लोकसभा का 16वां आम चुनाव (Lok Sabha Election) देश का पहला ऐसा चुनाव था, जिसमें पहली बार बीजेपी ने पूर्ण बहुमत से सरकार बनाई थी. बीजेपी की अगुवाई वाली NDA ने कांग्रेस की अगुवाई वाली UPA को हराया था. ये चुनाव 9 चरणों में हुए थे और इसके नतीजे 16 मई 2014 को घोषित किए गए. 16वीं लोकसभा का चुनाव इतिहास में सबसे लंबा कार्यक्रम वाला चुनाव था. देश में ऐसा पहली बार हुआ था, जब 9 चरणों में वोटिंग कराई गई.
लोकसभा चुनाव 2014 में 66.38 फीसदी वोटिंग हुई. इसमें राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को बड़ी जीत मिली थी. एनडीए को 336 सीटें मिली थीं. जबकि 10 सालों से सत्ता पर काबिज कांग्रेस की अगुवाई वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) ने 59 सीटों पर जीत मिली थी. सियासी इतिहास में बीजेपी को सबसे ज्यादा सीटों पर जीत मिली थी. बीजेपी ने 282 सीटों पर जीत हासिल की थी. जबकि कांग्रेस को सबसे बुरी हार का सामना करना पड़ा था. कांग्रेस पार्टी को देशभर में सिर्फ 44 सीटों पर जीत मिली थी.
इस चुनाव में बीजेपी के वोट प्रतिशत में भारी बढ़ोतरी हुई थी. साल 2009 आम चुनाव में बीजेपी को 18.80 फीसदी वोट हासिल हुए थे. जबकि साल 2014 आम चुनाव में बीजेपी को 31 फीसदी वोट हासिल हुए थे. हालांकि वोट प्रतिशत में इतनी बढ़ोतरी के बाद भी बीजेपी आजादी के बाद से सबसे कम वोट परसेंटेज के साथ बहुमत की सरकार बनाने वाली पार्टी बन गई. जबकि कांग्रेस को वोट परसेंटेज में बहुत बड़ा नुकसान उठाना पड़ा था. कांग्रेस को सिर्फ 19.31 फीसदी वोट मिले थे. जबकि साल 2009 आम चुनाव में कांग्रेस ने 28.55 फीसदी वोट परसेंटेज के साथ 206 सीटों पर जीत हासिल की थी.
इस चुनाव में उत्तर भारत में बीजेपी की सुनामी दिखाई दी. हिंदी पट्टी में बीजेपी ने करीब-करीब क्लीन स्वीप किया था. बीजेपी उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, झारखंड, छत्तीसगढ़ में तूफानी जीत दर्ज की थी. इन राज्यों में विरोधी दलों का सूपड़ा साफ हो गया था. बीजेपी ने देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में 71 सीटों पर जीत दर्ज की थी. जबकि सहयोगी दल को 2 सीटें मिली थीं.
इस चुनाव में हिंदी पट्टी से क्षेत्रीय दलों का सफाया हो गया था. उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी को सिर्फ 5 सीटों पर जीत मिली थी. जबकि बहुजन समाज पार्टी का खाता भी नहीं खुला था. झारखंड में जेएमएम को सिर्फ एक सीट मिली थी. बिहार में भी आरजेडी को सिर्फ 4 सीटों पर जीत मिली थी. जबकि जेडीयू को सिर्फ 2 सीटों पर जीत हासिल हुई थी.
भले ही बीजेपी को उत्तर भारत के राज्यों में प्रचंड जीत हासिल हुई थी. लेकिन दक्षिण भारत में बीजेपी खाता खोलने के लिए तरस गई थी. तमिलनाडु में AIDMK ने 37 सीटों पर जीत दर्ज की थी. जबकि बीजेपी को सिर्फ एक सीट मिली थी. उधर, केरल में बीजेपी का खाता भी नहीं खुला था. आंध्र प्रदेश में बीजेपी को सिर्फ 3 सीटों पर जीत मिली थी.
बीजेपी पश्चिम बंगाल में भी कुछ खास नहीं कर पाई थी. ममता बनर्जी की टीएमसी ने 42 में से 34 सीटों पर जीत दर्ज की थी. जबकि बीजेपी को सिर्फ 2 सीटों पर जीत मिली थी. इसी तरह से ओडिशा में भी बीजेपी को सिर्फ 2 सीटों पर जीत मिली थी. ओडिशा की 21 सीटों में से 19 सीटों पर बीजेडी ने जीत हासिल की थी.
लोकसभा चुनाव 2014 के नतीजे बीजेपी के पक्ष में आए थे. इसके बाद नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली. उनका ये कार्यकाल कई कामों के लिए जाना जाता है. पीएम मोदी का ये कार्यकाल किसानों को प्रधानमंत्री सम्मान निधि देने से लेकर पाकिस्तान के बालाकोट में एयर स्ट्राइक तक के लिए जाना जाता है.
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