
दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे (Delhi Election Result) आ चुके हैं. दिल्ली में बीजेपी (BJP) ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है. 27 सालों के बाद दिल्ली में बीजेपी की वापसी हुई है. दिल्ली चुनाव में बीजेपी ने 48 सीटें हासिल की.
आम आदमी पार्टी (AAP) को इस बार करारी हार का सामना करना पड़ा. 2013 से दिल्ली की सत्ता में रही आप के खाते में सिर्फ 22 सीटें आईं. वहीं कांग्रेस (Congress) इस बार भी दिल्ली में खाता नहीं खोल पाई.
इसी दौरान दिल्ली चुनाव से जुड़ा एक चौंकाने वाला आंकड़ा सामने आया है. दिल्ली चुनाव में 80 फीसदी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई. कांग्रेस के सिर्फ 3 उम्मीदवार की जमानत बचा पाए.
क्या है जमानत जब्त?
चुनाव लड़ने से पहले सभी उम्मीदवारों को जमानत के रूप में पैसे जमा करने होते हैं. उसे जमानत राशि कहते हैं. जनरल कैटेगरी के प्रत्याशियों को जमानत के रूप में 10 हजार रुपए करने होते हैं.
एससी और एसटी वर्ग के उम्मीदवारों के बतौर जमानत 5 हजार रुपए जमा करने होते हैं. चुनाव में हर सीट पर एक उम्मीदवार की जीत होती है. अगर किसी प्रत्याशी को कुल वोटों के छठे हिस्से से भी कम वोट मिलते हैं तो उसकी जमानत जब्त हो जाती है.
555 प्रत्याशियों की जमानत जब्त
दिल्ली विधानसभा चुनाव 5 फरवरी को हुए थे. दिल्ली चुनाव में 699 उम्मीदवार मैदान में उतरे. 8 फरवरी को दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे आए. 699 उम्मीदवार में से 555 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई है.
दिल्ली चुनाव में सिर्फ 144 प्रत्याशी ही जमानत बचा पाए हैं. इसमें से 70 प्रत्याशियों की जीत हुई है और 74 उम्मीदवार हारने वाले हैं. जीतने वाले प्रत्याशियों में 48 उम्मीदवार बीजेपी के हैं और 22 कैंडिडेट आम आदमी पार्टी के हैं.
कांग्रेस के प्रत्याशियों का हाल
दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का हाल खराब रहा. कांग्रेस 15 साल दिल्ली की सत्ता में रह चुकी है. तीन विधानसभा चुनाव से कांग्रेस दिल्ली में एक भी सीट नहीं जीत पाई है. दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के 70 उम्मीदवार मैदान में थे.
चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, कांग्रेस के 70 उम्मीदवारों में से 67 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई. कांग्रेस के सिर्फ 3 उम्मीदवार ही जमानत बचा पाए. कांग्रेस के इन प्रत्याशियों में अभिषेक दत्त, रोहित चौधरी और देवेन्द्र यादव रहे.
बड़े महारथी फेल
दिल्ली चुनाव में कांग्रेस का एक ही उम्मीदवार अपनी सीट पर दूसरे नंबर पर रहा. कस्तूरबा नगर से अभिषेक दत्त दूसरे स्थान पर रहने वाले पार्टी के एकमात्र उम्मीदवार हैं. नांगलोई जाट से रोहित चौधरी और बादली से देवेंद्र यादव भी अपनी जमानत बचाने में कामयाब रहे.
दिल्ली विधानसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित भी चुनावी मैदान में थे. इसके अलावा अलका लंबा भी कालका जी से चुनाव लड़ रही थी. कांग्रेस के इन बड़े महारथियों की जमानतन जब्त हो गई है. दिल्ली चुनाव में कांग्रेस लगातार तीसरी बार खाता खोलने में नाकामयाब रही. हालांकि, इस बार आप की हार में कांग्रेस का भी बड़ा हाथ माना जा रहा है.