भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने 2019 के लोकसभा चुनाव में 303 सीटों पर फतह हासिल की थी. अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 370 सीटों पर जीत का लक्ष्य रखा है. यानी बीजेपी को इस बार 67 सीटें अधिक जीतनी होगी. अब सवाल उठता है कि इतनी सीटों पर वह विजय पताका कैसे फहरा पाएगी.
मिलेगा फायदा
लोकसभा में पीएम मोदी ने विपक्ष पर जमकर हमला बोला. इस दौरान उन्होंने कहा कि इस बार लोकसभा चुनाव में बीजेपी 370 और एनडीए 400 से ज्यादा सीटें जीतकर आएगी. हमारी सरकार हैट्रिक बनाएगी. भाजपा को लगता है कि इस बार राम मंदिर निर्माण, बिहार में कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न, मोदी का लगातार साउथ के राज्यों के दौरे का फायदा मिलेगा. बता दें कि 2019 में बीजेपी 436 सीटों चुनाव लड़ी थी. इसमें से 303 सीटों पर वह बाजी मारने में सफल रही थी.
पहले हारी हुई सीटों पर उम्मीदवारों के नामों का होगा ऐलान
बीजेपी इस बार हारी हुई सीटों पर फतह हासिल करने का प्लान लेकर चल रही है. इसी के तहत वह पहले इन सीटों पर लड़ने को लेकर उम्मीदवारों की सूची जारी करने वाली है. वह क्षेत्र के कार्यकर्ताओं से लेकर बुजुर्ग नेताओं तक का उम्मीदवारों के चयन में राय ले रही है. वह पहले इन सीटों पर प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर विपक्षी गठबंधन पर मनोवैज्ञानिक बढ़त हासिल करना चाहती है. बीजेपी लोकसभा चुनाव 2024 में देश की कुल 72 सीटों पर दूसरे नंबर पर रही थी. इन सीटों को इस बार जीतने के लिए पीएम मोदी, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह ने विशेष प्लान तैयार किया है.
नॉर्थ के साथ साउथ पर भी है फोकस
बीजेपी पिछले लोकसभा चुनाव में उत्तर भारत के राज्यों जैसे यूपी-बिहार की अधिकतर सीटों पर जीत हासिल की थी. साउथ के राज्यों में उसे अन्य दलों से कड़ी टक्कर मिला था. इस बार के चुनाव में भाजपा उत्तर भारत के साथ साउथ के राज्यों पर भी विशेष ध्यान दे रही हैं क्योंकि यदि बीजेपी को अकेले 370 सीटों पर जीत हासिल करनी है तो इसके लिए उसे इन राज्यों में अपनी सीटों की संख्या बढ़ानी ही होगी. हाल ही में नॉर्थ के तीन राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में हुए विधानसभा चुनावों में पार्टी के बेहतर प्रदर्शन से बीजेपी को लग रहा है लोकसभा चुनाव में वह यहां सभी सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब रहेगी.
इन राज्यों में 2019 को दोहरना होगा
भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में कई राज्यों में क्लीन स्वीप किया था. राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली और उत्तराखंड राज्यों में विपक्ष को एक सीट भी नसीब नहीं हुई थी. 370 का टारगेट हासिल करने के लिए बीजेपी को एक बार फिर इन राज्यों में वही करिश्मा करना होगा. बीजेपी को पूर्वोत्तर के राज्यों में भी 2019 का प्रदर्शन दोहराना होगा.
एक-एक सीट को लेकर बनानी होगी रणनीति
बीजेपी ने 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान कई राज्यों में बेहतरीन प्रदर्शन किया था लेकिन वह क्लीन स्वीप नहीं कर पाई थी. यदि इस बार 370 का टारगेट हासिल करना है तो उसे इन राज्यों की सभी सीटों पर जीत हासिल करनी होगी. बीजेपी भी इसे अच्छी तरह से जान रही है. इसको देखते हुए वह यूपी-बिहार सहित कई राज्यों पर खास ध्यान दे रही है. यूपी की 80 लोकसभा सीटों में से गत चुनाव में भाजपा को 69 सीटों पर जीत मिली थी. बीजेपी को इस बार सभी सीटों पर कब्जा जमाना होगा.
पिछले चुनाव में बिहार की 40 सीटें में से एनडीए ने 39 पर जीत दर्ज की थी. इस बार यहां क्लीन स्वीप करना होगा. इतना ही नहीं भाजपा को 370 और एनडीओ को 400 पार का टारगेट हासिल करने के लिए महाराष्ट्र की 48, एमपी की 29, कर्नाटक की 28, असम और झारखंड की 14-14, छत्तीसगढ़ की सभी 11 सीटों पर कब्जा जमाना जरूरी होगा. बीजेपी को अन्य राज्यों में भी अधिक से अधिक सीटें फतह करनी होगी. एक-एक सीट पर जीत के लिए रणनीति बनानी होगी. लोकसभा चुनाव 2024 में 11 राज्य ऐसे थे. जहां से बीजेपी को 93 सीटों पर हार मिली थी. इन सीटों पर इस बार जीत हासिल करनी होगी. नॉर्थ इंडिया के 10 हिंदी भाषी स्टेट में लोकसभा की कुल 225 सीटें हैं. 2019 के चुनाव में बीजेपी ने यहां से 177 सीटों पर फतह हासिल की थी. इस बार बीजेपी ने यहां से और ज्यादा सीटों पर जीत दर्ज करने के लिए विशेष रणनीति अपनाई है.
2019 के चुनाव में इन राज्यों में इतनी सीटों पर बीजेपी को मिली थी जीत
1. यूपी की 80 सीटों में से 62 पर जीत मिली थी.
2. बिहार की 40 सीटें में से एनडीए ने 39 पर जीत दर्ज की थी.
3. गुजरात में सभी 26 सीटों पर जीत मिली थी.
4. महाराष्ट्र की 48 सीटों में 23 सीटों पर जीत मिली थी.
5. पश्चिम बंगाल की 42 सीटों में से 18 पर फतह हासिल की थी.
6. ओडिशा की 21 सीटों में से 8 सीटें पर जीत मिली थी.
7. असम की 14 सीटों में से 9 पर जीत मिली थी.
8. तेलंगाना की 17 सीटों में से 4 सीटों पर जीत मिली थी.
9. कर्नाटक की 28 सीटों में से 25 पर जीत मिली थी.
साउथ में करना होगा कमाल
साउथ में 5 राज्यों और दो केंद्रशासित प्रदेशों को मिलाकर कुल 131 सीटों में बीजेपी के पास अभी 29 सीटें हैं. तमिलनाडु, केरल और आंध्र प्रदेश जैसे तीन अहम राज्यों में भाजपा अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई है. भारतीय जानता पार्टी को 370 का लक्ष्य हासिल करने के लिए इस बार इन राज्यों में दमदार प्रदर्शन करना होगा. खुद पीएम मोदी ने इस बार साउथ में सीटों को बढ़ाने को लेकर पूरजोर प्रयास किया है. राम मंदिर को लेकर दक्षिण में भी एक माहौल तैयार हुआ है.
हिंदू वोट पर है खास ध्यान
इस बार भारतीय जनता पार्टी को 370 सीटों का लक्ष्य हासिल करने में हिंदू वोट का भी अहम रोल रहेगा. 2019 के लोकसभा चुनाव में इस पार्टी को 52 फीसदी हिंदू वोट मिले थे. इस तरह से बीजेपी 303 सीटों को जीतने में सफल रही थी. इस बार बीजेपी को 370 और एनडीए को 400 सीटों पर जीत तभी मिल सकती है जब इस पार्टी को 70 फीसदी हिंदू वोट पड़े. राम मंदिर को लेकर पूरे देश में उत्साह है. बीजेपी को लगता है कि इस बार हिंदू वोट पिछली बार से अधिक मिलेगा. इसी को देखते हुए पीएम मोदी ने 370 का टारगेट रखा है. हिंदू वोट पर उनका खास ध्यान है.
इन सुविधाओं को देकर मोदी सरकार ने लोगों को अपने साथ जोड़ा है
देश के 80 करोड़ लोगों को भोजन देने से लेकर गैस सिलिंडर और शौचालय जैसी सुविधाओं मुहैया कराकर मोदी सरकार ने जनता को अपने साथ जोड़ा है. पीएम मोदी को लगता है कि जनता इसका ऋण लोकसभा में बीजेपी को वोट देकर चुकाएगी. इसके अलावा मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस में इस बार वह बात नहीं है. इंडिया गठबंधन में सीट को लेकर बात नहीं बन पा रही है. जदयू पार्टी बीजेपी के साथ जुड़ गई है. इसका फायदा लोकसभा चुनाव में बीजेपी को मिलेगा. एनडीए 400 के पार सीटों को जीतने में सफल रहेगी.