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Delhi Elections 2025: जहर वाले बयान मामले में अगर Arvind Kejriwal दोषी पाए जाते हैं तो क्या कार्रवाई कर सकता है Election Commission?

चुनाव आयोग अरविंद केजरीवाल के जवाब से संतुष्ट नहीं है. आयोग ने एक और नोटिस जारी किया है और पूर्व सीएम को 31 जनवरी सुबह 11 बजे तक अपना जवाब दाखिल करने का मौका दिया है. नोटिस में इस बात का जिक्र है कि अगर दोषी पाया जाता है तो 3 साल की सजा या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है.

Arvind Kejriwal Arvind Kejriwal

दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए 5 फरवरी को वोट डाले जाएंगे. चुनाव को लेकर सियासी दल जोरशोर से प्रचार में जुटे हैं. बयानबाजी भी खूब हो रही है. इसी तरह का एक बयान दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिया है. उन्होंने हरियाणा सरकार पर यमुना के पानी में जहर मिलाने का आरोप लगाया. इसपर खूब सियासी बयानबाजी हुई. बीजेपी और कांग्रेस चुनाव आयोग पहुंच गए. इस बयान को लेकर चुनाव आयोग एक्टिव हुआ और पूर्व सीएम केजरीवाल से सबूत मांग लिया.

अब सवाल उठता है कि अगर अरविंद केजरीवाल अपने लगाए गए आरोपों के समर्थन में सबूत नहीं दे पाए तो चुनाव आयोग उनके खिलाफ क्या कार्रवाई कर सकती है.

क्या हो सकती है कार्रवाई-
बीबीसी हिंदी की एक रिपोर्ट के मुताबिक देश के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने बताया कि आदर्श आाचार संहिता में कहा गया है कि कोई आधारहीन बात नहीं कर सकता है. अगर अरविंद केजरीवाल का बयान आधारहीन साबित हो जाती है तो चुनाव आयोग उनके चुनाव प्रचार नहीं करने देने जैसा बैन लगा सकता है.

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रिपोर्ट के मुताबिक वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े का मानना है कि अगर सबूत नहीं पाए गए तो आयोग अधिक से अधिक केजरीवाल को चुनाव प्रचार से रोक सकता है. इससे ज्यादा कुछ नहीं कर सकते.

बीजेपी ने की थी शिकायत-
अरविंद केजरीवाल के बयान के खिलाफ बीजेपी चुनाव आयोग पहुंच गई. बीजेपी की तरफ से हरियाणा के मुख्यमंत्री नायाब सिंह सैनी और केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने केजरीवाल की शिकायत की. बीजेपी ने आरोप लगाया कि केजरीवाल दिल्ली की राजनीति में जहर खोल रहे हैं. उन्होंने लोगों के मन में डर पैदा करने का काम किया है.

चुनाव आयोग का दोबारा नोटिस-
 इसके बाद चुनाव आयोग ने केजरीवाल को 29 जनवरी की रात 8 बजे तक अपना जवाब दाखिल करने को कहा था. अरविंद केजरीवाल की तरफ से जवाब भी दाखिल किया गया. लेकिन इससे चुनाव आयोग संतुष्ट नहीं है. चुनाव आयोग ने एक और नोटिस जारी किया है और 31 जनवरी 11 बजे तक अपना जवाब दाखिल करने का मौका दिया है. 

चुनाव आयोग का कहना है कि अगर वो हरियाणा सरकार के यमुना में पानी में जहर वाले आरोपों को सिद्ध नहीं कर पाते हैं तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सकती है. आयोग के नोटिस में साफ लिखा है कि अगर इस तरह की झूठी और अफवाह फैलाने वाले बयान जारी किए जाते हैं तो ऐसे मामले में आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है. जिसमें 3 साल तक की सजा या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है.

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