लोकसभा चुनाव के लिए पांच चरण का मतदान हो चुका है. यूपी की रणभूमि में सभी दलों के लिए बेहद अहम पूर्वांचल पर अब सबकी नज़र है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काशी में महिलाओं के साथ संवाद न पूर्वी उत्तर प्रदेश की महिला वोटरों को साधने की दृष्टि से ख़ास है बल्कि पहले के पांच चरण में वोटिंग को देखते हुए पूर्वांचल की महिलाओं पर भरोसे की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है. ऐसे में महिलाओं को लखपति दीदी बनाने के लक्ष्य के साथ ही प्रधानमंत्री केंद्र की योजनाओं से आधी आबादी को हुए लाभ को लेकर भी संवाद करेंगे. पूर्वांचल में बाहुबलियों की राजनीति हमेशा से चर्चा में रही है. ऐसे में महिला सुरक्षा को लेकर योगी सरकार के काम की दृष्टि से भी ये कार्यक्रम महत्वपूर्ण होगा. कार्यक्रम में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहेंगे जो महिला सुरक्षा और अपराध नियंत्रण को ही अपने भाषण का आधार बनाते रहे हैं. ज़ाहिर है महिलाओं कि वोटिंग का प्रतिशत बढ़ाकर बीजेपी अपने लक्ष्य तक पहुंचना चाहती है.
महिलाओं की वोटिंग प्रतिशत कर बीजेपी की नजर, चलेगा सघन अभियान
आज शाम वाराणसी के सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में होने वाला नारी शक्ति संवाद चुनाव के बीच में महिला मतदाताओं को साधने की दृष्टि से ख़ास होगा. आधी आबादी को भागीदारी और उनको ज़िम्मेदारी का संदेश देते हुए बीजेपी के रणनीतिकारों ने न सिर्फ इसकी जिम्मेदारी महिला मोर्चा को सौंपी थी बल्कि पहली बार एक प्रयोग करते हुए कार्यक्रम की पूरी ज़िम्मेदारी भी महिलाओं को ही दी गयी है. प्रधानमंत्री के शाम को वाराणसी पहुंचने पर उनको रिसिव करने के लेकर व्यवस्था और मंच संचालन सब कुछ महिला कार्यकर्ताओं के ज़िम्मे होगा. चुनाव के लिए बचे दो चरणों में महिला मतदाताओं को प्रेरित करना और उनको प्रेरित करने का का भी लक्ष्य है. इसके लिए पार्टी ने ये रणनीति बनाई है कि पीएम के संवाद के बाद पार्टी चुनाव वाले क्षेत्र ममें महिलाओं से सम्पर्क के अभियान के लिए ख़ास तौर पर कमल लेडीज क्लब, कमल सखी जैसे अभियान को महिला वोटरों के बीच सघन रूप से चलाएगी. इससे महिला मतदाताओं को वोट देने के लिए प्रेरित किया जाएगा. वाराणसी और उसके आस-पास की सीटों पर 1 जून को अंतिम चरण में वोटिंग है.
2019 में पुरुषों से ज़्यादा रहा है महिलाओं के मतदान का प्रतिशत
दरअसल पूर्वांचल में छठे और सातवें चरण में जिन सीटों पर वोटिंग होनी है उनमें महिला मतदाताओं की संख्या महत्वपूर्ण है. 13 सीटों में लालगंज (सुरक्षित) सीट पर महिलाओं का प्रतिशत 52.29 यानि आधे से भी ज़्यादा है तो वहीं पड़ोस के गाजीपुर में 48.97 प्रतिशत, जौनपुर में 48 प्रतिशत, मछलीशहर में 47 प्रतिशत, आज़मगढ़ में 47 प्रतिशत बलिया और राबर्ट्सगंज में 46 प्रतिशत है.अगर महिलाओं के वोटिंग के आंकड़े पर नज़र डालें तो 2019 के चुनाव में महिला मतदाताओं ने पुरुषों के मुकाबले ज़्यादा वोटिंग की थी. इसी चुनाव में मोदी सरकार दोबारा बनाने में महिलाओं की अहम भूमिका थी. 2019 में देश के सबसे बड़े राज्य यूपी में पुरुषों का वोटिंग का प्रतिशत 58.52 था तो वहीं 59.56 प्रतिशत महिलाओं ने मतदान किया था. ज़ाहिर है महिला मतदाताओं का साथ किसी भी दल को सत्ता के दरवाजे तक पहुंचा सकता है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार ये कहते रहे हैं कि महिला चाहे किसी भी धर्म और जाति या किसी भी वर्ग की हो उनका साथ चुनाव में देती रही है. इसका एक प्रमुख आधार महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण का ऐतिहासिक फैसला और तीन तलाक पर प्रतिबंध जैसे साहसिक फैसले को भी बीजेपी बताती है. साथ ही केंद्र की योजनाओं में महिलाओं को ही सबसे ज़्यादा लाभ होने की बात लगातार प्रधानमंत्री समेत बीजेपी के नेता अपने भाषणों में करते रहे हैं, यहां तक कि पीएम मुस्लिम महिलाओं से समर्थन मिलने की बात भी करते रहे हैं. ऐसे में पूर्वांचल के चुनाव से पहले अपने संसदीय क्षेत्र में प्रधानमंत्री के इस संवाद से पूरे पूर्वांचल को साधने की रणनीति दिखाई पड़ती है.
लाभार्थी महिलाओं से उम्मीद
पिछले लोकसभा और यूपी विधानसभा चुनाव में सभी जाति और वर्ग की लाभार्थी महिलाओं ने बीजेपी का साथ दिया था. इस सम्मेलन में पूरे पूर्वांचल से महिलाओं को बुलाया गया है. कार्यक्रम में प्रधानमंत्री खुद महिलाओं के बीच पहुंच कर उनसे संवाद करेंगे. इसके लिए भाजपा महिला मोर्चा की टीम और पार्टी के पदाधिकारियों ने लगातार बैठक और तैयारी की तो वहीं खुद राष्ट्रीय महामंत्री सुनिल बंसल ने वाराणसी में रह कर इसकी तैयारियों की समीक्षा की. इसमें प्रबुद्ध वर्गों की महिला प्रतिनिधियों के अलावा हर वर्ग की महिलाओं के अलावा लाभार्थी महिलाएं भी शामिल होंगी जिनके ज़रिए पीएम आधी आबादी को संदेश देंगे. साथ ही योजनाओं के लाभ को लेकर भी बात करेंगे. पिछले कुछ समय से 'लखपति दीदी' को लेकर लगातार बात कर रहे पीएम मोदी के इस संवाद से पूर्वांचल में महिला मतदाताओं तक सीधे संदेश पहुँचाने का लक्ष्य है.