आतंकवाद के आरोप में जेल में बंद दो उम्मीदवारों ने 2024 के लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की है. अमृतपाल सिंह ने पंजाब के खडूर साहिब से और शेख अब्दुल रशीद बारामूला से चुने गए. गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत इंजीनियर राशिद 9 अगस्त, 2019 से तिहाड़ जेल में हैं. वहीं अमृतपाल सिंह पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत आरोप लगाया गया है और वह असम की डिब्रूगढ़ जेल में हैं. जेल में बंद इन दो उम्मीदवारों की जीत ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है - क्या उन्हें पद की शपथ लेने का मौका मिलेगा और क्या वे संसद सत्र में भाग ले पाएंगे?
शपथ लेने का संवैधानिक अधिकार बरकरार
कानूनी तौर पर, अमृतपाल सिंह और शेख अब्दुल रशीद को 18वीं लोकसभा की कार्यवाही में भाग लेने से रोक दिया गया है, फिर भी उनके पास संसद सदस्य के रूप में शपथ लेने का संवैधानिक अधिकार बरकरार हैं.
अमृतपाल सिंह और इंजीनियर राशिद को अब संसद सत्र के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए अदालत की परमिशन लेनी होगी. अगर किसी व्यक्ति को दोषी नहीं ठहराया गया है, तो वह कोर्ट की अनुमति मिलने के बाद चुनाव लड़ सकता है और संसद में भाग ले सकता है. सदन के अंदर जाने के बाद व्यक्ति सदन को संबोधित भी कर सकता है. लेकिन शपथ समारोह या संसद के सत्र में बाहर आने के लिए दोनों को हर बार कोर्ट का दरवाजा खटखटाना होगा.
जेल में बंद सांसदों के शपथ समारोह में शामिल होने की क्या प्रक्रिया है?
चुनाव जीतने के बाद शपथ लेना संवैधानिक अधिकार है. लेकिन अगर जीतने वाला उम्मीदवार जेल में है, तो उन्हें कोर्ट की परमिशन के बाद अधिकारियों से शपथ ग्रहण समारोह के लिए संसद में ले जाने के लिए कहना होगा. एक बार शपथ लेने के बाद, उन्हें जेल वापस लौटना होगा. कोर्ट की ओर से तय की गई सुरक्षा की शर्तों पर ही ये शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने के लिए जा सकते हैं. इनकी शपथ टाली तो जा सकती है लेकिन रोकी नहीं जा सकती. जेल में बंद निर्वाचित प्रतिनिधियों को शपथ लेने के लिए अक्सर अस्थाई रूप से जमानत या पैरोल पर रिहाई मिलती रही है. हालांकि ये जुर्म की गंभीरता पर निर्भर करता है.
संविधान के अनुच्छेद 101 (4) के अनुसार शपथ समारोह के बाद सदन से उनकी अनुपस्थिति के बारे में अध्यक्ष को बताया जाएगा. इसके बाद स्पीकर सदस्यों की अनुपस्थिति पर सदन समिति को सदन में भाग लेने में उनकी असमर्थता के बारे में सूचित करेंगे. समिति सिफारिश करती है कि क्या सांसद को सदन की कार्यवाही में भाग नहीं लेने की अनुमति दी जानी चाहिए, फिर इस सिफारिश को आगे बढ़ाया जाता है और वोटिंग कराई जाती है.
क्या दोषी पाए जाने पर अमृतपाल सिंह, इंजीनियर रशीद को अपनी सीटें गंवानी पड़ेंगी?
अगर इंजीनियर रशीद या अमृतपाल सिंह को दोषी ठहराया जाता है और दो साल की भी जेल होती है, तो वे लोकसभा में अपनी सीटें खो देंगे. 2013 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार, सांसद और विधायक अगर अपराध के दोषी पाए जाएंगे तो उन्हें तुरंत अपना पद छोड़ना होगा.