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योगी सरकार 2.0 में 22 मंत्रियों की आपराधिक पृष्ठभूमि, यूपी इलेक्शन वॉच ने खंगाला रिकॉर्ड

एडीआर और यूपी इलेक्शन वॉच के मुताबिक आपराधिक पृष्ठभूमि वाले 22 मंत्रियों ने से 20 के खिलाफ हत्या, जानलेवा हमला, अपहरण, फिरौती या बलात्कार और महिला उत्पीड़न जैसे गंभीर प्रकृति के आरोपों में एफआईआर दर्ज हैं.  

योगी सरकार 2.0 में 22 मंत्रियों की आपराधिक पृष्ठभूमि, यूपी इलेक्शन वॉच ने खंगाला रिकॉर्ड योगी सरकार 2.0 में 22 मंत्रियों की आपराधिक पृष्ठभूमि, यूपी इलेक्शन वॉच ने खंगाला रिकॉर्ड
हाइलाइट्स
  • 22 मंत्रियों की आपराधिक पृष्ठभूमि

  • 39 मंत्री हैं करोड़पति 

योगी सरकार की दूसरी पारी यानी उत्तर प्रदेश की नई सरकार के 53 में से 22 मंत्री अपराधिक रिकॉर्ड वाले हैं. मंत्री परिषद के 45 सदस्यों के हलफनामे एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स और यूपी इलेक्शन वॉच ने खंगाले तो ये रिकॉर्ड सामने आए.  

क्या कहती है एडीआर की रिपोर्ट?
एडीआर के मुताबिक विधान परिषद से मंत्रिमंडल के सदस्य संजय निषाद और जितिन प्रसाद के ताजा हलफनामे निर्वाचन आयोग के पास नहीं हैं. उनके अलावा जेपीएस राठौर, नरेंद्र कश्यप, दिनेश प्रताप सिंह दया शंकर मिश्र दयालु, जसवंत सैनी और दानिश अंसारी आजाद के हलफनामे उपलब्ध नहीं हैं क्योंकि ये लोग फिलहाल किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं.  

22 मंत्रियों की आपराधिक पृष्ठभूमि
एडीआर और यूपी इलेक्शन वॉच के मुताबिक आपराधिक पृष्ठभूमि वाले 22 मंत्रियों ने से 20 के खिलाफ हत्या, जानलेवा हमला, अपहरण, फिरौती या बलात्कार और महिला उत्पीड़न जैसे गंभीर प्रकृति के आरोपों में एफआईआर दर्ज हैं.  

39 मंत्री हैं करोड़पति 
विश्लेषण के रडार में आए 45 मंत्रियों में से 39 करोड़पति हैं. मंत्रिपरिषद के सदस्यों के पास संपत्ति का औसत 9 करोड़ रुपए है.  तिलोई से विधायक चुन कर मंत्रिमंडल में आए मयंकेश्वर शरण सिंह पौने 59 करोड़ रुपए की चल अचल संपदा और नकदी के साथ अव्वल नंबर पर हैं. 

धर्मवीर सिंह हैं सबसे गरीब विधान परिषद
मंत्रिपरिषद के सबसे गरीब सदस्य विधान परिषद के विधायक धर्मवीर सिंह हैं जिनके पास निजी संपत्ति के नाम पर कुल 42.91 लाख रुपए की संपदा है. सत्ताइस मंत्रियों ने अपनी देनदारी का जिक्र भी हलफनामे में किया है. इनमें भोगनीपुर के विधायक राकेश सचान पर 8 करोड़ 17 लाख रुपए की देनदारी है. 

इतने मंत्री हैं पढ़े-लिखे
53 में से जिन 45 मंत्रियों ने अपने चुनाव के नामांकन पत्र के साथ संलग्न किए थे उनमें से  36 स्नातक या पोस्ट ग्रेजुएट की डिग्री वाले हैं. जबकि नौ की शिक्षा 8 वीं से 12 वीं तक की है. हलफनामे के मुताबिक 20 मंत्री 20 से 50 साल के बीच की उम्र के हैं जबकि अधेड़ यानी 51 से 70 साल के बीच की अवस्था के 25 विधायक मंत्रिपरिषद के सदस्य बने हैं.