आखिरकार शुक्रवार को उत्तर प्रदेश की रायबरेली लोकसभा सीट (Raebareli Lok Sabha Seat) से कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने नामांकन पत्र दाखिल कर दिया. राहुल गांधी ने रिटर्निंग अफसर सह रायबरेली डीएम हर्षिता माथुर (Harshita Mathur) के चैंबर में नामांकन दाखिल किया. इस दौरान उनके साथ सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी, रॉबर्ट वाड्रा और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे थे.
नामांकन पत्र के साथ शपथ पत्र दाखिल करने के दौरान चैंबर में राहुल गांधी, सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी खड़े हो गए लेकिन हर्षिता माथुर बैठी रहीं. यहां यह बताना जरूरी है कि चुनाव के दौरान जिले के कलेक्टर को ही मुख्य निर्वाचन अधिकारी माना जाता है. प्रोटोकॉल के तहत हर्षिता माथुर खड़ी नहीं हुईं. आइए इस महिला अफसर के बारे में जानते हैं.
एमपी की रहने वाली हैं हर्षिता माथुर
हर्षिता माथुर की गिनती यूपी के काबिल अधिकारियों में होती है. हर्षिता माथुर मूल रूप से मध्य प्रदेश के भोपाल की रहने वाली हैं. उनका जन्म 18 सितंबर 1988 को हुआ था. शुरुआती शिक्षा के बाद हर्षिता माथुर ने सिविल सर्विसेज में जाने का फैसला किया. ग्रेजुएशन करने के बाद वह जी-जान से इसमें जुट गईं.
हर्षिता माथुर ने साल 2013 में यूपीएससी क्रैक कर लिया. उन्होंने यूपी कैडर चुना. आईएएस एकेडमी मसूरी से 26 नवंबर 2015 को ट्रेनिंग की समाप्ति के बाद हर्षिता माथुर की पहली ज्वाइनिंग ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के रूप में मुरादाबाद में हुई.करीब नौ महीने मुरादाबाद में काम करने के बाद साल 2016 में उनका तबादला मेरठ कर दिया गया.
मेरठ में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के रूप में संभाला कार्यभार
हर्षिता माथुर ने मेरठ में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के रूप में 31 अगस्त 2016 को कार्यभार संभाला. इसके बाद यहां से उनका ट्रांसफर बस्ती कर दिया गया. 2 मई 2017 को हर्षिता माथुर ने यहां मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) के रूप में ज्वाइन किया.
सीएम योगी ने अपने गृह जनपद गोरखपुर बुला लिया
हर्षिता माथुर के अच्छा काम को देखते हुए सीएम योगी ने उन्हें अपने गृह जनपद गोरखपुर बुला लिया. वह यहां करीब 10 महीनों तक गोरखपुर इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी के सीईओ के पद पर रहीं. इसके बाद इस महिला अधिकारी को सिद्धार्थनगर का मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) बनाया गया. वह यहां इस पद पर अप्रैल 2018 से 1 जनवरी 2020 तक रहीं. इसके बाद हर्षिता माथुर की फिर से पोस्टिंग गोरखपुर में मुख्य विकास अधिकारी के रूप में हुई.
बेहतर कार्यशैली का मिला इनाम
हर्षिता माथुर को 11 फरवरी 2021 को बुलंदशहर-खुर्जा विकास प्राधिकरण का उपाध्यक्ष बनाया गया. इस पद पर वह लगभग आठ महीनों तक रहीं. हर्षिता माथुर की बेहतर कार्यशैली का इनाम मिला. योगी सरकार ने इन्हें 23 अक्टूबर 2021 को कासगंज जिले का कलेक्टर बना दिया. इसके बाद हर्षिता माथुर का ट्रांसफर रायबरेली कर दिया गया. उन्हें सितंबर 2023 में रायबरेली का डीएम बनाया गया था. वह तभी से यहां इस पद पर तैनात हैं.वह हमेशा जनता से जुड़ी रहती हैं और जनता की शिकायतें सुनती हैं.
पति भी हैं डीएम
हर्षिता माथुर के पति अनुज सिंह भी 2013 बैच के आईएएएस अधिकारी हैं. वह अभी सीतापुर के डीएम हैं. बिहार के रहने वाले अनुज सिंह से हर्षिता की मुलाकात ट्रेनिंग के दौरान हुई थी. पहले दोस्ती हुई और फिर यह रिश्ता प्यार में बदल गया. इसके बाद दोनों ने घरवालों की सहमति से साल 2017 में शादी कर ली.