लोकसभा चुनाव की तिथियों का एलान होते ही बड़े पैमाने पर पोलिंग ऑफिसर की ड्यूटी लगाई जाती है. इनमें ज्यादातर टीचरों की ड्यूटी लगाई जाती है. उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के कुछ शिक्षकों ने अपनी चुनाव में लगी ड्यूटी कटवाने के लिए अजब-गजब के बहाने लेकर सीडीओ दफ्तर के चक्कर काट रहे हैं.
अधिकांश ने ड्यूटी न करने की वजह बीमारी को बताया है. इसको लेकर DM के निर्देश पर CDO ने मेडिकल बोर्ड का गठन कर दिया है. इस दौरान एक टीचर हाथ में प्लास्टर लगाए पहुंच गए. जब मेडिकल टीम ने चेक किया तो गुरु जी का हाथ बिल्कुल सही पाया गया. कोई फेक्चर या किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं मिली. इसी प्रकार एक टीचर यह बहाना लेकर पहुंच गए कि उन्हें आंखों से कम दिखाई देता है. इसलिए वह ड्यूटी नहीं करना चाहते. इस पर डीडीओ ने पूछा कि पढ़ाते कैसे हैं तो गुरु जी ने बताया कि पहले छात्र बोलते हैं उसके बाद वह आगे पढ़ाते हैं. इस पर जिला विकास अधिकारी ने फटकार लगाते हुए उन्हें वापस जाकर ड्यूटी करने का निर्देश दिया.
गौरतलब है कि देवरिया जनपद में एक जून को चुनाव होना है. यहां मतदान खत्म कराने के लिए पीठासीन, प्रथम मतदान अधिकारी समेत अन्य मतदान कार्मिकों की ड्यूटी लगाई गई है. इसलिए कोई जनप्रतिनिधि की सिफारिश लेकर पहुंच रहा है तो कोई बड़े अधिकारी का. इसको देखते हुए जिला निर्वाचन अधिकारी ने मेडिकल बोर्ड का गठन किया है.
मुख्य विकास अधिकारी प्रत्यूष पांडेय ने बताया कि गांधी सभागार में मेडिकल टीम एक सप्ताह तक रोजाना दिन में बैठती थी और बीमारी वजह बताने वाले कर्मियों की जांच करती थी. इसमें 268 आवेदन लेकर कर्मी प्रस्तुत हुए जिसमें 155 अनफिट पाए गए बाकी सभी सही थे. एक अधिकारी तो ड्यूटी कटवाने के लिए फर्जी तरीके से हाथ में प्लास्टर लगाकर पहुंचे थे. फिलहाल इन्हें सख्त हिदायत देकर भेज दिया गया है.
आपको बता दें कि जनपद में 1575 मतदान केंद्र व 2514 बूथ बनाया गया है और हर बूथ पर पीठासीन अधिकारी समेत 4 मतदान कार्मिक की ड्यूटी लगाई गई है. लगभग 10,015 6 कार्मिकों की ड्यूटी लगाई गई है. इसके अलावा दस प्रतिशत रिजर्व भी रखा गया है.
-राम प्रताप सिंह की रिपोर्ट