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UP Lok Sabha Election Counting: CCTV से निरागनी, 3 लेयर सुरक्षा व्यवस्था... जानें काउंटिंग सेंटर पर क्या है चुनाव आयोग की तैयारी

UP Lok Sabha Election 2024: 4 जून को वोटों की गिनती लेकर उत्तर प्रदेश में चुनाव आयोग ने पूरी तैयारी कर ली गई है. काउंटिंग कैंपस में 3 लेयर सुरक्षा व्यवस्था होगी. क्षेत्रीय पुलिस बल, राज्य पुलिस बल और CRPF की तैनाती की गई है. सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में काउंटिंग होगी. काउंटिंग हॉल में गर्मी से बचने के लिए सुविधा मुहैया कराई गई है. यूपी में 80 लोकसभा सीटों के साथ 4 विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव भी होने हैं.

Electronic Voting Machines (Photo/PTI) Electronic Voting Machines (Photo/PTI)

लोकसभा चुनाव 2024 के सभी 7 चरणों की वोटिंग हो गई है. अब नतीजों का इंतजार है. सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में काउंटिंग की पूरी तैयारी कर ली गई है. 4 जून को मतगणना के दिन गर्मी को देखते हुए हीटवेव से बचाव और अन्य जरूरी कदम भी उठाए गए हैं. इसके साथ ही मतगणना स्थल की त्रिस्तरीय सुरक्षा और नतीजों के बाद कानून व्यवस्था बनाए रखने को लेकर पूरी तैयारी की गई है.

3 लेयर सुरक्षा में काउंटिंग-
सबसे ज्यादा सीटों वाले उत्तर प्रदेश में मतगणना के इंतजाम पूरे कर लिए गए हैं. प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने रविवार को मतगणना की तैयारियों की फ़ाइनल समीक्षा की. यूपी में 80 लोकसभा सीटों के साथ 4 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव भी हुए हैं. इनकी मतगणना भी 4 जून को सुबह 8 बजे से शुरू होगी. मतगणना के लिए प्रदेश के सभी 75 जिलों में 81 मतगणना केंद्र बनाए गए हैं. काउंटिंग के लिए केंद्रीय अर्द्ध सैनिक बलों की तैनाती की गई है. सभी मतगणना स्थलों की सुरक्षा त्रिस्तरीय होगी. काउंटिंग सेंटर की सुरक्षा के लिए क्षेत्रीय पुलिस बल, राज्य पुलिस बल और CRPF की तैनाती की गई है.

काउंटिंग सेंटर की सुरक्षा के लिए 3 लेयर सुरक्षा व्यवस्था की गई है. फर्स्ट लेवल की सुरक्षा मतगणना स्थल से 100 मीटर की परिधि पर होगी, जहां क्षेत्रीय पुलिस बल की तैनाती होगी. जबकि सेकंड लेवल की सुरक्षा मतगणना स्थल के गेट पर होगी, जहां राज्य पुलिस बल की तैनाती होगी. थर्ड लेवल की सुरक्षा मतगणना हाल के लिए होगी, जो सीआरपीएफ की निगरानी में होगी.

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कहां, कितने केंद्रों पर काउंटिंग-
यूपी की 80 लोकसभा सीटों पर 851 प्रत्याशी मैदान में हैं. इसमें से 771 पुरुष और 80 महिला उम्मीदवार हैं. सबसे ज्यादा 28 प्रत्याशी घोसी लोक सभा क्षेत्र में हैं. जबकि सबसे कम 4 प्रत्याशी कैसरगंज लोकसभा क्षेत्र में हैं. आगरा, मेरठ, आजमगढ, देवरिया, सीतापुर, कुशीनगर जनपदों में मतगणना 2-2 केंद्रों पर होगी. इसके साथ ही 8 लोकसभा क्षेत्रों की मतगणना 3 जिलों में, 37 लोक सभा क्षेत्रों की मतगणना 2 जिलों में और 35 लोक सभा क्षेत्रों की मतगणना 1 जिले में हो रही है. मुख्य निर्वाचन अधिकारी( CEO UP) नवदीप रिणवा ने बताया कि पोस्टल बैलेट (Postal ballot) की मतगणना RO मुख्यालय जनपद के मतगणना स्थल में होगी.

CCTV की निगरानी में काउंटिंग-
काउंटिंग विधानसभा क्षेत्रवार होगी. इसके बाद लोकसभा क्षेत्र  के सभी विधानसभा क्षेत्रों के परिणाम का जोड़कर लोकसभा क्षेत्र के नतीजे घोषित किए जाएंगे.

गाजियाबाद लोकसभा क्षेत्र में साहिबाबाद विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा पोलिंग बूथ 1127 हैं. इसकी वजह से इस क्षेत्र में सबसे ज्यादा 41 राउंट की काउंटिंग होगी. चुनाव आयोग ने काउंटिंग के लिए 179 ऑब्जर्वर तैनात किए गए हैं. 

15 ऑब्जर्वर एक-एक विधानसभा क्षेत्र, 104 ऑब्जर्वर को 2-2 विधानसभा क्षेत्र और 60 ऑब्जर्वर को 303 विधानसभा क्षेत्र आवंटित किए गए हैं. 80 लोकसभा क्षेत्रों की काउंटिंग के लिए 80 रिटर्निंग ऑफिसर और 1581 सहायक रिटर्निंग अधिकारियों की तैनाती की गई है.

उत्तर प्रदेश में 4 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव भी होने हैं. ददरौल, लखनऊ पूर्व, गैंसड़ी  और दुद्धी विधानसभा की मतगणना के लिए 4 रिटर्निग ऑफिसर और 26 सहायक रिटर्निंग ऑफ़िसर तैनात किए गए हैं. मतगणना और सीलिंग की कार्यवाही CCTV की निगरानी में होगी.

कौन बन सकता है काउंटिंग एजेंट-
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने मतगणना एजेंट के बारे में बताया कि 18 उम्र से अधिक आयु के व्यक्ति को काउंटिंग एजेंट बनाया जा सकता है. केंद्र/राज्य सरकार के मंत्रिपरिषद के सदस्यों, सांसदों, विधायकों, मेयर, नगर पालिका परिषद/नगर पंचायत के अध्यक्ष को काउंटिंग एजेंट बनाए जाने पर बैन है. केंद्र/राज्य सरकार से सुरक्षा प्राप्त व्यक्तियों को काउंटिंग एजेंट बनाए जाने पर भी प्रतिबंध है. हालांकि निर्वाचन क्षेत्र के निवासी ग्राम प्रधान, सरपंच, पंचायत सदस्यों, सभासद को काउंटिंग एजेंट बनाए जाने पर कोई रोक नहीं है. अप्रवासी भारतीय को भी काउंटिंग एजेंट बनाया जा सकता है.

पोस्टल बैलेट की गणना-
सभी लोक सभा क्षेत्रों में पोस्टल बैलेट की गणना के लिए अलग से रूम की व्यवस्था की गई है. पोस्टल बैलेट की गणना के लिए होम वोटिंग एवं वोटर फैसिलिटेशन सेंटर पर प्राप्त पोस्टल बैलेट मतों की गणना सुबह 8 बजे शुरू होगी और सर्विस वोटर से प्राप्त ईटीपीबीएस की स्कैनिंग भी सुबह 8 बजे से शुरू होगी. स्कैनिंग के बाद ईटीपीबीएस मतों की गणना टेबल पर की जाएगी. ईटीपीबीएस की स्कैनिंग/प्री काउंटिंग के लिए 871 टेबल और पोस्टल बैलेट की मतों की गणना 794 टेबल पर की जाएगी.

गर्मी से बचाव के इंतजाम-
उम्मीदवार, एजेंट, काउंटिंग कर्मियों और अन्य कर्मचारियों के लिए साफ और ठंडे पानी की व्यवस्था होगी. हीटवेव और भीषण गर्मी से बचाव के लिए पर्याप्त मात्रा में ओआरएस/मेडिकल किट और मेडिकल टीम भी काउंटिंग सेंटर पर उपलब्ध रहेगी. बैठने के स्थान पर पंखे, कूलर और फैन की भी व्यवस्था की गई है.

काउंटिंग कैंपस में मीडिया सेंटर स्थापित किया जा रहा है. सूचना विभाग से 1 अधिकारी मीडिया सेंटर का प्रभारी रहेगा. अधिकारी समय-समय पर छोटे ग्रुप में मीडिया कर्मियों को कुछ समय के लिए मतगणना हाल के अंदर ले जाएंगे. काउंटिंग हॉल के भीतर पास वाले पत्रकारों को ही कैमरा (बिना स्टैंड) ले जाने की इजाजत होगी. सिर्फ मीडिया सेंटर पर ही मीडियाकर्मी मोबाइल, फोन या कैमरे का इस्तेमाल कर सकते हैं.

काउंटिंग हॉल की व्यवस्था-
काउंटिंग हॉल में 1 ब्लैक बोर्ड/व्हाइट बोर्ड की व्यवस्था की जाएगी. जिसमें प्रत्याशियों के नाम और राउंडवार नतीजे लिखे जाएंगे, ताकि सभी मतगणना एजेंट उसे देख सकें. हर विधानसभा क्षेत्र और लोकसभा क्षेत्र में पब्लिक एड्रेस सिस्टम की भी व्यवस्था की गई है. सबसे पहले हर टेबल पर काउंटिंग एजेंट के बैठने की व्यवस्था रहेगी. सबसे आगे मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय राजनीतिक दल, उसके बाद रजिस्टर्ड गैर-मान्यता प्राप्त दल और उसके बाद निर्दलीय प्रत्याशी के एजेंट बैठेंगे.

टेबल पर कंट्रोल यूनिट (CU) आने के बाद काउंटिंग ऑब्जर्वर सीयू का नंबर दिखाएंगे. जिससे ये साफ होगा कि ये सीयू उसी बूथ से संबंधित है.सीयू के साथ 17सी भाग-1 में बताए गए मतों को एजेंटों को बताया जाएगा. इसके बाद काउंटिंग की जाएगी. अगर कोई एजेंट फिर से नतीजे दिखाए जाने का अनुरोध करता है तो ऑब्जर्वर फिर से उसे दिखाएंगे. सभी राउंड की शीट की एक प्रति राउंड की घोषणा के बाद एआरओ टेबल के एजेंट को भी दी जाएगी.

अगर किसी बूथ से संबंधित सीयू की डिस्प्ले ना दिखने से सीयू से परिणाम नहीं निकलता है तो ऐसे में समस्त ईवीएम की मतगणना के बाद उस बूथ के वीवीपैट स्लिप की गणना की जाएगी. अगर किसी कारण से किसी बूथ की सीयू से मॉक पोल के मतों को नहीं हटाया गया है तो सीयू से मतगणना नहीं की जाएगी. वह मशीन आरओ की अभिरक्षा में जाएगी. अगर पूरी मतगणना के बाद हार-जीत का अंतर बूथ पर पड़े मतों से अधिक है, तो ऐसे में उस बूथ की गणना न कर परिणाम घोषित कर दिया जाएगा. अगर अंतर उस बूथ पर पड़े मतों से कम है तो मॉक पोल सर्टिफिकेट में लिए गए मॉक मतों को प्रत्याशीवार हटाकर वीवीपैट की स्लिप से मतगणना की जाएगी और इसी आधार पर मतगणना परिणाम घोषित किए जाएंगे.

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