नरेंद्र मोदी ने लगातार तीसरी बार पीएम पद की शपथ ली. उनके अलावा 71 और मंत्रियों ने शपथ ली. पीएम मोदी के पिछले दो कार्यकाल 2014 और 2019 को देखें तो इस बार मंत्रियों की संख्या ज्यादा है. इसके पीछे की वजह ये भी है कि बीजेपी पिछले दोनों चुनावों में पूर्ण बहुमत के साथ सरकार में थी लेकिन इस बार एनडीए गठबंधन की सरकार है. ऐसे में सहयोगी पार्टियों को भी मंत्रिमंडल में हिस्सेदारी मिली है. बता दें कि इस बार 30 कैबिनेट मंत्री, 5 स्वतंत्र प्रभार और 36 राज्य मंत्री बनाए गए हैं. इनमें 7 महिला मंत्री हैं.
निर्मला सीतारमण-
तमिलनाडु के मदुरई से आने वाली निर्मला सीतारमण 2006 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुई थीं. 2010 में उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाया गया. साल 2014 में उन्हें कैबिनेट में जूनियर मंत्री के रूप में जगह दी गई. इसी साल वह आंध्र प्रदेश से राज्यसभा सांसद भी चुनी गईं. इसके बाद मई 2016 में उन्होंने कर्नाटक सीट से राज्यसभा चुनाव में जीत हासिल की. साल 2017 से 2019 तक रक्षा मंत्री रहीं. 2019 में वह वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री बनीं. निर्मला सीतारमण ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) से अर्थशास्त्र में मास्टर ऑफ़ आर्ट्स और एमफिल की पढ़ाई की है.
अनुप्रिया पटेल-
अपना दल (एस) की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल मिर्जापुर से लगातार तीसरी बार सांसद और लगातार तीसरी बार मंत्री बनीं हैं. कुर्मी समुदाय से आने वाली अनुप्रिया पटेल 2016 से 2019 तक केंद्र में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री थीं. दूसरी बार के मोदी कैबिनेट में उन्हें वाणिज्य राज्य मंत्री बनाया गया और वह 2021 से इस पद पर हैं. वह अपना दल के संस्थापक सोने लाल पटेल की बेटी हैं. पिता के निधन के बाद अनुप्रिया पार्टी की महासचिव बनी थीं.
अन्नपूर्णा देवी-
झारखंड के कोडरमा लोकसभा सीट से दूसरी बार चुनाव जीतकर आईं अन्नपूर्णा देवी को मोदी कैबिनेट में जगह मिली है. उन्होंने 2019 में बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीता था और पहली बार में ही उन्हें शिक्षा राज्य मंत्री बनाया गया था. इस बार भरोसा जताते हुए उन्हें केंद्रीय मंत्रालय में जगह दी गई है. भाजपा से पहले वह राजद में थीं और विधायक भी रह चुकी हैं.
शोभा करंदलाजे-
बेंगलुरु उत्तर लोकसभा सीट से दो लाख से ज्यादा वोटों से चुनाव जीतकर आई शोभा करंदलाजे को एक बार मोदी मंत्रिमंडल में जगह मिली है. वह तीसरी बार सांसद बनी हैं. मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में उन्हें कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय राज्य मंत्री बनाया गया था. कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा के करीबी माने जानी वालीं शोभा आरएसएस से जुड़ी रही हैं. 2004 में वह एमएलसी बनीं. 2008 में बेंगलुरु के यशवंतपुर से विधायक चुनी गईं. इसके बाद उन्हें ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री बनाया गया था.
रक्षा खडसे-
सरपंच से राजनीतिक करियर की शुरुआत करने वाली 37 वर्षीय रक्षा खडसे को मोदी मंत्रिमंडल में जगह मिली है. वह राम मोहन नायडू के बाद दूसरी सबसे युवा मंत्री हैं. बता दें कि रक्षा 26 साल की उम्र में ही सांसद बन गई थीं. वह रावेर लोकसभा क्षेत्र से लगातार तीसरी बार जीतकर आई हैं. साल 2010 में वह सरपंच बनी थीं. 2012 में जिला परिषद चुनी गईं. इसके बाद से वह लगातार चुनाव जीतती आ रही हैं. रक्षा ने कंप्यूटर साइंस से बीएससी की पढ़ाई की है.
निमुबेन बमभानिया-
गुजरात के भावनगर लोकसभा सीट से सांसदी का चुनाव जीकर आई निमुबेन पेशे से शिक्षिका हैं. पूर्व में दो दो बार मेयर रह चुकी निमुबे पहली बार पर सांसद बनी हैं. उन्होंने भावनगर सीट पर आप कैंडिडेट को 2.61 लाख वोटों से मात दी है. मोदी कैबिनेट ने उन पर भरोसा जताया है.
सावित्री ठाकुर-
धार लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर आईं सावित्री ठाकुर मध्य प्रदेश में बीजेपी का आदिवासी चेहरा हैं. सावित्री 2014 में पहली बार सांसद बनी थीं. इस चुनाव में फिर से उन्हें जीत मिली है. बता दें कि सावित्री 2004 से 2009 तक जिला पंचायत भी रह चुकी हैं.