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Delhi Mayor Election: ED की कस्टडी में हैं CM केजरीवाल, कैसे होगा मेयर चुनाव? कोड ऑफ कंडक्ट के चलते लेनी पड़ेगी स्पेशल परमिशन

Delhi Mayor: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए देशभर में आचार संहिता लागू है. ऐसे में दिल्ली में मेयर चुनाव के लिए उपराज्यपाल से स्पेशल परमिशन लेने पड़ेगी. दिल्ली में कोड ऑफ कंडक्ट में दूसरी बार मेयर इलेक्शन होगा. इससे पहले साल 2019 में एलजी से स्पेशल परमिशन के बाद मेयर इलेक्शन हुआ था.

Delhi Mayor Shelly Oberoi speaks as opposition councillors protest inside the Municipal Corporation of Delhi during the special meeting on the revised Budget Estimates 2023-24. (PTI) Delhi Mayor Shelly Oberoi speaks as opposition councillors protest inside the Municipal Corporation of Delhi during the special meeting on the revised Budget Estimates 2023-24. (PTI)

दिल्ली नगर निगम के मेयर का कार्यकाल 31 मार्च को खत्म हो जाता है. इसके बाद नए मेयर के चुनाव के लिए प्रक्रिया शुरू हो जाती है, लेकिन आम चुनाव 2024 के लिए आचार संहिता लागू होने की वजह से मौजूदा मेयर शैली ओबेरॉय को नए मेयर के चुनाव के लिए स्पेशल परमिशन लेनी पड़ेगी. निगम के सूत्रों का कहना है कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन की पहली रैली रामलीला मैदान में खत्म होने के बाद अब मेयर चुनाव के लिए बैठकों का दौर चल रहा है. पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि 15 से 20 अप्रैल के बीच नए मेयर के चुनाव हो सकता है.

LG से लेनी होंगी परमिशन-
31 मार्च को मौजूदा मेयर डॉक्टर शैली ओबेरॉय का कार्यकाल खत्म हो रहा है. मौजूदा मेयर डॉक्टर शैली ओबेरॉय नए मेयर के चुनाव की घोषणा करेंगी. फिर फाइल LG ऑफिस जाएगी. वहां से स्पेशल परमिशन मिलने पर मेयर का चुनाव होगा. मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव होगा. इलेक्शन के नोटिफिकेशन के साथ ही गहमागहमी शुरू होगी. नये मेयर चुनाव का नोटिफिकेशन मौजूदा मेयर के जरिए ही जारी होता है.

कोड ऑफ कंडक्ट में दूसरी बार होगा मेयर चुनाव-
साल 2019 में भी मेयर के चुनाव के लिए स्पेशल परमिशन लेनी पड़ी थी. उस समय भी लोकसभा चुनाव की अधिसूचना जारी हो चुकी थी. इसके बाद एलजी से स्पेशल परमिशन लेना पड़ा था. उसके बाद ही चुनाव हुआ था. डीएमसी एक्ट के मुताबिक नए मेयर का चुनाव 31 मार्च तक हो जाना चाहिए.

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AAP और कांग्रेस गठबंधन की अग्नि परीक्षा-
वैसे तो लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन हुआ है. लेकिन आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल की कस्टडी और पार्टी में अप्रत्याशित स्थिति के चलते गठबंधन की भी परीक्षा होगी. 

दिल्ली नगर निगम सदन में कुल मिलाकर ढाई सौ सदस्य हैं. आम आदमी पार्टी के 134 पार्षद हैं. बीजेपी के पास 104 पार्षद हैं. बीजेपी को एक निर्दलीय पार्षद का भी समर्थन है. इस तरह से बीजेपी को सदन में 105 सदस्यों का समर्थन है. जबकि कांग्रेस के पास सिर्फ 9 सदस्य हैं. इसके अलावा सदन में दो निर्दलीय पार्षद भी हैं.

दिल्ली नगर निगम एक्ट के मुताबिक पहली बार महिला मेयर होती है, यही वजह है कि डॉक्टर शैली ओबेरॉय को आम आदमी पार्टी ने मेयर बनाया. दूसरी बार जनरल कैंडिडेट होता है. लेकिन इस बार भी महिला मेयर के तौर पर शैली ओबेरॉय को रिपीट किया गया है. तीसरे साल मेयर एससी समुदाय के लिए रिजर्व है. अब देखना यह है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल किस नाम पर मोहर लगाते हैं. मौजूदा मेयर शैली ओबेरॉय हैं. जबकि डिप्टी मेयर आले मोहम्मद इकबाल हैं. देखना यह होगा कि डिप्टी मेयर को लेकर भी पार्टी फैसला लेती है या फिर रिपीट करती है.

(दिल्ली से राम किंकर सिंह की रिपोर्ट)

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