अपने सियासी करियर का पहला विधानसभा चुनाव लड़ने जा रहे उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के पास करीब डेढ़ करोड़ की संपत्ति है. हालांकि वो अपने पास महज 12 हजार रुपये की कीमत वाला मोबाइल फोन रखते हैं. योगी आदित्यनाथ ने आज यानी शुक्रवार को गोरखपुर शहर सीट से नामांकन किया. सीएम योगी ने अपने नामांकन पत्र में 1.54 करोड़ की संपत्ति की घोषणा की. हलफनामे में कोई कृषि या गैर कृषि जमीन और मकान का ब्योरा नहीं है. सीएम योगी ने अपने हलफनामे में संपत्ति और मुकदमे का भी विवरण दिया है.
सीएम योगी ने अपने हलफनामे में बताया कि उनके खिलाफ कोई भी लंबित आपराधिक मामला नहीं है. उनके पास वित्तीय बैंक और संस्थाओं से कोई कर्ज भी नहीं है. इससे पहले योगी आदित्यनाथ ने सीएम की कुर्सी संभालने के बाद जब विधान परिषद का चुनाव लड़ा था तब उन्होंने अपनी संपत्ति 95.98 लाख बताई थी. इस तरह बीते 5 साल में योगी आदित्यनाथ की संपत्ति करीब 56 लाख बढ़ गई है.
हथियार भी रखते हैं योगी आदित्यनाथ
सीएम योगी आदित्यनाथ के कान के 20 ग्राम के कुंडल की कीमत 49000 रुपये है. उनके सोने की चैन में रुद्राक्ष माला की कीमत 20000 रुपये है. उनके पास सैमसंग का एक मोबाइल है जिसकी कीमत 12000 रुपये है. योगी आदित्यनाथ के पास 1 लाख 80 हजार की 1 रिवॉल्वर और 1 रायफल भी है.
हलफनामे के मुताबिक, सीएम योगी के दिल्ली, लखनऊ और गोरखपुर में 6 जगहों पर अलग-अलग बैंकों में 11 अकाउंट्स हैं. इन बैंक खातों में 1 करोड़ 13 लाख 75 हजार रुपये से ज्यादा जमा हैं. योगी आदित्यनाथ के पास अपने नाम से कोई जमीन या घर नहीं है. हालांकि उनके पास नेशनल सेविंग स्कीम्स और बीमा पॉलिसियों के जरिए 37.57 लाख रुपये हैं.
नामांकन के वक्त गृह मंत्री अमित शाह रहे मौजूद
सीएम के नामांकन पत्र भरने के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह समेत बीजेपी के तमाम नेता मौजूद रहे. सीएम योगी ने नामांकन दाखिल करने के बाद कहा कि आज बीजेपी को जनता का आशीर्वाद मिल रहा है. उन्होंने कहा कि 2017 में 212 संकल्प लिए थे. 5 साल में यूपी में सुरक्षा, महिला कल्याण, किसान, रोजगार और गरीब कल्याण के काम हुए. योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बीजेपी राष्ट्रवाद, विकास और सुशासन के मुद्दे पर चुनाव में हैं. यूपी विधानसभा चुनाव के लिए 6 फरवरी को बीजेपी का लोक संकल्प पत्र जारी होगा.
सीएम ने कहा, 'पिछली सरकारों ने व्यवस्था को माफियाओं और गुंडों ने जकड़ा था. आज सुरक्षा का माहौल, बेटी बहन सुरक्षित, निवेश बढ़ा है. यूपी का पलायन रुका है और इसकी वजह है कि प्रदेश से माफिया का डर खत्म हो गया है. प्रदेश से व्यापारियों और युवाओं का पलायन रुका है. एक नया पलायन हुआ और पेशेवर अपराधी तथा माफियाओं को बाहर कर दिया गया है.'
गौरतलब है कि योगी आदित्यनाथ ने 1998 में गोरखपुर से पहला लोकसभा चुनाव लड़ा था. उस वक्त उनकी उम्र 26 साल थी. उसके बाद योगी आदित्यनाथ 1999, 2004, 2009 और 2014 में लोकसभा का चुनाव जीतकर सांसद बने. 2017 में उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने संसद सदस्य के तौर पर अपने पद से इस्तीफा दे दिया था और विधान परिषद का सदस्य चुने गए.