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Maharashtra Siyasi Kisse: जब Dawood Ibrahim करना चाहता था सरेंडर, फिर एक शर्त वजह से Sharad Pawar ने ठुकरा दिया प्रस्ताव, जानिए पूरा किस्सा

Maharashtra Assembly Election 2024: दाऊद इब्राहिम (Dawood Ibrahim) 1993 बम धमाके के प्रमुख अभियुक्तों (Mumbai Attack 1993) में से एक है. दाऊद इब्राहिम ने भारत में सरेंडर करने के लिए उस समय के महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री शरद पवार (Sharad Pawar) से संपर्क किया था. शरद पवार ने दाऊद की शर्त की वजह से प्रस्ताव को ठुकरा दिया था

Sharad Pawar Reject Dawood Ibrahim Proposal (Photo Credit: India Today) Sharad Pawar Reject Dawood Ibrahim Proposal (Photo Credit: India Today)
हाइलाइट्स
  • मुंबई में 1993 में बम धमाके हुए थे

  • दाऊद इब्राहिम मुंबई बम धमाकों का मुख्य आरोपी है

Maharashtra Assembly Election 2024: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव (Maharashtra Assembly Election 2024) में जोर आजमाइश शुरू हो चुकी है. नेता एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं. इसी बीच वंचित बहुजन आघाड़ी के अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर ने शरद पवार (Sharad Pawar) को लेकर एक बड़ा दावा किया है.

प्रकाश आंबेडकर ने कहा- 1988-1991 के दौरान शरद पवार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे. उस दौरान वह दुबई गए थे. दुबई में शरद पवार दाऊद इब्राहिम (Dawood Ibrahim) से मिले थे. 2015 में वकील राम जेठमलानी ने भी शरद पवार पर एक आरोप लगाया था. 

राम जेठमलानी ने बताया था कि दाऊद इब्राहिम सरेंडर करने के लिए तैयार था लेकिन शरद पवार इसके लिए तैयार नहीं हुए. क्या वाकई दाऊद इब्राहिम सरेंडर करने के लिए तैयार था? आइए इस किस्से के बारे में जानते हैं.

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1993 बम धमाके
साल 1993 में बम धमाकों (Mumbai Attack 1993) से पूरा मुंबई दहल गया था. आतंकवादियों ने मुंबई में अलग-अलग जगह पर बम धमाके किए थे. इस धमाके में 250 से ज्यादा लोगों की जान गई थी. इन हमलों की वजह से मुंबई रूक गया था. 

बम धमाके के समय शरद पवार नरसिम्हा राव की सरकार में केन्द्रीय मंत्री थे. उस समय सुधाकर राव महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे. मुंबई धमाकों से निपटने के लिए नरसिम्हा राव ने शरद पवार को महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनने को कहा. इसके बाद शरद पवार ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री की शपथ ली.

दाऊद का फोन
मुंबई बम धमाके के मामले में कई लोगों को गिरफ्तार किया गया. इसमें बॉलीवुड एक्टर संजय दत्त भी थे. दाऊद इब्राहिम बम धमाके का मुख्य आरोपी था. एक दिन राम जेठमलानी दाऊद का सरेंडर का प्रस्ताव लेकर शरद पवार के पास पहुंचे. इस पूरी घटना का जिक्र शरद पवार ने 'अपनी शर्तों पर' किताब में जिक्र किया है.

जेठमलानी ने मुख्यमंत्री शरद पवार को बताया कि दाऊद इब्राहिम भारत में सरेंडर करने और मुकदमे की कार्यवाही में शामिल होने के लिए तैयार है. दाऊद ने ये भी कहा कि मुंबई बम धमाकों में उसका कोई संबंध नहीं है.

क्या थी शर्त?
दाऊद इब्राहिम ने भारत में सरेंडर करने को एक शर्त रखी. दाऊद इब्राहिम चाहता था कि उसे जेल में न रखा जाए. उसे जेल की बजाय किसी घर में नजरबंद किया जाए. दाऊद का मानना था कि जेल में पुलिस उसको टॉर्चर करेगी. 

शरद पवार ने सारी बातें सुनने के बाद जेठमलानी से कहा- आपको कैसे पता कि फोन करने वाला शख्स दाऊद इब्राहिम ही था? शरद पवार ने कहा कि मैं इस बारे में पुलिस ऑफिसर्स और सरकार के दूसरे लोगों से बात करूंगा. इसके बाद ही कोई फैसला ले सकता हूं.

शरद पवार ने ठुकराया प्रस्ताव
शरद पवार ने इस बारे में सरकार के दूसरे लोगों से बात की. साथ ही कुछ पुलिस अधिकारियों से भी बात कही. सभी को दाऊद इब्राहिम की ये शर्त ना मानने वाली लगी. दाऊद इब्राहिम के खिलाफ वारंट जारी है. साथ ही इंटरपोल ने भी रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया है.

इस बारे में शरद पवार ने उस समय के प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव (P. V. Narasimha Rao) से भी बात की. उनको भी दाऊद इब्राहिम की शर्त सही नहीं लगी. सभी लोग इस प्रस्ताव के खिलाफ थे. अगर दाऊद इब्राहिम भारत आएगा तो उसे गिरफ्तार किया जाएगा. इसके बाद शरद पवार ने इस विषय पर कोई बात नहीं की.