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UP Assembly Election 2022: विधायक सुरेंद्र सिंह की बगावत, उठाना पड़ सकता है बीजेपी को नुकसान

UP Election: बलिया के बैरिया से बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह पूरे 5 साल तक अपने बयानों से पार्टी की किरकिरी कराते रहे हैं और अब जब पार्टी ने उनका टिकट काट दिया है तब भी बैरिया विधानसभा में पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहे हैं. सुरेंद्र सिंह ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का मन बना लिया है.

MLA Surendra Singh MLA Surendra Singh
हाइलाइट्स
  • बीजेपी से सुरेंद्र सिंह की बगावत

  • निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं सुरेंद्र सिंह

  • बैरिया से बीजेपी विधायक हैं सुरेंद्र सिंह

UP Assembly Election 2022: मंगल पांडेय और चितू पांडेय से लेकर जय प्रकाश नारायण, चंद्रशेखर और राम इकबाल सिंह की सत्ता से बगावत का सिलसिला आज भी बलिया में कायम है. इसमें नया नाम बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह का जुड़ गया है. विधायक रहते 5 साल तक पार्टी की फजीहत कराने वाले सुरेंद्र सिंह टिकट कटने के बाद भी बीजेपी के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहे हैं. दरअसल सुरेंद्र सिंह बलिया के बैरिया विधानसभा से बीजेपी के विधायक हैं. लेकिन इस बार पार्टी ने सुरेंद्र सिंह का टिकट काट दिया और यूपी सरकार में मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला को उम्मीदवार बना दिया. इससे नाराज सुरेंद्र सिंह ने बागी तेवर अपना लिया है. सुरेंद्र सिंह ने बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है और निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतरने की बात कर रहे हैं.
विधायक सुरेंद्र का बागी तेवर पहली बार देखने को नहीं मिल रहा है, सुरेंद्र सिंह अपने बयानों से 5 साल तक सरकार की फजीहत कराते रहे हैं. कई बार बीजेपी विधायक ने अपने पार्टी के खिलाफ ही मोर्चा खोला है और सवाल उठाए हैं. इसके साथ ही बागी विधायक ने कांग्रेस और समाजवादी पार्टी को लेकर अपने बयानों से भी सुर्खियां बटोरी हैं.
सुरेंद्र सिंह बीजेपी के कई बड़े फैसलों के खिलाफ भी बयानबाजी करते नजर आए हैं. चाहे एसटी/एसटी कानून को लेकर हो या साल 2020 का दुर्जनपुर हत्याकांड हो, हर बार उनके बयान से पार्टी मुसीबत में फंसी है. दुर्जनपुर कांड में फंसे अपने कार्यकर्ता धीरेंद्र सिंह के लिए विधायक ने पार्टी, सरकार और विपक्ष से लोहा लिया.
सुरेंद्र सिंह का टिकट कटने का कारण उनके बागी तेवर को ही माना जा रहा है. बताया जा रहा है कि बलिया सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त और उनके बीच मतभेद भी टिकट कटने का कारण हो सकता है. माना जा रहा है कि दोनों नेताओं के झगड़े में पार्टी को बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है.
हालांकि अभी भी सुरेंद्र सिंह किसी दल से टिकट की आस लगाए बैठे हैं. किसी दूसरे दल से उम्मीदवारी के सवाल पर उनका कहना है कि अगर कोई दल उनको सम्मान के साथ बुलाकर टिकट देता है तो उस पार्टी में शामिल होने में कोई ऐतराज नहीं है. लेकिन इसके साथ उनका बागी तेवर भी देखने को मिलाता है. उनका कहना है कि जो कभी न झुका है, उसका नाम सुरेंद्र है. उनका कहना है कि टिकट कटने के बाद झुक कर कभी योगी और मोदी से टिकट के लिए याचना नहीं की. कहा जा रहा है कि समाजवादी पार्टी के स्थानीय नेताओं ने उनके टिकट के लिए पार्टी नेतृत्व से बात की थी, लेकिन सुरेंद्र सिंह ने अखिलेश यादव से टिकट मांगने से इनकार कर दिया. सुरेंद्र सिंह की बगावत से बैरिया विधानसभा में पार्टी के सामने मुश्किलें खड़ी हो गई हैं.
सुरेंद्र सिंह अपने बयानों से हमेशा सुर्खियों में रहे हैं. आइए उनके कुछ ऐसे बयान के बारे में बताते हैं, जिसको लेकर उनकी खूब किरकिरी हुई.

गोमूत्र वाले बयान पर बवाल-
सुरेंद्र सिंह मई 2021 में अपने फेसबुक पेज से एक वीडियो शेयर किया था, जिसमें उन्होंने लोगों से गोमूत्र पीने की अपील की थी. उनका दावा था कि गोमूत्र पीने से कोरोना नहीं होता है. उन्होंने इसमें गोमूत्र पीने का तरीका भी बताया था.

पूर्व सीएम मायावती पर टिप्पणी-
बीजेपी के बागी विधायक ने अक्टूबर 2021 में बीएसपी मुखिया मायावती को लेकर टिप्पणी की थी. उन्होंने पूर्व सीएम को वैभव की दुनिया में पैसों के पीछे भागने वाली नेता बताया था.

औवेसी को बताया दूसरा जिन्ना-
सुरेंद्र सिंह ने AIMIM मुखिया असदुद्दीन ओवैसी की तुलना जिन्ना से की थी. उन्होंने कहा था कि राजनीति में ओवैसी दूसरे जिन्ना हैं. 

ताजमहल को लेकर विवादित बयान-
मार्च 2021 में सुरेंद्र सिंह ने ताजमहल को लेकर अजीबो-गरीब बयान दिया था. उनका कहना था कि ताजमहल शिव मंदिर था और जल्द ही बीजेपी सरकार में ताजमहल को राम महल बनाया जाएगा.
इतना ही नहीं, सुरेंद्र सिंह ने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को लेकर भी विवादित टिप्पणी की थी. बीजेपी के बागी विधायक ने जया बच्चन को नर्तकी तक कह डाला था.

(बलिया से अनिल अकेला की रिपोर्ट)

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