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UP Election 2022: हाथों में हथकड़ी और पैरों में बेड़ियां पहनकर मांग रहे वोट, कहते हैं मजदूरों को आजाद कराकर ही उतारेंगे जंजीरें

फिरोजाबाद शहर सीट से एक निर्दलीय प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं जिनका नाम है रामदास मानव. हाथों में हथकड़ी और पैरों में बेड़ियां पहनकर लोगों के बीच वोट मांगने जा रहे हैं. वह कहते हैं कि चूड़ी मजदूर गुलामी की जिंदगी जी रहे हैं और उनकी आजादी के बाद ही ये बेड़ियां उतरेंगी.

खुद को जंजीरों में जकड़कर वोट मांग रहे रामदास खुद को जंजीरों में जकड़कर वोट मांग रहे रामदास
हाइलाइट्स
  • फिरोजाबाद शहर सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के प्रचार का अनोखा तरीका

  • बेड़ियां पहनकर और हाथ में कटोरा लेकर लोगों से मांग रहे वोट

  • प्रत्याशी का कहना कि मजदूरों की आजादी के बाद ही उतरेंगी बेड़ियां

उत्तर प्रदेश हर जगह सियासी तापमान चढ़ा हुआ है. दूसरे विधानसभा की तरह फिरोजाबाद में भी सरगर्मी तेज है. यहां तीसरे चरण में 20 फरवरी को मतदान होना है. ऐसे में प्रत्याशी वोटरों को अपनी तरफ लुभाने के लिए अलग-अलग तरह से प्रयास कर रहे हैं. वहीं, फिरोजाबाद शहर सीट से एक निर्दलीय प्रत्याशी ने वोट मांगने के लिए अनोखा तरीका अख्तियार किया है. उन्होंने खुद अपने बदन को बेड़ियों में जकड़ रखा है और लोगों से वोट के साथ नोट भी मांग रहे हैं. प्रत्याशी का नाम है रामदास मानव जो निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं और अनोखे तरह से चुनाव प्रचार कर रहे हैं.

कटोरा लेकर लोगों से मांग रहे नोट, मजदूरों की हालत ठीक करने का कर रहे वादा
दरअसल, रामदास मानव चूड़ी जुड़ाई श्रमिकों के नेता हैं और इन्हें लगता है कि चूड़ी जुड़ाई मजदूरों का शोषण हो रहा है. चूड़ी जुड़ाई मजदूरों की हालत खराब है और मजदूरों की हालत ठीक करने के लिए वह चुनावी मैदान में उतर पड़े हैं. रामदास को चुनाव चिन्ह मिला है चूड़ी. रामदास अपने चुनाव चिन्ह चूड़ी का प्रचार करने के लिए लोगों के बीच जा रहे हैं. रामदास मानव खुद भी श्रमिक हैं. इसलिए उनके पास इतना धन नहीं कि वह चुनाव में खर्च कर सकें. लोगों से एक कटोरा लेकर नोट और वोट दोनों मांग रहे हैं. रामदास का कहना है कि कारखानों में मजदूरों को बेड़ियों की तरह जकड़ रखा गया है. मजदूर आजाद हो इसी के लिए वे चुनावी मैदान में उतरे हैं. उन्होंने मजदूरों को बताने के लिए कि वह किस कदर बेड़ियों में जकड़े हुए हैं, खुद को भी हथकड़ी और बेड़ियों में जकड़ रखा है.

'जब तक मजदूर आजाद नहीं होंगे, तब तक बेड़ियां नहीं उतारूंगा'
रामदास मानव का यह भी कहना है कि यह बेड़ियां तभी उतारेंगे जब मजदूर आजाद होगा. उनका यही कहना है कि यह बेड़ियां वह तभी उतारेंगे जब सफल होंगे. श्रमिकों के इलाकों में जब भी रामदास मानव जाते हैं तो लोग इनकी रुपये देकर मदद भी कर रहे हैं. रामदास मानव का कहना है-"मैं कटोरा लेकर धन संग्रह कर रहा हूं. सभी लोगों से 10-10 रुपए मांग रहा हूं ताकि ईमानदारी से चुनाव लड़ सकूं. मैंने मजदूर से यह वादा किया है कि उन्हें बेड़ियों से आजाद कराऊंगा. जब तक मजदूरों को गुलामी से मुक्ति नहीं दिलाऊंगा, तब तक यह बेड़ियां नहीं उतारूंगा".

सुधीर शर्मा की रिपोर्ट