गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है. बीजेपी की इस बड़ी जीत के कई मायने हैं. बीजेपी की इस जीत से पीएम मोदी का कद को और भी बड़ा हो गया है. सूबे में बीजेपी को अजेय हो गई है. बीजेपी इस जीत के साथ पश्चिम बंगाल में सीपीएम के 34 साल के रिकॉर्ड शासन के करीब पहुंच जाएगी. पीएम मोदी के गृह सूबे में बीजेपी की ऐतिहासिक जीत के पीछे आम आदमी पार्टी का बेहतरीन प्रदर्शन भी जिम्मेदार है. सूबे में AAP का प्रदर्शन जितना अच्छा होता गया, बीजेपी की जीत उतनी बड़ी होती गई.
ऐतिहासिक जीत की तरफ बीजेपी-
भारतीय जनता पार्टी ने गुजरात में अब तक सबसे बड़ी जीत हासिल की है. बीजेपी ने 156 सीटों पर जीत दर्ज की है. सूबे के 62 साल के चुनावी इतिहास में ये बीजेपी की सबसे बड़ी जीत है. इससे पहले सबसे बड़ी जीत का रिकॉर्ड कांग्रेस के सीएम माधव सिंह सोलंकी के नाम था. सोलंकी की अगुवाई में कांग्रेस ने रिकॉर्ड 149 सीटों पर जीत दर्ज की थी. 2022 के चुनाव में बीजेपी ने इस रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया है. इस रिकॉर्ड जीत के साथ बीजेपी 7वीं बार सरकार बनाने जा रही है. साल 1995 से गुजरात में बीजेपी सत्ता में है.
बीजेपी की बड़ी जीत के कारण-
गुजरात में बीजेपी की सबसे बड़ी जीत के पीछे कई कारण है. इसमें पीएम मोदी फैक्टर, आम आदमी पार्टी की जोरदार उपस्थिति, चुनाव में कांग्रेस की सुस्ती जैसे कई फैक्टर शामिल हैं.
पहला कारण: पीएम मोदी का कद
गुजरात पीएम मोदी का गृह सूबा है. जिसका फायदा बीजेपी को हमेशा मिलता है. सूबे के लोग पीएम मोदी को अपना समझते हैं. पीएम मोदी का गुजरातियों के गहरा लगाव है. सूबे में पीएम मोदी के कद का कोई भी नेता दूसरी पार्टियों में नहीं है और इसका फायदा बीजेपी कई चुनावों से उठा रही है. पीएम मोदी ने सूबे में खूब प्रचार किया. नरेंद्र मोदी ने बीजेपी के प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी. चुनावी रुझान बता रहे हैं कि लोगों ने भी गुजरात के बेटे का मान रखा है और उन्हें झुकने नहीं दिया है.
दूसरा कारण: कांग्रेस की सुस्ती
सूबे में बीजेपी की बड़ी जीत की एक वजह कांग्रेस की सुस्ती भी है. चुनाव में कांग्रेस कहीं भी उत्साहित नजर नहीं आई. कांग्रेस के बड़े नेताओं ने चुनाव प्रचार में जोर नहीं लगाया और चुनाव प्रचार प्रदेश स्तर के नेताओं पर छोड़ दिया. राहुल गांधी खुद भारत जोड़ो यात्रा में बिजी रहे. राहुल गांधी ने गुजरात में कुछ खास नहीं किया. कांग्रेस के कई बड़े नेता पार्टी छोड़कर बीजेपी में चले गए. आदिवासी नेता मोहन्सिन रथवा, हिमांशु व्यास, हार्दिक पटेल जैसे नेताओं ने बीजेपी का दामन थाम लिया. जिसकी वजह से कांग्रेस कार्यकर्ता हताशा से भर गए. इसका असर चुनाव प्रचार के साथ-साथ परिणाम पर भी नजर आया.
तीसरा कारण: AAP का जोरदार प्रचार
बीजेपी की जीत में आम आदमी पार्टी का जोरदार प्रचार भी एक वजह रहा. सूबे में आम आदमी पार्टी ने बीजेपी के विकल्प के तौर पर खुद को पेश किया. बीजेपी विरोधी वोटर्स AAP और कांग्रेस के बीच फंस गए. नतीजे बता रहे हैं कि वोटर्स कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को लेकर कन्फ्यूजन में रहे. ये भी कहा जा सकता है कि विपक्ष का वोट कांग्रेस और आम आदमी पार्टी में बंट गया. साल 2017 चुनाव के मुकाबले इस बार कांग्रेस का वोट प्रतिशत काफी हद तक कम हो गया है. चुनाव रूझानों की बात करें तो आम आदमी पार्टी ने इस चुनाव में काफी वोट हासल किया है.
चौथा कारण: गुजराती अस्मिता पर जोर
बीजेपी ने चुनाव प्रचार के दौरान गुजराती अस्मिता पर जोर दिया. बीजेपी ने पीएम मोदी को गुजरात का बेटा के तौर पर पेश किया. जबकि अरविंद केजरीवाल को बाहरी बताया. जिसका फायदा नतीजों में बीजेपी को होता दिख रहा है. गुजरात की जनता ने पीएम मोदी को स्वीकार कर लिया है और बीजेपी को झोली भर कर वोट दिया है.
पांचवां कारण: चुनाव से पहले पूरा मंत्रिमंडल बदलना
बीजेपी ने चुनाव से पहले पूरी कैबिनेट को बदल दिया. जिससे मंत्रियों को लेकर जनता की नाराजगी कम हो गई. नए मंत्रिमंडल से पार्टी कार्यकर्ताओं से लेकर जनता में भी उत्साह बढ़ा. नए कैबिनेट ने उत्साह के साथ काम करना शुरू किया और जनता को भरोसा दिलाया कि अब जन कार्यों में तेजी आएगी.
बीजेपी की ऐतिहासिक जीत के मायने-
गुजरात में बीजेपी ऐतिहासिक जीत की तरफ बढ़ रही है. इस जीत से बीजेपी को सूबे के साथ-साथ देशभर में फायदा मिलेगा. बीजेपी के कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ेगा और आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर कार्यकर्ता पूरी मुस्तैदी के साथ पार्टी के लिए समर्पित होंगे. चलिए आपको बताते हैं कि बीजेपी के लिए इस जीत के क्या मायने हैं.
2024 चुनाव में हाई रहेगा जोश
दिल्ली एमसीडी में हार और हिमाचल प्रदेश में कांटे की टक्कर के बीच गुजरात में इतनी बड़ी जीत से पार्टी नेतृत्व का मनोबल बढ़ेगा. कार्यकर्ताओं का जोश हाई रहेगा. पार्टी को एक बार सूबे की सभी सीटों पर जीत की उम्मीद बढ़ेगी. गुजरात की जीत से पूरे देश में बीजेपी के कार्यकर्ता उत्साहित होंगे और 2024 आम चुनाव की तैयारी में जुट जाएंगे.
पीएम मोदी की बढ़ेगी विश्वसनीयता
इस जीत से पीएम मोदी का चेहरा और चमकेगा और उनपर देश की जनता का भरोसा बढ़ेगा. चुनाव जीतने की मशीन कही जाने वाली मोदी-शाह की जोड़ी पर पार्टी कार्यकर्ताओं का भरोसा और भी मजबूत होगा. इसका फायदा उन राज्यों में पार्टी को होगा, जहां उनकी सीटों की संख्या कम है और कार्यकर्ताओं का मनोबल गिर रहा है. इस जीत से पार्टी उनका मनोबल बढ़ाने का काम कर सकती है.
गुजरात से देश को संदेश
सूबे में इस जीत से बीजेपी देश को बड़ा संदेश दे सकती है कि गुजरात में 27 साल के शासन के बाद भी वोटर्स ने पार्टी में भरोसा जताया है, उसी तरह से देश की जनता भी फिर से एक बार पीएम मोदी और बीजेपी पर भरोसा जता सकती है. इस संदेश के साथ बीजेपी 2024 आम चुनाव में जा सकती है और फिर से जीत के लिए कार्यकर्ताओं में जोश भर सकती है.
बीजेपी के टक्कर में कांग्रेस फिसड्डी
गुजरात में इतनी बड़ी जीत के इस और मायने है. बीजेपी इस नजरिये से देश की जनता को समझाने की कोशिश कर सकती है कि उनकी टक्कर में कांग्रेस कहीं नहीं टिकती है. कांग्रेस पार्टी अब बीते दिनों की बात हो गई है. मोदी-शाह की जोड़ी जनता को ये बताने का प्रयास करेगी कि कांग्रेस और राहुल गांधी जनता के मुद्दों से दूर हो चुके हैं. बीजेपी इसका फायदा आने वाले राज्यों के चुनाव और आम चुनाव में उठा सकती है.
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