
जब भी चुनाव होते हैं और चुनाव का नतीजा आता है. तो अकसर वोटिंग मशीन और स्ट्रॉन्ग रूम को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया जाता है. ऐसा केवल उन्हीं के द्वारा होता है, जो हार का स्वाद चखते हैं. वहीं जब इस तरह के सवाल वोटरों के इर्द-गिर्द घूमने लगते हैं तो वोटरों के बीच भी डिबेट का एक दौर हो जाता है.
5 फरवरी 2025 को दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़े गए थे. जिनका रिजल्ट 8 फरवरी 2025 को आएगा. यह वही दिन है जिस दिन पता चलेगा कि अगले 5 साल तक दिल्ली सरकार के तख्त पर कौन काबिज रहने वाला है. लेकिन स्ट्रॉन्ग रूम में रखी गई वोटिंग मशीनों पर कोई सवाल ना खड़े कर दे इसलिए इस बार कुछ विशेष इंतजाम किए गए हैं.
राजधानी की 19 जगहों पर हर एक विधानसभा क्षेत्र के लिए कुल 70 स्ट्रॉन्ग रूम बनाए गए हैं. चुनाव आयोग के मुताबिक मतदान किए गए ईवीएम और वीवीपैट की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ECI सुरक्षा प्रोटोकॉल के अनुसार सभी जरूरी व्यवस्थाएं की गई हैं. इस बार 7 बिंदुओं को ध्यान में रख कर एक सुरक्षा घेरा बनाया गया है.
क्या है सुरक्षा घेरे में शामिल
उम्मीदवार के प्रतिनिधि कर सकेंगे निगरानी
दिल्ली की मुख्य चुनाव अधिकारी एलिस वाज़ ने बताया कि चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के एजेंटों/प्रतिनिधियों को सीसीटीवी फीड के माध्यम से चौबीसों घंटे इन स्ट्रॉन्ग रूम की सुरक्षा व्यवस्था की बारीकी से निगरानी करने की अनुमति है.
स्ट्रॉन्ग रूम के स्थानों पर उनके आरामदायक रहने के लिए उचित व्यवस्था की जाती है, जहां सीसीटीवी फीड मॉनिटर पर दिखते रहते हैं. प्रतिनिधियों को सुरक्षा उपायों का निरीक्षण करने, सत्यापित करने और आश्वस्त होने के लिए समय-समय पर बैचों में आंतरिक परिधि तक पहुंचने की अनुमति भी दी जाती है.
मतगणना प्रक्रिया के लिए व्यवस्था
सुचारू और निष्पक्ष मतगणना प्रक्रिया के लिए सभी व्यवस्थाएं की गई हैं. मतगणना पर्यवेक्षकों, मतगणना सहायकों, माइक्रो ऑब्जर्वर, सांख्यिकी कर्मचारियों और अन्य सहायक कर्मियों सहित लगभग 5,000 कर्मचारियों को मतगणना प्रक्रिया के लिए तैनात और प्रशिक्षित किया गया है. उन्होंने यह भी बताया कि प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 5 वीवीपीएटी की मतदाता पर्ची की गिनती रैंडम रूप से की जाएगी.