गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के लिए आज वोट डाले जाएंगे. आज पहले चरण में 89 सीटों पर मतदान होगा. जिस में 788 प्रत्याशियों का भविष्य ईवीएम मशीन में बंद होगा. जिस में 70 महिला उम्मीदवार हैं, जब की 718 पुरुष उम्मीदवार हैं. गुजरात के पहले चरण में 19 जिलों की 89 विधानसभा सीटों पर मतदान के लिए 25,393 पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं. पहले चरण के लिए कुल मतदाता 2,39,56,817 हैं, जिसमें 1,24,22,518 पुरुष और 1,15,33,797 महिलाएं हैं. इसके अलावा 503 मतदाता थर्ड जेंडर के भी है. यही मतदाता गुरुवार को 788 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे.
2017 में सौराष्ट्र की इन सीटों पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर हुई थी, लेकिन इस बार सियासी हालात बदले हुए हैं. कांग्रेस और बीजेपी के अलावा आम आदमी पार्टी भी मैदान में है और मुकाबला त्रिकोणीय माना जा रहा है. ऐसे में देखना है कि बीजेपी और कांग्रेस क्या अपना पुराना प्रदर्शन दोहरा पाती हैं?
पहले चरण में कांग्रेस-बीजेपी-AAP
गुजरात चुनाव के पहले चरण की 89 सीटों पर कुल 788 उम्मीदवार मैदान में हैं. 70 महिलाएं उम्मीदवार और 339 निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं. बीजेपी और कांग्रेस ने सभी 89 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं जबकि आम आदमी पार्टी ने 88, बसपा ने 57 और असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन से 6 उम्मीदवार मैदान में है. इसके अलावा सपा यहां एक सीट पर निर्दलीय कैंडिडेट को समर्थन कर रही है तो बीटीपी ने भी अपने प्रत्याशी उतार रखे हैं.
19 जिलों की 89 सीटों पर वोटिंग
पहले चरण में गुजरात के 19 जिलों की 89 सीटों पर वोट डाले जाएंगे. जिसमें सौराष्ट्र-कच्छ और दक्षिण गुजरात के इलाके की सीटें हैं. दक्षिण गुजरात के सात जिले की 35 सीटें हैं, तो सौराष्ट्र-कच्छ के 12 जिले की 54 सीटों हैं. राजकोट, सुरेंद्रनगर, कच्छ, मोरबी, जामनगर, देवभूमि द्वारका, पोरबंदर, जूनागढ़, गिर सोमनाथ, अमरेली, भावनगर, बोटाद, नर्मदा, भरूच, सूरत, तापी, डांग्स, नवसारी, और वलसाड जिले की सीटों पर एक दिसंबर को वोट डाले जाएंगे. 2017 के चुनाव में इन सीटों पर 68 फीसदी वोटिंग हुई थी. गुजरात में सौराष्ट्र-कच्छ के इलाके में ही बीजेपी पर कांग्रेस भारी पड़ी थी, जबकि दक्षिण गुजरात में बीजेपी ने क्लीन स्वीप किया था.
क्या था पिछले चुनावों का समीकरण?
पहले चरण की जिन 89 सीटों पर चुनाव हो रहे हैं, 2017 के चुनावी नतीजे को देखें तो बीजेपी ने 48 सीटें जीती थी, तो कांग्रेस को 39, बीटीपी को 2 और एनसीपी को एक सीट मिली थी. इस तरह से बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही दलों के लिए अपनी-अपनी सीटें बचाए रखना चुनौती है, जबकि आम आदमी पार्टी के पास खोने के लिए कुछ नहीं है. वहीं, क्षेत्रीय आधार पर देखते हैं तो सौराष्ट्र-कच्छ इलाके में 54 सीटें आती है, जहां पर 65 फीसदी वोटिंग हुई थी. कांग्रेस को 31 सीटें मिली थी तो बीजेपी को 23 और अन्य दलों को 1 सीटें मिली थी. दक्षिण गुजरात इलाके में 35 सीटें आती हैं, जहां पर 2017 में 70 फीसदी वोटिंग हुई थी. दक्षिण गुजरात में बीजेपी को 27 सीटें मिली थी तो कांग्रेस को आठ सीटों से संतोष करना पड़ा था. 2017 में चुनाव में बीजेपी का सबसे खराब प्रदर्शन सौराष्ट्र के इलाके में रहा था. पहले चरण की 19 जिलों में से बीजेपी 7 जिलों में खाता नहीं खोल सकी थी.
अमरेली, नर्मदा, डांग्स, तापी, अरावली, मोरबी और गिर सोमनाथ जिले में बीजेपी को एक सीट नहीं मिली थी. अमरेली में कुल पांच, गिर सोमनाथ में चार, अरावली और मोरबी में तीन-तीन, नर्मदा और तापी में दो-दो और डांग में एक सीट है. इन सभी जगह कांग्रेस को जीत मिली थी. सुरेंद्रनगर, जूनागढ़ और जामनगर में कांग्रेस ने बीजेपी से ज्यादा सीटें जीती थी. सुरेंद्रनगर जिले की पांच में से चार, जूनागढ़ जिले की पांच से चार और जामनगर जिले की पांच में से तीन सीटें कांग्रेस जीती थी.
बीजेपी के टिकट से मैदान में उतरे विपक्षी विधायक
2017 के विधानसभा चुनाव में सौराष्ट्र-कच्छ इलाके से जीते हुई कांग्रेस के कई विधायकों ने बीजेपी के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे हैं. विसावदार से हर्षद रीबदिया, ध्रांगधरा से परसोतम सबरिया, जसदान से कुंवरजी बावलिया, जामनगर से वल्लभ धाराविया, मानवदार से जवाहर चावड़ा, तलाला से भगवान बरद, धारी से जेवी काकड़िया हैं. ऐसे में देखना है कि दलबदलुओं के सहारे बीजेपी क्या कांग्रेस को सौराष्ट्र में चुनौती दे पाएगी?