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Lok Sabha Election 2024 में Independent Candidate Pappu Yadav हुए पास और Pawan Singh फेल, इस बार कितने जीते निर्दलीय उम्मीदवार, जानें अबतक का इतिहास 

History of Independant Candidates: देश में हुए पहले लोकसभा चुनाव में कुल 37 निर्दलीय उम्मीदवार सांसद बनने में कामयाब हुए थे. 2019 में 3461 निर्दलीय उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत अजमाई थी लेकिन सफलता सिर्फ 4 को ही मिली थी.

Pawan Singh and Pappu Yadav (file photo PTI) Pawan Singh and Pappu Yadav (file photo PTI)
हाइलाइट्स
  • लोकसभा चुनाव 2024 में 7 निर्दलीय उम्मीदवारों ने दर्ज की है जीत

  • 1957 में सबसे अधिक 42 निर्दलीय प्रत्याशी हुए थे विजयी

लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) के नतीजे आ चुके हैं. इस बार जहां मोदी के कई मंत्रियों सहित अन्य पार्टियों के दिग्गजों को जीत नहीं मिली है तो वहीं 7 निर्दलीय उम्मीदवारों (Independent Candidates) ने बाजी मारी है.

बिहार की पूर्णिया लोकसभा सीट राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव (Pappu Yadav) जीत दर्ज करने में सफल हुए हैं तो वहीं काराकाट सीट से निर्दलीय चुनावी मैदान में कूदे भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार पवन सिंह (Pawan Singh) को हार का सामना करना पड़ा है. हालांकि पवन सिंह दूसरा स्थान पाने में सफल रहे. आइए जानते हैं किस-किस लोकसभा चुनाव में कितने निर्दलीय उम्मीदवारों ने बाजी मारी है.  

लोकसभा चुनाव 2024 में इन निर्दलीय उम्मीदवारों को मिली सफलता
1. राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में बिहार की पूर्णिया लोकसभा सीट से जीत दर्ज की है. पप्पू को कुल 56.75 लाख वोट मिले थे. उन्होंने जदयू उम्मीदवार को 23847 वोटों से हराया है. पप्पू यादव इससे पहले भी दो बार निर्दलीय सांसद रह चुके हैं. वह निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर पूर्णिया लोकसभा सीट से 1991 और 1999 में जीत दर्ज कर चुके हैं. 
2. लद्दाख लोकसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार मो. हनीफा ने कांग्रेस प्रत्याशी शेरिंग नामग्याल को हराकर जीत दर्ज की है. मो. हनीफा ने नामग्याल को 27,862 वोटों के अंतर से हराया है.
3. बारामूला लोकसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार इंजीनियर अब्दुल राशिद शेख ने जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला को हराया है. उन्होंने ने उमर अब्दुल्ला को दो लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से चुनाव हराया है.
4. वारिस पंजाब दे संगठन के प्रमुख और खालिस्तानी नेता अमृतपाल सिंह ने जेल में रहते हुए निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनावी मैदान में थे. उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी कुलबीर सिंह जीरा को 1.97 लाख वोटों से हराया है.
5. दमन और दीव लोकसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार पटेल उमेशभाई बाबूभाई ने भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी लालूभाई बाबूभाई पटेल को 6,225 वोटों के अंतर से हराया है.
6. महाराष्ट्र की सांगली लोकसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार विशाल प्रकाशबाबू पाटिल ने  भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी संजय काका पाटिल को एक लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से मात दी है. 
7. पंजाब की फरीदकोट सीट से निर्दलीय उम्मीदवार सरबजीत सिंह खालसा ने आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार करमजीत सिंह अनमोल को मात दी है. सरबजीत सिंह पूर्व पीएम इंदिरा गांधी के हत्यारे बेअंत सिंह के बेटे हैं.

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कब और कितने निर्दलीय प्रत्याशी बने सांसद
1. देश की आजादी के बाद पहली बार लोकसभा चुनाव 1951-52 में कराया गया था. पहले चुनाव से ही चुनाव मैदान में निर्दलीय उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमाते आ रहे हैं. पहले आम चुनाव में कुल 37 निर्दलीय सांसद चुनकर लोकसभा पहुंचे थे. 
2. 1957 में हुए दूसरे लोकसभा चुनाव में 42 निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की थी.दूसरी लोकसभा में निर्दलीय जीत का यह आंकड़ा अब तक सबसे अधिक रहा है.
3. तीसरी लोकसभा के लिए चुनाव 1962 में कराया गया था. हालांकि इस चुनाव में निर्दलीय सांसदों की संख्या में कमी आई थी. इस साल कुल 20 निर्दलीय प्रत्याशी सांसद बने. 
4. चौथी लोकसभा में निर्दलीय सांसदों की संख्या में एक फिर बढ़ोतरी हुई. लोकसभा चुनाव 1967 में कुल 35 निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की थी. 
5. लोकसभा चुनाव 1971 में एक बार फिर निर्दलीय उम्मीदवारों की संख्या घटी. इस बार सिर्फ 14 निर्दलीय सांसद चुने गए.
6. इमरजेंसी के बाद 1977 में लोकसभा चुनाव हुआ. इसमें निर्दलीय सांसदों का प्रतिनिधित्व फिर घट गया. इस बार सिर्फ 9 निर्दलीय सांसद बने.
7. लोकसभा चुनाव 1980 में 9 निर्दलीय उम्मीदवारों को जीत नसीब हुई थी. 
8. लोकसभा चुनाव 1984 में एक बार फिर निर्दलीय सांसदों का प्रतिनिधित्व में सुधार हुआ. कुल 13 स्वतंत्र उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की थी. 
9. लोकसभा चुनाव 1989 में निर्दलीय सांसदों की संख्या में मामूली कमी आई. इस बार 12 निर्दलीय उम्मीदवारों को जीत मिली थी.
10. लोकसभा चुनाव 1991 में सिर्फ एक निर्दलीय उम्मीदवार को जीत नसीब हुई. इस तरह से लोकसभा के लिए निर्वाचित निर्दलीय सांसदों की सबसे कम संख्या 1991 में ही थी. 
11. लोकसभा चुनाव 1996 में 9 निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की थी.
12. लोकसभा चुनाव 1998 में 6 निर्दलीय प्रत्याशी सांसद बने थे. 
13. लोकसभा चुनाव 1999 में भी 6 निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की थी. 
14. 14वीं लोकसभा के लिए चुनाव 2004 में कराया गया था. इसमें 5 निर्दलीय उम्मीदवारों को जीत हासिल हुई थी. 
15. लोकसभा चुनाव 2009 में 9 निर्दलीय प्रत्याशियों को जीत नसीब हुई थी. 
16. 16वीं लोकसभा के लिए चुनाव 2014 में कराया गया था. इसमें सिर्फ तीन स्वतंत्र उम्मीदवार को जीत मिली थी.

लोकसभा चुनाव 2019 में कितने जीते थे निर्दलीय उम्मीदवार
17वीं लोकसभा के लिए चुनाव 2019 में कराया गया था. इस चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवारों का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा. इस चुनाव में कुल 3,461 निर्दलीय उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत अजमाई थी लेकिन सफलता सिर्फ चार को ही मिली. 3,449 की निर्दलीय उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी. 2019 में महाराष्ट्र के अमरावती से नवनीत राणा, कर्नाटक के मांड्या से सुमलता अंबरीश, दादरा और नगर हवेली से मोहनभाई सांजीभाई और असम के कोकराझार से नबा कुमार सरानिया बतौर निर्दलीय जीतकर संसद पहुंचे थे.