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UP Election 2022: एक ही सीट से लड़ेंगे बाप और बेटे, बीजेपी के विधायक के खिलाफ सपा ने बाप को बनाया उम्मीदवार

समाजवादी पार्टी ने आजमगढ़ जिले की 10 में से 7 सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं. गुरुवार को हुई घोषणा के बाद तमाम दावेदारों के दावों पर विराम लग गया है. रमाकांत यादव पांचवी बार और सपा से दूसरी बार  फूलपुर से विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे जबकि इस सीट से इनके सगे बेटे भाजपा की ओर से विधायक हैं. अब इस बात की चर्चा जोरों पर है कि भारतीय जनता पार्टी की एकमात्र सीट पर भी समाजवादी पार्टी ने बाप बेटे को सामने कर इस सीट पर भी घमासान छेड़ दी है. 

अरुण कांत यादव और रमाकांत यादव अरुण कांत यादव और रमाकांत यादव
हाइलाइट्स
  • घर पर बढ़ी चहल-पहल 

  • दोनों ने की अपनी जिम्मेदारी निभाने की बात 

एक ही परिवार के दो सदस्यों के विरोधी पार्टियों में होने की बात कोई नई नहीं है लेकिन आजमगढ़ जिले के फूलपुर से एक ऐसा वाकया सामने आ रहा है जिसने बाप-बेटे के रिश्ते को ऐसे मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया है जहां एक की जीत दूसरे के हार से ही मिल सकती है. समाजवादी पार्टी ने आजमगढ़ जिले की 10 में से 7 सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं. गुरुवार को हुई घोषणा के बाद तमाम दावेदारों के दावों पर विराम लग गया है. रमाकांत यादव पांचवी बार और सपा से दूसरी बार  फूलपुर से विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे जबकि इस सीट से इनके सगे बेटे भाजपा की ओर से विधायक हैं. अब इस बात की चर्चा जोरों पर है कि भारतीय जनता पार्टी की एकमात्र सीट पर भी समाजवादी पार्टी ने बाप बेटे को सामने कर इस सीट पर भी घमासान छेड़ दी है. 

घर पर बढ़ी चहल-पहल 

रमाकांत यादव के सपा से प्रत्याशी घोषित होते ही फूलपुर तहसील के अंबारी बाजार स्थित उनके घर पर चहल-पहल बढ़ गई. काफी संख्या में क्षेत्रीय लोग उनके आवास पर पहुंचकर बधाई देने में लगे रहे. लगातार फोन से भी लोगों ने बधाई दी. रमाकांत यादव के फूलपुर पवई से चुनाव लड़ने की सूचना पर उनके समर्थक एक दूसरे से चर्चा करते भी दिखाई दिए. अरुण कांत यादव बीजेपी से विधायक हैं. इस सीट से दोबारा उन्हें ही टिकट मिलने की चर्चा क्षेत्र में चल रही है. फूलपुर पवई की लड़ाई दिलचस्प होती चली जा रही है. दो विरोधी दलों की रणनीति एक ही कैम्पस में होनी तय मानी जा रही है. 

दोनों ने की अपनी जिम्मेदारी निभाने की बात 

 सपा से घोषित प्रत्याशी और पूर्व सांसद रमाकांत यादव कहते हैं, “सपा मुखिया अखिलेश यादव ने हमारे ऊपर विश्वास करके फूलपुर पवई से  टिकट दिया है. इसलिए हमारी नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि मैं फूलपुर पवई विधान सभा की सीट जीतकर उनके विश्वास पर खरा उतरूं जहां तक पुत्र के खिलाफ चुनाव लड़ने की बात है तो यह बाप-बेटे की आपस की बातें हैं इसे हम लोग समझ लेंगे. इस पर मेरी कोई टिप्पणी नहीं रहेगी”.
तो वहीं पिता एवं पुत्र के आमने-सामने आने की स्थिति में वर्तमान विधायक अरुण कांत यादव कहते है कि भाजपा में था और रहूंगा, जो जिम्मेदारी पार्टी देगी उसका निर्वहन करेंगे. चुनावी लड़ाई कोई तलवार से नहीं लड़नी है, विचारों की लड़ाई है. हमारे लिए चुनौती है और एक पिता के सामने आत्मनिर्भर बनने का मौका है जिसका मैं बखूबी निर्वहन करूंगा.