एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स के मुताबिक उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में चुनाव लड़ने वाले 584 उम्मीदवारों में से लगभग 147 उम्मीदवारों (25 फीसदी) के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. उत्तर प्रदेश इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के स्वयं शपथ पत्रों का विश्लेषण किया है.
विश्लेषण किए गए उम्मीदवारों में से 147 (25 प्रतिशत) उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं, जबकि 113 उम्मीदवारों (19 प्रतिशत) ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं.
हर पार्टी में शामिल हैं अपराधी उम्मीदवार:
बात अगर राजनैतिक पार्टियों की करें तो सभी प्रमुख दलों में ऐसे उम्मीदवार शामिल हैं जिनके खिलाफ आपराधिक मामले हैं. समाजवादी पार्टी (सपा) के 52 उम्मीदवारों में से 35 उम्मीदवारों (67 प्रतिशत), कांग्रेस के 54 उम्मीदवारों में से 23 (43 प्रतिशत), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के 55 में से 20 (36 प्रतिशत) उम्मीदवारों, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 53 उम्मीदवारों में से 18 (34 प्रतिशत), राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के तीन उम्मीदवारों में से एक (33 प्रतिशत) और आम आदमी पार्टी (आप) के 49 उम्मीदवारों में से सात (14 प्रति) उम्मीदवारों ने अपने हलफनामे में अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं.
विश्लेषण में कहा गया है कि छह उम्मीदवारों पर महिलाओं के खिलाफ अपराध से संबंधित मामला है तो एक प्रत्याशी ने अपने ऊपर हत्या का मामला (आईपीसी की धारा 302) घोषित किया है. करीब 18 उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ 'हत्या के प्रयास' (आईपीसी की धारा 307) से जुड़े मामले घोषित किए हैं.
29 क्षेत्र ‘रेड अलर्ट’ में:
बताया जा रहा है कि 55 निर्वाचन क्षेत्रों में से लगभग 29 (53 प्रतिशत) 'रेड अलर्ट' निर्वाचन क्षेत्र हैं. रेड अलर्ट निर्वाचन क्षेत्र वे होते हैं जहां चुनाव लड़ने वाले तीन या अधिक उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए होते हैं.
584 उम्मीदवारों में से 260 (45 फीसदी) करोड़पति हैं. उत्तर प्रदेश विधानसभा में आज से मतदान शुरू हो चुका है. 10 फरवरी से 7 मार्च तक सात चरणों में विधानसभा चुनाव होने हैं. मतों की गिनती और परिणाम 10 मार्च को घोषित किए जाएंगे.