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Vote from Home: 5500 लोग कर रहे हैं घर से मतदान, ये है प्रक्रिया

सीनियर सिटीजन और दिव्यांग लोगों को वोट डालने में परेशानी न हो इसके लिए चुनाव आयोग ने Vote from Home की प्रक्रिया शुरू कर दी है. 15 मई से शुरू हुई प्रोसेस के तहत लगभग 5500 लोगों ने वोट डाली है.

Vote from Home Vote from Home

बहुत से लोग बढ़ती उम्र या किसी स्वास्थ्य संबंधी परेशानी के कारण पोलिंग बूथ पर जाकर वोट नहीं कर पाते हैं. और इस कारण कई बार काफी लोग मतदान करने से चूक जाते हैं या फिर उनकी जगह कोई और मतदान करके नियमों का उल्लंघन करता है. हालांकि, अब चुनाव आयोग ''Work from Home' की तरह 'Vote from Home' की सुविधा दे रहा है. इस लोकसभा इलेक्शन में भी हजारों लोगों ने इस विकल्प को चुना है.  

15 मई को जिला निर्वाचन अधिकारियों ने वोट फ्रॉम होम की प्रक्रिया शुरू की और दिल्ली में लगभग 1,300 मतदाताओं ने डाक मतपत्र सुविधा का विकल्प चुनकर दो दिनों में अपने घरों से आराम से वोट डाला. जबकि सात लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों से 5,472 मतदाताओं - विकलांग व्यक्तियों और 85 वर्ष से अधिक आयु के लोगों ने फॉर्म 12डी भरकर घर से मतदान करने के विकल्प के लिए आवेदन किया था. 

11 जिलों से इकट्ठे किए वोट 
अधिकारियों ने कहा कि 11 राजस्व जिलों में मतदान अधिकारियों और सुरक्षाकर्मियों वाली मोबाइल टीमों ने 15 मई से वोट एकत्र करना शुरू कर दिया था. पहले दिन, 430 वोट एकत्र किए गए, जबकि दूसरे दिन मतदान टीमों ने 856 वोट एकत्र किए. यह प्रक्रिया 24 मई तक जारी रहेगी. चुनाव अधिकारियों ने कहा कि मतदाताओं को यात्रा की तैयारी के लिए पहले से सूचित किया गया था. यहां तक ​​कि मतदाताओं के निवास पर भी परिवार के सदस्यों से पूरी गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए एक छोटा कियोस्क स्थापित किया गया था. 

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आपको बता दें कि इस सुविधा के तहत वोट इकट्ठा करने वाली टीम में कुल पांच सदस्य होते हैं. इस टीम में दो चुनाव अधिकारी, एक पुलिस जवान, एक वीडियोग्राफ़र और एक बीएलओ यानी बूथ लोकल ऑफिसर होता है. 

ये हैं स्टेप्स ऑफ़ हाउस वोटिंग-
- पहले मतदाता के सामने ही बंद लिफ़ाफ़े से बैलेट पेपर निकाला जाता है.
- फिर डिक्लेरेशन फॉर्म भरा जाता है.
- फिर वोटिंग कम्पार्टमेंट लगा कर मतदान करवाया जाता है.
- बाद मे इलेक्शन इंक मतदाता के हाथ की उंगली पर लगाई जाती है
- उसके बाद वोटर बैलट पेपर को बंद कर के चुनाव अधिकारी को देता हैं.
- मतदाता के सामने दर्ज किया वोट लिफ़ाफ़े में बंद किया जाता.
- और फिर डिक्लेरेशन फॉर्म भी उसमें डाल सील की जाती है.
- यह पूरी प्रक्रिया चुनाव आयोग की तरफ़ से आए वीडियोग्राफ़र रिकॉर्ड करते हैं.
- बाद में ये वोट स्ट्रॉन्ग रूम में भेजे जाते हैं. 

(मनीषा की रिपोर्ट)