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PM Narendra Modi Nomination: PM Modi का Varanasi से नामांकन, कौन-कौन रहे प्रस्तावक... जानें क्यों चुनी गई 14 मई की तारीख

पीएम मोदी ने मंगलवार को वाराणसी से लोकसभा चुनाव के लिए पर्चा दाखिल किया. इस मौके पर बीजेपी के कई बड़े नेता मौजूद रहे. बता दें कि पीएम मोदी यहां से 2 बार लोकसभा का चुनाव जीत चुके हैं और तीसरी बार उन्होंने नामांकन दाखिल किया है.

PM Modi (Photo-Narendra Modi-X) PM Modi (Photo-Narendra Modi-X)

पीएम नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने वाराणसी लोकसभा सीट से तीसरी बार नामांकन दाखिल किया. इस मौके पर उनके साथ बीजेपी के कई बड़े नेता मौजूद रहे. पर्चा भरने से पहले पीएम मोदी ने दशाश्वमेध घाट पर पूजा-अर्चना की और गंगा आरती की. इसके बाद काल भैरव मंदिर जाकर भी उन्होंने पूजा की.

बता दें कि 2014 में पहली बार उन्होंने यहां से पर्चा दाखिल किया था और रिकॉर्ड मतों से जीतकर आए थे. उसके बाद से वाराणसी हॉट सीट बन गई. 2019 में भी उन्हें यहां से जीत मिली थी और एक बार फिर पीएम ने इस सीट से पर्चा भरा है. आज 14 मई है और नामांकन के लिए आज की तारीख यूं ही नहीं चुनी गई है. इसके पीछे की क्या वजह है चलिए जानते हैं. 

दिग्गज नेता रहे मौजूद

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पीएम मोदी के नामांकन के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ, महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे, लोजपा नेता चिराग पासवान, रामदास अठावले और चंद्रबाबू नायडू समेत कई दिग्गज नेता और केंद्रीय नेता मौजूद रहे. बता दें कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी पीएम के नामांकन में शामिल होने वाले थे, लेकिन तबीयत खराब होने की वजह से वो इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके.

ये 4 लोग बने प्रस्तावक

पीएम मोदी के नामांकन के दौरान 4 लोग प्रस्तावक बने. वे 4 लोग है - पंडित गणेश्वर शास्त्री, बैजनाथ पटेल, लालचंद कुशवाहा और संजय सोनकर. बता दें कि पंडित गणेश्वर शास्त्री ब्राह्मण समाज से आते हैं और उन्होंने राम मंदिर और काशी विश्वनाथ मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त निकाला था. वहीं बैजनाथ पटेल और लालचंद कुशवाहा ओबीसी समाज से आते हैं. लालचंद पटेल सेवापुरी के हरसोस के रहने वाले हैं और संघ के कार्यकर्ता हैं. अगर बात करें संजय सोनकर की तो वो दलित समाज से आते हैं.

क्यों चुनी गई 14 मई की तारीख

पीएम मोदी के नामांकन के लिए 14 मई की तारीख का चुनाव यूं ही नहीं हुआ है. आज गंगा सप्तमी का महापर्व है और इसी दिन मां गंगा धरती पर अवतरित हुई थीं. पीएम मोदी भी मां गंगा का जिक्र हमेशा करते रहे हैं. उन्होंने हाल ही कहा कि मां गंगा ने मुझे गोद लिया है. यही वजह है कि इस शुभ दिन को नामांकन के लिए चुना गया.