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UP Assembly Election 2022: कायमगंज विधानसभा सीट पर जनता नहीं देती दोबारा मौका, यहां से जो जीतेगा पहली बार बनेगा विधायक

उत्तर प्रदेश की कायमगंज सीट से जो भी चुनाव जीतेगा वो पहली बार विधानसभा जाएगा. 1989 के बाद से यहां कोई दोबारा चुनाव नहीं जीत पाया है इसलिए इस सीट को समझना बेहद मुश्किल है. यहां की जनता नेताजी को एक ही बार मौका देती है. 

UP Assembly Election 2022 UP Assembly Election 2022
हाइलाइट्स
  • कायमगंज सीट से जो भी चुनाव जीतेगा वो पहली बार विधानसभा जाएगा.

  • 1989 के बाद से यहां कोई दोबारा चुनाव नहीं जीत पाया है.

उत्तर प्रदेश में चुनावी संग्राम जारी है. सात चरणों में होने वाले विधानसभा चुनाव में यहां 10 फरवरी और 14 फरवरी को पहले और दूसरे चरण की वोटिंग हो चुकी है. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले और दूसरे चरण की वोटिंग के खत्म होने के बाद अब तीसरे चरण का रण शुरू हो गया है. तीसरे चरण में 16 जिलों की 59 सीटों पर 20 फरवरी को मतदान होना है. तीसरे चरण की वोटिंग से पहले सारी पार्टियां अपनी पूरी ताकत झोंकने को तैयार हैं. उत्तर प्रदेश के चुनावों में हर सीट पर अलग सियासी गणित है. इन सबके बीच उत्तर प्रदेश की कायमगंज सीट प्रदेश की पहली ऐसी सीट है जहां से जो भी चुनाव जीतेगा वो पहली बार विधानसभा जाएगा यानि राजनीति के इस गणित में यहां हर खिलाड़ी नया है. 

पहली बार विधायक बनेगा जीतने वाला 

फर्रुखाबाद कायमगंज सीट पर इस बार के चुनाव में सबसे नया से देखने को मिला कि यहां जो जीतेगा वो पहली बार विधायक बनेगा. राजनीति के इस खेल में इस बार सभी दलों ने नए खिलाड़ी पर दांव लगाया है. यहां समाजवादी पार्टी से सर्वेश अंबेडकर चुनाव मैदान में हैं. सर्वेश कहते हैं कि मैं पहली बार चुनाव जरूर लड़ रहा हूं, पर मैं संगठन का हूं इसलिए मैंने विधायक कई बनाये हैं. समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी सर्वेश अंबेडकर कहते हैं कि नए हैं तो क्या हुआ, अच्छी बात ये है कि सभी नए हैं. जब मुकाबला नए-नए खिलाड़ियों के बीच होता है तो किसी को  पता नहीं होता है कि सामने वाले में राजनीति की कितनी समझ है. 

UP Assembly Election 2022
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यहां की जनता किसी को दूसरा मौका नहीं देती है 

वहीं भारतीय जनता पार्टी ने यहां गठबंधन में अपना दल से डॉ सुरभि गंगवार को चुनाव में उतारा है. वहीं कांग्रेस ने शकुंतला गौतम को चुनाव मैदान में उतारा है. शकुंतला गौतम कहती हैं कि नए पुराने से कुछ नही होता है. ये जरूर है कि जीत किसी की हो हर प्रत्याशी पहली बार ही विधानसभा जाएगा. आमतौर हर विधानसभा से कोई न कोई विधायक पहले से चुनाव लड़ा होता है, पर यहां सब नए हैं. कायमगंज सीट के बारे में कहा है कि जनता यहां दोबारा मौका किसी को नहीं देती है.1989 के बाद से यहां कोई दोबारा चुनाव नहीं जीत पाया है इसलिए इस सीट को समझना बेहद मुश्किल है. यहां की जनता नेताजी को एक ही बार मौका देती है.