
राजधानी में नई दिल्ली विधानसभा सीट सबसे वीवीआईपी और हॉट इसलिए है क्योंकि दिल्ली के मख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल वहीं से चुनाव लड़ रहे हैं. नई दिल्ली सीट पर कांग्रेस पार्टी की शीला दीक्षित ने 1998, 2003 और 2008 में लगातार तीन जीत हासिल कीं. उसके बाद 2013, 2015 और 2020 में हुए पिछले तीन चुनावों में अरविंद केजरीवाल इस सीट से जीतते आ रहे हैं. लगातार तीन बार नई दिल्ली सीट से जीत हासिल करने वाले दिल्ली के मुख्यमंत्री रहे केजरीवाल चौथी बार जीत के लिए लड़ रहे हैं. उनके सामने बीजेपी से प्रवेश वर्मा और कांग्रेस से संदीप दीक्षित होंगे.
इस बीच अमेरिका से लौटे मशहूर न्यूरोनैटोलॉजिस्ट डॉ. मुनीश रायजादा ने भी चुनावी मैदान में अपने ताल ठोक दिए हैं. डॉ. मुनीश ने अपनी एक नई पार्टी बनाई है और इसी पार्टी के बैनर तले चुनावी मैदान में उतरे हैं. वे नई दिल्ली सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. अन्ना आंदोलन से ही जुड़े रहे मुनीश आज फ्री इलाज तो करते ही हैं वे डस्टबिन चुनाव निशान के साथ झाड़ू को चुनौती भी दे रहे हैं.
अमेरिका से लौटकर बनाई भारतीय लिबरल पार्टी
भारतीय लिबरल पार्टी के बैनर तले ये नई एंट्री भले है लेकिन सियासी लड़ाई में आप, बीजेपी और कांग्रेस को बड़ी सियासी चुनौती दे रहे हैं. वीवीआईपी सीट पर ये नई पार्टियां नई दिल्ली सीट के मुकाबले को बेहद रोमांचक और त्रिकोणीय बना रहे. डॉ मुनीश ने दावा किया है कि वे आप पार्टी के साथ अन्ना आंदोलन के वक्त से जुड़े थे लेकिन आज आप भ्रष्टाचार से घिरी है. लिहाजा एंटी इंकमबेंसी का सियासी फायदा हमें मिलेगा. उन्होंने प्रवेश वर्मा के कैश फॉर वोट की निंदा की तो नई दिल्ली में 25 प्रतिशत वोट कटने को चुनाव आयोग का बड़ा कदम बताया.
सिविल डिफेंस वालंटियर्स ने बनाया जनहित दल
14 महीनों से सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स की बहाली के लिए विधेयक लाने और पारित करने में विफल होने पर सिविल डिफेंस वालंटियर्स जनहित दल ने बना लिया. जनहित दल ने इलियास खान मेव को टिकट दिया है. जो सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स संघर्ष एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं. मुस्लिम उम्मीदवार की एंट्री से इस सीट के समीकरण बदल गए हैं. नई दिल्ली विधानसभा सीट पर भाजपा ने प्रवेश वर्मा को उतार दिया है. इलियास खान मेव पिछले 8 महीनों से जनहित दल के साथ मिलकर सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स के अधिकारों की बहाली के लिए संघर्ष कर रहे हैं. इलियास खान की अगुवाई में ही जनहित दल की कानूनी टीम ने दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की है.
नई दिल्ली सीट के जातीय समीकरण
इस सीट पर 89.8% आबादी हिंदू, 4.5% मुस्लिम, 2.9% ईसाई, 2% सिख, 0.4% जैन और बाकी अन्य समुदाय के लोग हैं. सबसे ज्यादा ब्राह्मण वोटर फिर पंजाबी और खत्री समुदाय के वोटर्स की संख्या है. सीट पर नौकरीपेशा वोटर्स की संख्या भी ज्यादा है, जिसमें एक बड़ा वर्ग दलित वोटरों का है. भाजपा की नई दिल्ली सीट पर एकमात्र जीत 1993 में हुई थी. इसी साल इस सीट पर पहली बार चुनाव हुए थे. भाजपा के कुंवर सेन ने इस सीट पर उस वक्त जीत हासिल की थी.
-राम किंकर सिंह की रिपोर्ट