Jammu & Kashmir Results: जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) में इस बार किसकी सरकार बनेगी? 8 अक्टूबर 2024 को काउंटिंग होने के बाद स्थिति साफ हो गई है. जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए 90 सीटों पर हुए मतगणना में कांग्रेस (Congress)-नेशनल कॉन्फ्रेंस (National Conference) गठबंधन को बहुमत मिला है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) को जीतनी सीटों पर जीत दर्ज करने की उम्मीद थी, वह उससे काफी पीछे छूट गई है.
इस चुनाव में महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी का लगभग सूपड़ा साफ हो गया है. नेशनल कॉन्फ्रेंस को सबसे अधिक 42 सीटों पर जीत मिली है. उसके बाद बीजेपी ने 29 सीटों पर विजय हासिल की है. कांग्रेस को 6 और पीडीपी को 3 सीटों पर जीत मिली है. जेपीसी को एक, सीपीआई (एम) को एक, आप को एक सीट पर जीत मिली है. सात निर्दलीय उम्मीदवार जीतने में सफल हुए हैं. आइए जम्मू-कश्मीर की वीआईपी (VIP) सीटों का हाल जानते हैं.
उमर अब्दुल्ला ने दोनों सीटों से मारी बाजी
नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) ने इस बार दो सीटों से अपनी किस्मत आजमाई थी. उन्होंने बडगाम और गांदरबल सीट से चुनाव लड़ा था. उमर अब्दुल्ला ने बडगाम सीट से ऐतिहासिक जीत दर्ज की है. उन्होंने पीडीपी के आगा सैय्यद मुंतजिर मेहदी को 18485 वोटों से हराया.
उमर अब्दुल्ला को 36010 वोट मिले जबकि उनके प्रतिद्वंदी आगा सैय्यद मुंतजिर मेहदी को 17525 वोट मिले. उमर अब्दुल्ला ने गांदरबल सीट से भी जीत दर्ज की है. उन्होंने पीडीपी के उम्मीदवार बशीर अहमद मीर को 10574 मतों के अंतर से हराया है. उमर अब्दुल्ला को जहां 32727 वोट मिले वहीं 22153 मतों के साथ दूसरे स्थान पर बशीर अहमद मीर रहे.
महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा बोलीं- जनता का फैसला मंजूर
पीडीपी की अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) की बेटी इल्तिजा मुफ्ती (Iltija Mufti) श्रीगुफवारा-बिजबेहरा विधानसभा सीट से हार गई हैं. इल्तिजा मुफ्ती को नेशनल कॉन्फ्रेंस के उम्मीदवार बशीर अहमद शाह ने 9770 वोटों से हराया है. बशीर अहमद शाह को जहां 33299 वोट मिले तो वहीं इल्तिजा को 23529 मतों से संतोष करना पड़ा. बीजेपी उम्मीदवार सोफी यूसुफ 3716 मतों के साथ तीसरे स्थान पर रहे.
शुरू से ही पीछे चल रही इल्तिजा ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर एक पोस्ट किया है. उन्होंने लिखा,'मैं जनता के फैसले को स्वीकार करती हूं. बिजबेहरा में सभी से मुझे जो प्यार और स्नेह मिला है, वह हमेशा मेरे साथ रहेगा. इस पूरे अभियान के दौरान इतनी मेहनत करने वाले मेरे पीडीपी कार्यकर्ताओं का आभार. श्रीगुफवारा-बिजबेहरा सीट 1999 से पीडीपी का गढ़ रही थी. पिछले 25 सालों से इस सीट पर मुफ्ती परिवार का बोलबाला रहा है. यहां से मुफ्ती मोहम्मद सईद और महबूबा मुफ्ती भी चुनाव जीत चुकी हैं.
नौशेरा सीट पर बीजेपी को झटका
नौशेरा सीट पर बीजेपी को जोरदार झटका लगा है. जम्मू-कश्मीर बीजेपी के अध्यक्ष और पूर्व विधायक रविंद्र रैना नौशेरा सीट से चुनाव हार गए हैं. उन्हें नेशनल कॉन्फ्रेंस के सुरिंदर कुमार चौधरी ने 7 हजार 819 वोटों से हरा दिया. रविंद्र रैना को जहां 27250 वोटों से संतोष करना पड़ा तो वहीं सुरिंदर चौधरी को 35069 मत प्राप्त हुए. आपको मालूम हो कि रविंद्र रैना बीजेपी का हिंदूत्ववादी चेहरा माने जाते हैं. जम्मू की राजौरी जिले की इस सीट पर हिंदू, मुस्लिम और सिख वोटर्स हैं.
ये जिला पाकिस्तान की सीमा से सटा है. ऐसे में यहां बीजेपी के रविंद्र रैना की कड़ी पकड़ मानी जाती है. इसके बावजूद उनके चुनाव हारने बीजेपी को बड़ा झटका लगा है. चुनाव से पहले हुए सर्वे में वे उमर अब्दुल्ला के बाद दूसरे सबसे लोकप्रिय चेहरा थे. माना जा रहा है कि हिंदू मतों का बंटवारा होने से रैना को हार मिली है क्योंकि इस सीट से नेशनल कॉन्फ्रेंस के सुरिंदर शर्मा के अलावा निर्दलीय उम्मीदवार शिव देव शर्मा, बीएसपी के मनोहर सिंह मैदान में थे
श्री माता वैष्णो देवी सीट से बीजेपी उम्मीदवार विजयी
बदरीनाथ और अयोध्या में हारने के बाद बीजेपी ने श्रीमाता वैष्णो देवी विधानसभा सीट से जीत हासिल कर ली है. इस सीट से बीजेपी के उम्मीदवार बलदेव राज शर्मा विजयी हुए हैं. उन्हें 18199 वोट मिले हैं. इस सीट पर दूसरे स्थान पर निर्दलीय जुगल किशोर रहे. उन्हें 16204 वोट मिले हैं. कांग्रेस प्रत्याशी भूपेंद्र सिंह 5655 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे.
श्री माता वैष्णो देवी सीट काफी अहम मानी जा रही थी. परिसीमन के बाद 2022 में यह सीट अस्तित्व में आई थी. आपको मालूम हो कि जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 के तहत कई नई विधानसभा सीटों का निर्माण किया गया था, जिनमें श्री माता वैष्णो देवी सीट भी शामिल थी. यह सीट विशेष रूप से इसलिए चर्चा में रही है क्योंकि इसका नाम रियासी स्थित प्रसिद्ध तीर्थस्थल माता वैष्णो देवी मंदिर के नाम पर रखा गया.
उधमपुर पूर्व से जीते बीजेपी प्रत्याशी रणबी सिंह पठानिया
उधमपुर पूर्व विधानसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी रणबीर सिंह पठानिया को जीत मिली है. रणबीर को 32996 वोट मिले. वह 2349 मर्जिन से जीते हैं. दूसरे नंबर पर निर्दलीय प्रत्याशी पवन खजुरिया रहे, जिन्हें 30647 वोट मिले. तीसरे नंबर पर नेशनल पैंथर्स पार्टी के बलवान सिंह रहे. एनसी प्रत्याशी सुनील वर्मा 4495 वोटों के साथ चौथे नंबर पर रहे.
गुरेज से नेशनल कॉफ्रेंस प्रत्याशी नजीर अहमद खान विजयी
गुरेज विधानसभा सीट से जम्मू एंड कश्मीर नेशनल कॉफ्रेंस प्रत्याशी नजीर अहमद खान चुनाव जीत गए हैं. नजीर को कुल 8378 वोट मिले. वह 1132 मर्जिन से चुनात जीत गए हैं. दूसरे नंबर पर बीजेपी प्रत्याशी फकीर मोहम्मद खान रहे, जिन्हें 7246 वोट मिले. डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के निसार अहमद लोन 1966 वोटों के साथ तीसरे नंबर पर रहे. चौथे नंबर पर नोटा को 150 वोट मिले.
बसोहली सीट से बीजेपी को जीत
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में बसोहली विधानसभा सीट से बीजेपी को जीत मिली है. 8 राउंड में इस सीट की काउंटिंग की गई. बीजेपी प्रत्याशी दर्शन कुमार को 31874 वोट मिले. वहीं दूसरे नंबर पर कांग्रेस प्रत्याशी चौधरी लाल सिंह रहे, जिन्हें 15840 वोट मिले. तीसरे नंबर पर बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी पंकज कुमार रहे.
धारा 370 हटने के बाद पहली बार चुनाव
आपको मालूम हो कि 1 अक्टूबर 2024 को 90 विधानसभा सीटों पर आखिरी चरण का मतदान पूरा हुआ था. इससे पहले 18 सितंबर को पहले चरण और 25 सितंबर को दूसरे चरण का मतदान हुआ था. यह विधानसभा चुनाव इसलिए भी खास है क्योंकि धारा 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में पहली बार विधानसभा चुनाव हुए हैं. धारा 370 के हटने के बाद से जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक हालात में बड़े बदलाव देखे गए हैं और अब इस चुनाव के नतीजे इस नए राजनीतिक दौर की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएंगे.
2014 में क्या रहे थे नतीजे
जम्मू-कश्मीर में इससे पहले साल 2014 में विधानसभा चुनाव हुए थे. उस समय की कुल 87 विधानसभा सीटों में से पीडीपी ने 28, बीजेपी ने 25, नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 15 और कांग्रेस ने 12 सीटों पर जीत दर्ज की थी. बीजेपी और पीडीपी ने गठबंधन कर सरकार बनाई थी. मुफ्ती मोहम्मद सईद मुख्यमंत्री बने थे. मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन के बाद करीब चार महीने तक राज्यपाल शासन लागू रहा. इसके बाद मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी महबूबा मुफ्ती मुख्यमंत्री बनीं. हालांकि ये गठबंधन ज्यादा दिनों तक नहीं चला. 19 जून 2018 को बीजेपी ने पीडीपी से गठबंधन तोड़ लिया था. इसके बाद राज्य में राज्यपाल शासन लागू हो गया. अभी जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लागू है.