आम चुनाव से पहले दिल्ली के नए मेयर का चुनाव आम आदमी पार्टी और उसकी सहयोगी कांग्रेस के लिए एक बड़ी राजनीतिक परीक्षा से कम नहीं है. सवाल यह है कि लोकसभा चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन है. हालांकि दोनों दलों के बीच एमसीडी चुनाव के लिए गठबंधन नहीं है, लेकिन पार्टियों के करीबियों ने साफ तौर पर बताया है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद राजनीतिक स्थितियां बदल गई हैं. अब दोनों पार्टियों एक दूसरे से कंधे से कंधा मिलाकर चलेंगी.
एमसीडी चुनाव को लेकर के दोनों पार्टियों के बीच एक आम राय बन चुकी है, जिसके तहत गठबंधन पार्टी के साथ मजबूती से खड़ा होना है. कांग्रेस के पार्षद ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि एमसीडी में गठबंधन की बात पूरी हो चुकी है. दिल्ली मेयर के चुनाव को लेकर आने वाले वक्त में आधिकारिक तौर पर गठबंधन की घोषणा भी हो जाएगी.
गठबंधन से 9 पार्षदों वाले सदन में कांग्रेस का क्या नफा-नुकसान
एमसीडी में आम आदमी पार्टी का बहुमत है. मेयर, डिप्टी मेयर के चुनाव में 250 निर्वाचित पार्षद, 7 लोकसभा सांसद 3 राज्यसभा सदस्य और 14 विधायक वोट करते हैं. अलग से कांग्रेस के 9 पार्षदों का साथ मिलने से आप के पास अच्छा संख्या बल हो जाएगा. लेकिन आम आदमी पार्टी की नजर मेयर नहीं स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव पर है. जिसमें कांग्रेस के पार्षदों का वोट करना ही तय करेगा कि कमेटी का चेयरमैन आम आदमी पार्टी का होगा या बीजेपी का.
दरअसल, नॉमिनेटेड पार्षदों के वोट को जोड़ने पर बीजेपी की भी दावेदारी चेयरमैन के लिए हो जाती है, क्योंकि 12 में से 7 जोन में आप का बहुमत है तो 6 में बीजेपी का. लिहाजा कांग्रेस पार्षदों पर आप और बीजेपी दोनों की नजर है. राजधानी में बदलती राजनीतिक परिस्थितियों में कांग्रेस के गठबंधन पार्टनर के साथ जाना ही फायदे का सौदा लगता है. हालांकि बीजेपी ने चुप्पी साध रखी है और अपने पत्ते नहीं खोल रही है. कांग्रेस के एक पार्षद ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि कमेटी चेयरमैन, जोन चेयरमैन, स्टैंडिंग कमेटी मेंबर, जोन में डिप्टी चेयरमैन और पार्षदों को विभिन्न कमेटियों में जगह मिलने की बिनाह पर गठबंधन चलेगा.
एमसीडी में आप और बीजेपी की स्थिति
आम आदमी पार्टी: 134 सदस्य, 1 निर्दलीय, 3 एमपी, 13 विधायक
बीजेपी:104 सदस्य, 1 निर्दलीय, 7 सांसद, 1 विधायक, 10 मनोनीत सदस्य.
कांग्रेस: 9 सदस्य
आंकड़े से साफ हैं कि मेयर चुनाव में बहुमत आम आदमी के पास है. लेकिन केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद हर पार्टी सतर्क है, भाजपा की भी अपने पार्षदों पर नजर है. आप और कांग्रेस पार्टी अपने-अपने पार्षदों पर नजर रख रही है.
(राम किंकर सिंह की रिपोर्ट)