दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन तो हो गया लेकिन दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के चीफ अरविंदर सिंह लवली के इस्तीफे के बाद बदली हुई राजनीतिक परिस्थितियों में बीजेपी ने गठबंधन पर हमले और तेज कर दिये हैं. इससे बहुजन समाज पार्टी (BSP) को सियासी फायदा दिखा और सातों सीटों पर पार्टी ने प्रत्याशी उतार दिये. पूरी दिल्ली में करीब 20% अनुसूचित जाति (SC) के वोटर हैं और यहां पर उत्तर प्रदेश के लोग भी काफी तादाद में रहते हैं. लिहाजा इस बार बीएसपी को अच्छा मौका दिखाई देता है.
दिल्ली बसपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह का कहना है कि कभी कांग्रेस तो कभी बीजेपी ने हमें एक दूसरे के खिलाफ इस्तेमाल करते हुए बी टीम बता दिया लेकिन जब आप और कांग्रेस का गठबंधन ही हो गया तो अब सब साफ हो गया कि कौन किसके साथ है?
लक्ष्मण सिंह कहते हैं - 'आकाश आनंद और बहन जी आक्रोशित हैं. हम (बीएसपी) अपने दम पर चुनाव लड़ते हैं. किसी भी पार्टी ने आज तक दिल्ली लोकसभा की सातों सीटों पर एक भी मुस्लिम उम्मीदवार नहीं उतारा. लेकिन लोकसभा चुनाव 2024 में हमने मुस्लिम समाज से दो टिकट दिया है.'
लक्ष्मण ये मानते हैं कि बीएसपी का कोर वोटर छिटककर कांग्रेस और फिर आम आदमी पार्टी में चला गया था लेकिन दावा है कि दिल्ली ही नही पूरे देश में हुए चुनाव में बसपा के कोर वोटर लौट रहे हैं.
बीएसपी के प्रत्याशियों में 3 एडवोकेट
चांदनी चौक से एडवोकेट अब्दुल कलाम को, साउथ दिल्ली से अब्दुल बासित (जो कभी आरजेडी में हुआ करते थे) को, पूर्वी दिल्ली से ओबीसी समाज से एडवोकेट राजन पाल को लोकसभा चुनाव में उतारा गया है जो कि पाल समाज से हैं. उत्तर पूर्वी दिल्ली से डॉक्टर अशोक कुमार बीएसपी के उम्मीदवार हैं जो एससी समुदाय से आते हैं.
नई दिल्ली से एडवोकेट सत्यप्रकाश गौतम, उत्तर पश्चिमी दिल्ली से विजय बौद्ध तो पश्चिमी दिल्ली से विशाखा आनंद को चुनावी मैदान में उतारा गया है.
दिल्ली में ये ही बीएसपी की सियासी स्थिति
साल 2014 और 2019 में गैर जाटव और गैर यादव ओबीसी को लेकर बीजेपी ने जो सोशल इंजीनियरिंग की थी, आम चुनाव 2024 में बीएसपी की मौजूदगी से बड़ी चुनौती मिलने के संकेत मिल रहे हैं. यही वजह है कि दिल्ली ही नहीं बल्कि पश्चिमी कई सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला हो रहा है.
दिल्ली नगर निगम की 250 और दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों पर बीएसपी हर चुनाव लड़ती रही है. दिल्ली में साल 2019, 2014 और साल 2009 में बीएसपी ने चुनाव लड़ा. 2008 में दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ने पर बीएसपी के 2 विधायक भी जीतकर आ गए. बीएसपी का दावा है कि चुनाव लड़ने के बाद वोट प्रतिशत बढ़ा है.
लोकसभा में लगातार गिरता रहा वोट शेयर
2009 LS 9% वोट
2014 Ls 6%
2019 LS 1%
2020 VS 1%
दिल्ली नगर निगम में बीएसपी की स्थिति
2002 निगम में जीता 1 पार्षद
2007 में 17 जीते
2012 में 15 जीते
2017 में 3 जीते
चुनाव दर चुनाव विधानसभा में बीएसपी का गिरा वोट शेयर
1998 विधान सभा दिल्ली 2.5% वोट शेयर
2003 विधान सभा 6% वोट शेयर
2008 में 14.6% वोट शेयर रहा और इस साल दो विधायक जीते. बाकी के 6 कैंडीडेट सेकंड नंबर पर और 36 तीसरे नंबर पर रहे.
(राम किंकर सिंह की रिपोर्ट)