 2024 में तमिलनाडु के दूसरे सबसे बड़े शहर कोयंबटूर से बीजेपी के फायरब्रांड नेता और तमिलनाडु के प्रदेश अध्यक्ष के अन्नामलाई चुनावी मैदान में थे. DMK ने यहां से गणपति राजकुमार और एआईएडीएमके ने के जी रामचंद्रन को टिकट दिया था. इस चुनाव में अन्नामलाई को हार मिली है. अन्नामलाई को जहां 450132 वोट मिले हैं, तो वहीं गणपति राजकुमार ने 568200 मत प्राप्त किए हैं. लोकसभा चुनाव 2019 में कोयंबटूर सीट से सीपीएम नेता पीआर नटराजन ने जीत दर्ज की थी. 2019 के चुनाव में उन्होंने डीएमके और कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था.