
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 का काउंटडाउन शुरू हो गया है. पांच फरवरी मतदाता वोट डालने, जिसके बाद फरवरी को गिनती के बाद यह तय हो जाएगी की अगली पार्टी दिल्ली में किसकी बनेगी. आम आदमी पार्टी चुनाव को लेकर जोर शोर से तैयारियों में जुटी हैं.
इसी दौरान बीते बुधवार को पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने मिडिल क्लास को लेकर केंद्र सरकार के घेरा है. केजरीवाल ने केंद्र के समक्ष सात मांगे रखी हैं. केजरीवाल का कहना है कि चुनाव के दौरान धर्म और जाति के नाम पर कई वादे किए जाते हैं. लेकिन देश का मिडिल क्लास किसी भी पार्टी के एजेंडे में नहीं है. उन्होंने बताया कि मिडिल वर्ग टैक्स टेररिज्म का विक्टिम है. ऐसे में मांग करते हैं कि देश का अगला बजट मिडिल क्लास को समर्पित हो. इसके लिए सात सूत्रीय मांगें हैं.
क्या है केजरीवाल की मांगे
केंद्रीय बजट में शिक्षा को लेकर धनराशि 2 फीसदी से बढ़ाकर 10 फीसदी की जाए.
निजी स्कूलों में बढ़ती फीस को नियंत्रित किया जाए.
उच्चा शिक्षा के लिए सब्सिडी लाई जाए.
स्वास्थ्य बजट 10 फीसदी बढ़ाया जाए.
जरूरी सामानों से जीएसटी हटाया जाए.
वरिष्ठ नागरिकों के लिए पेंशन योजना लाई जाए.
रेलवे में बुजुर्गों के लिए 50 फीसदी की रियायत दी जाए.
क्या कहना है केजरीवाल का
केजरीवाल ने कहा कि देश का मिडिल क्लास वर्ग टैक्स भरता है. मध्यम वर्ग से सरकार सिर्फ टैक्स लेती है. लेकिन इस वर्ग को सरकार से क्या मिलता है? मिडिल क्लास की 50 फीसदी आमदनी सिर्फ टैक्स भरने में चली जाती है. हर चीज पर मिडिल क्लास को टैक्स भरना पड़ता है. इस वजह से भारतीय अब बड़ी संख्या में देश छोड़कर जा रहे हैं.
मिडिस क्लास बन रही टैक्स टेररिज्म का शिकार
केजरीवाल ने कहा कि भारत का मिडिल क्लास सरकार के टैक्स टेररिज्म का शिकार बन गया है. लेकिन हमारी पार्टी जनता का पैसा जनता पर ही खर्च करती है. हमने मिडिल क्लास को महंगाई की मार से बचाने के लिए बिजली और पानी सस्ता किया है. हमने टैक्स का पैसा दिल्ली में इन्फ्रास्ट्रक्चर पर खर्च किया है.